नोएडा सेक्टर 18 मार्किट की समस्याओं के समाधान से उत्तर प्रदेश सरकार भी हो जाएगी मालामाल ।टेन न्यूज की विशेष रिपोर्ट- व्यापारियों की माँग , बड़ी समस्याओं से मिले तत्काल निजात

ABHISHEK SHARMA

कोरोना संक्रमण का असर हर वर्ग, हर क्षेत्र, हर कारोबार में देखने को मिला है। इस साल के अंत तक कोरोना वायरस अगर खत्म भी हो जाए तो भी कारोबारियों के हालात सुधरने में सालों लग जाएंगे। दरअसल कोरोना संक्रमण के भय की वजह से कुछ महीने तो यहां आने जाने की घोषित पाबंदी रही है, जबकि इसके बाद कई महीने तक लोग अघोषित तौर पर दूरी बनाकर रखेंगे।

सामने दिख रहे हालात से व्यवसाय से जुड़े कारोबारी चिंतित हैं। कारोबारी खुद मानते हैं कि इस वर्ष के बाद स्थिति अगर सामान्य होती है तो कोविड-19 के प्रभाव से बाहर आने में कम से कम एक वर्ष का समय लग सकता है।

इसी क्रम में टेन न्यूज़ नेटवर्क लगातार ऑनलाइन वेबीनार आयोजित कर रहा है, जिसमें हर वर्ग के लोगों की समस्या को उठाया जाता है और विशेषज्ञों के माध्यम से समस्या का हल जाना जाता है। वही टेन न्यूज पर ‘व्यापार की बात एस के जैन के साथ’ कार्यक्रम की शुरुआत हुई है, जिसमें नोएडा का दिल कही जाने वाली सेक्ट-18 मार्किट की समस्याओं पर चर्चा की गई।

इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर अनिता सिंह (ओनर – बी.बी स्टेशनरी सेंटर) उपस्थित रही। वहीं कार्यक्रम में कुलदीप गुप्ता (ओनर, मोबाइल स्टोर) और नीरज कुमार खेमका (निदेशक, इलैक्ट्रो मार्ट स्टोर्स, प्रा.लि.) पैनलिस्ट की भूमिका में रहे।

वही इस कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता व्यापारियों के मित्र एवं कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के संयोजक सुशील कुमार जैन रहे। सुशील कुमार जैन ने कार्यक्रम का संचालन अपने अनुभव के जरिए बेहद बखूबी से किया। उन्होंने होटल एवं रेस्टोरेंट कारोबारियों की वर्तमान स्थिति और भविष्य पर काफी सवाल किए, जिनका विशेषज्ञों ने उत्तर दिया।

अनीता सिंह ने कहा कि जब मैंने अपने कारोबार की शुरुआत की थी तो उस समय सेक्टर 18 मार्केट शुरू हुई थी। उस वक्त लोग यहां आकर पार्किंग में लगी गाड़ियों को गिनते थे। पार्किंग में खड़ी गाड़ियों के आधार पर लोग मार्केट की क्षमता का अनुमान लगाते थे। उस वक्त कुछ बड़े ब्रांड यहां आने शुरू हुए थे। समय के साथ-साथ सेक्टर 18 मार्केट में काफी बदलावों का सामना किया है।

अनीता सिंह ने कहा कि एक समय ऐसा आया कि दिल्ली के लोग नोएडा की तरफ मूव करने लगे और सेक्टर 18 मार्केट शॉपिंग का बड़ा केंद्र बन गया। सेक्टर 18 मार्केट में पांच इंटरनेशनल रेस्टोरेंट, बड़े ब्रांड और सबसे ज्यादा बैंक इस मार्केट में हैं। इसका कारण यही था कि यहां पर जो व्यापारी थे, उन्होंने इस मार्केट को काफी अच्छी तरीके से विकसित किया। कस्टमर्स को लुभाने के लिए नए नए ब्रांड यहां शामिल होते गए।

उन्होंने कहा कि जब कोई मार्केट चलती है तो वहां लोगों का ध्यान आकर्षित होता है। यहां धीरे-धीरे ऑफिस खुलने लगे, फिर यहां मेट्रो आई। मेट्रो की सौगात मिलने के दौरान इस मार्केट को काफी दिक्कतों का सामना करना पडा। एक तरह से मार्केट दोबारा से विकसित की गई। मेट्रो का आधार बना , सीवर लाइन खोद कर फिर से डाली गई। इन सबके बीच मार्केट को काफी कुछ सहन करना पड़ा।

अनीता सिंह ने कहा कि सेक्टर 18 मार्केट में हरियाली तो बिल्कुल देखने को नहीं मिलती है। यहां मूलभूत सुविधा कही जाने वाली स्ट्रीट लाइट तक नहीं लगी हुई है। इसके लिए कोई प्रोविजन नहीं बनाया गया। जब यहां पर गाड़ियों की संख्या बढ़ने लगी तो मल्टी लेवल पार्किंग का प्राधिकरण ने निर्माण किया।

अनीता सिंह ने कहा कि मुझे लगता है कि मल्टी लेवल पार्किंग डीएलएफ मॉल के लिए है ना कि सेक्टर 18 के लिए। मुख्य मार्केट के लिए मल्टी लेवल पार्किंग का रास्ता सेक्टर 18 की तरफ नहीं खोला गया है। मल्टी लेवल पार्किंग बनाने के पीछे डीएलएफ मॉल का फायदा देखा गया।

कुलदीप गुप्ता ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सन् 2001 में उन्होंने यहां मोबाइल के कारोबार की शुरुआत की थी। तब यहां पर मोबाइल की सिर्फ दो या तीन दुकानें थी। उस वक्त हम दिन में एक फोन बेच देते थे तो मन में सुकून रहता था। धीरे धीरे ग्राहकों की संख्या बढ़ी, काम चलने लगा और मेहनत करके मार्केट में बड़ा काम किया है।

उन्होंने कहा कि आज के समय में सेक्टर 18 मार्केट में ही मोबाइल की 40 से अधिक दुकानें हैं। मार्केट में दुकान होने के साथ-साथ यहां की सुविधाओं, व्यवस्था को भी दुकानदारों ने मेंटेन किया है। जब मार्केट बढ़ने लगी तो दुकानदारों को उम्मीद थी कि उनका काम भी अच्छा चलेगा , लेकिन इसके बावजूद व्यापारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि किसी ना किसी तरीके से प्राधिकरण दुकानदारों पर बोझ डालता रहा। उन्होंने कहा कि जब नोएडा प्राधिकरण ने मार्केट विकसित की थी तो उस वक्त एक तरफ कार पार्किंग की सुविधा दी गई थी। धीरे-धीरे समय के साथ यह अपनी योजनाओं में बदलाव करते रहे लेकिन इन सब बदलावों में दुकानदार को काफी दिक्कतें हुई हैं।

उन्होंने कहा कि आज के समय में सेक्टर 18 मार्केट में जाम की समस्या विकराल बनती जा रही है। इसके लिए प्राधिकरण को दूसरी तरफ की सरफेस पार्किंग की व्यवस्था करनी पड़ेगी। तभी इस समस्या से निजात मिल सकती है, इससे दुकानदारों को भी राहत मिलेगी।

 

नीरज कुमार खेमका ने बताया कि सन 2003 में उन्होंने यहां बडे ब्रैंड का सबसे बड़ा स्टोर खोला था। हमारे पास दिल्ली समेत कई अन्य जगहों के ऑप्शन थे, लेकिन उस वक्त सेक्टर 18 मार्केट की एक अलग छवि थी। कंपनी ने हमें नोएडा में आकर शोरूम खोलने का प्रस्ताव दिया। जिसके बाद हमने नोएडा की मार्केट में शोरूम खोला।

उन्होंने बताया कि उस वक्त की मार्केट काफी अच्छी थी। रास्ते काफी खुले खुले थे, ग्राहक काफी अच्छे थे तो उसके हिसाब से मार्केट काफी अच्छी चल रही थी। इस दौरान हमने अच्छी ग्रोथ की। लेकिन जब से यहां अन्य विकास कार्य होने शुरू हुए तो इस दौरान दुकानदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

2011 में यहां अंडर पास का कार्य शुरू हुआ था, उस दौरान मार्केट में बुलडोजर चले थे, तब से अब तक यहां लगातार बुलडोजर का कार्य चल रहा है। मार्केट के विकास का कार्य अभी तक खत्म नहीं हुआ है। जब कारोबारियों का यहां व्यापार चलना शुरू हुआ, तभी बड़े ब्रांड और मॉल यहां खुलने शुरू हो गए। जीआईपी और डीएलएफ के आने के बाद सेक्टर 18 की मार्केट में काफी गिरावट देखने को मिली। दुकानदार परेशान रहने लगे।

उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र के विकास का पूरा क्रेडिट दुकानदारों को जाता है उनकी मेहनत का मजा अब माॅल ले रहे हैं। मार्केट को इस तरह से बंद कर दिया है कि अब ग्राहक जाम और अन्य समस्याओं को देखते हुए मॉल में जाना पसंद करते हैं। यहां पार्किंग इतनी बड़ी समस्या बनी हुई है कि अगर कोई मार्केट के अंदर गाड़ी लेकर आ जाए तो आधे घंटे तो गाड़ी पार्क करने के लिए चक्कर लगाता रहता है।

उन्होने आगे कहा कि जब सेक्टर 18 में मल्टी लेवल पार्किंग बनाने का प्रस्ताव रखा गया तो उस दौरान दुकानदारों के हित में कई बातें रखी गई। लेकिन उनका अनुसरण किसी ने नहीं किया। प्राधिकरण ने दुकानदारों को बड़े-बड़े सपने दिखाए, जिसके चलते हमने पूरा सहयोग दिया लेकिन उसके बाद दुकानदारों को सिर्फ धोखा मिला है।

सुशील कुमार जैन ने कहा कि जब डीएलएफ को सेक्टर 18 की कार पार्किंग दी थी, तो सभी दुकानदारों ने इसका काफी विरोध किया था। उस समय के जो जिलाधिकारी थे उन्होंने दुकानदारों का पक्ष सुना और माना था कि हमारी मांगे सही हैं और इस पर विचार किया जाए।

उन्होंने कहा था कि अगर सेक्टर 18 में मल्टी लेवल पार्किंग बनानी है तो उसके रेट इस हिसाब से रखने पड़ेंगे कि सभी लोग अपनी कार मल्टी लेवल पार्किंग में पार्क करें और उचित समझें कि बाजार में पैदल चले जाएं, लेकिन जिलाधिकारी की भी बातों का कोई मोल नहीं रहा। प्राधिकरण ने मल्टी लेवल पार्किंग और सरफेस पार्किंग के चार्ज काफी महंगे रखे। इसमें व्यवस्था चलाने वाली बात कहीं नहीं थी।


Discover more from tennews.in: National News Portal

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave A Reply

Your email address will not be published.