ब्रेक के बाद सरकार और किसान नेताओं की बैठक फिर शुरू हो गई है। किसान नेताओं ने लंच ब्रेक के दौरान एक बार फिर चर्चा की कि तीनों कानून और एमएसपी का मुद्दा तो सरकार को मानना ही पड़ेगा। इससे कम पर हम नहीं मानेंगे. अभी मीटिंग शुरू नहीं हुई है। अधिकारी और मंत्री अलग से बातचीत कर रहे हैं।
किसानों संगठनों के नेताओं ने बैठक में कनाडा के प्रधानमंत्री के बयान का हवाला दिया। किसान नेताओं ने कहा कि नए कृषि कानूनों पर कनाडा के प्रधानमंत्री और वहां की संसद चर्चा कर रही है, लेकिन हमारी सरकार हमारी बात को नहीं सुन रही।
विज्ञान भवन में मीटिंग के दौरान किसानों ने लंगर से खाना मंगवाया और नीचे फर्श पर बैठकर खाया। किसानों के लिए लंच भी आया था और चाय भी। लंच में दाल, सब्जी और रोटी रही। किसानों के लिए लंच बंगला साहब गुरुद्वारे से पहुंचा।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ‘कक्का’ ने कहा कि किसान अब बिना अध्यादेश को रद्द कराए वापस नहीं लौटेंगे। यह आंदोलन निर्णायक होगा और यह एक जन आंदोलन का रूप लेने लगा है। वह साफ कहते हैं कि अब सरकार के आश्वासन पर आंदोलन नहीं खत्म होगा।
किसानों को अब आश्वासन नहीं तीनों तीनों अध्यादेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश चाहिए। किसान आंदोलन अब किसी भी स्थिति में स्थगित या रद्द नहीं होगा, हम कानूनों के रद्द होने तक मानेंगे यह बात एकदम क्लियर है।
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