India (21/01/22): कल टीवी पर शोले देख रही थी… मेरे पैदा होने से पहले आयी थी शोले और सबकी तरह मुझे भी बहुत पसंद है। आख़री सीन मे वीरू शहर लौट रहा होता है ट्रैन मे, नज़र पड़ी ट्रैन के काले पंखो पर, वो पंखे जो कई सालो बाद, मेरे बेटे के पैदा होने के बाद तक भी वैसे ही देखे ट्रेनों मे। शोले की वो ट्रैन देख लगा की ना जाने कितने सालो तक कोई बदलाव ही नहीं आया था रेलवे मे। फिर आज किसी का भोपाल स्टेशन का video देखा… यकीन नहीं हुआ तो google कर देखा। सच है भारत प्रगतीरथ है, और बहुत तेज़ी से।
IT क्षेत्र के धुरंधर स्टीव जॉब्स ने कहा था “stay hungry, stay foolish”. जब तक हमारे अंदर कुछ कर गुजरने की भूक, और कुछ टटोल कर सीखने की चाह नहीं होंगी, हमारा विकास नहीं हो सकता। प्रश्न पूछना, बात समझना, विकल्पों का प्रतिमाप करना हमें एक बेहतर समझ देता है।
इस दौर मे जब हम पका पकाया देखने सुनने के आदि हो गए है, जब पत्रकारिता पक्ष विपक्ष मे बट चुकी है, जब whatsapp की हर बात ‘खबर’ लगने लगी है… तो प्रजातंत्र खतरे मे है।
ज़रूरी है की हम इस चुनाव के दौर मे गरमागरम खबरों और बड़े बड़े वादों के प्रलोभन मे ना आये। एक सशक्त देश की नीव है एक सशक्त प्रजातंत्र…एक सशक्त प्रजा।
जब हम स्वयं की मानसिकता विकसित करेंगे, हर बात की परख करना सीख लेंगे और अपने प्रतिनिधि उचित मापदंडो के आधार पर चुनेंगे तभी विकास सार्थक होगा।
इस बदलते दौर मे मुद्दे बदल चुके है, अपने प्रतिनिधि उनकी जाती, धन या शक्ति के बल पर ना चुने, उनके काम के बल पर चुने। जो नेता covid काल मे आपकी जान खतरे मे डाल रैली करें, जिसने पिछले मानिफेस्टो के वादे ना पूरा करें हो, जो क़ानूनी मुजरिम हो उसे चुन कर आप लाएंगे तो आप देश को पांच साल का कोड़ दे देंगे।
भारत, जहा हर 200 किलोमीटर मे भाषा, भोजन और संस्कृति बदल जाती है… ऐसे “अनेकता मे एकता” के प्रतियायी राष्ट्र के उत्थान का कारण है उसका प्रजातंत्र।
इस बार समय दीजिये खुद को, देखिये की कौनसे मुद्दे आपके लिये सबसे ज़रूरी है, देश दुनिया के लिये सबसे ज़रूरी है … और सही निर्णय के साथ सही प्रतिनिधि को वोट दीजिये।
(लेखक USA में आइ.टी प्रोफ़्रेशनल, कवयित्री और लघु-कथा लेखक है)