Text of the PM’s keynote address at the “Invest Madhya Pradesh: Global Investor Summit 2014” in Indore

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भाइयों और बहनों,

ये ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें मुझे पूरा समय रूकना चाहिए। दो दिन हो तो दो दिन रूकना चाहिए। इस बार मैं वो नहीं कर पाया हूं, भविष्‍य में जरूर प्रयास करूंगा। क्‍योंकि मैं भली-भांति जानता हूं कि देश की ताकत राज्‍यों में निहित होती है और जो राज्‍यों की ताकत समझता है वही देश को ताकतवर बना सकता है। भारत को अगर आगे बढ़ाना है तो राज्‍यों का आगे बढ़ना बहुत आवश्‍यक है।

भारत एक Pillar पर ऊंचाई प्राप्‍त नहीं कर सकता है। हर मजबूत राज्‍य के Pillars ultimately देश को ऊपर ले जाते हैं। केंद्र सरकार का ये दायित्‍व बनता है कि सभी राज्‍यों को विकास के लिए प्रोत्‍साहित करे। जहां जरूरत पड़े, वहां पूरी शक्ति से उनके साथ जुड़े रहें, और तब जाकर के हम विकास की नई ऊंचाईयों को प्राप्‍त कर पाएंगे। मैंने प्रारंभ से कहा है कि देश के विकास के लिए मैं टीम इंडिया, इस मंत्र को लेकर के आगे काम करना चाहता हूं। और मैं जब टीम इंडिया की बात करता हूं, तब प्रधानमंत्री और सभी मुख्‍यमंत्री एक ऐसी टीम है जो टीम कंधे से कंधा मिला कर के काम करे तो बहुत से कामों में तेजी आ सकती है। विकास की नई ऊंचाईयों को प्राप्‍त किया जा सकता है।

मुझे मुख्‍यमंत्री के नाते काफी अनुभव रहा है। और इसलिए केंद्र और राज्‍य के परस्‍पर सहयोग के रिश्‍ते कितनी ताकत दे सकते हैं, इसका मुझे पूरा-पूरा अंदाज है और स्‍वअनुभव से अंदाज है। अगर सहयोग न हो तो कितनी तकलीफ होती है, इसका भी पूरा अंदाज है। मुझे अकेले को नहीं, शिवराज जी को भी पता है। उन्‍होंने दस साल कैसे बिताये हैं, मुझे मालूम है। इसलिए भारत जैसे देश को आगे बढ़ाना है, तो केंद्र और राज्‍य के रिश्‍ते 36 तो कतई नहीं हो सकते। और होना ही नहीं चाहिए। 36 का आंकड़ा कतई उपयोगी नहीं होता। केंद्र और राज्‍य प्रतिस्‍पर्धी नहीं हैं। केंद्र और राज्‍य दुश्‍मनी भी नहीं करते। केंद्र और राज्‍य एक-दूसरे के पूरक है। ये मैसेज, हिन्‍दुस्‍तान में जो काम करना चाहते हैं उन सबको होना चाहिए। आप किसी भी राज्‍य में जाइए, वह राज्‍य अगर आपके साथ खड़ा है, तो आप लिख के रखिए, केंद्र आपके साथ खड़ा है। कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।

जैसे मैं कहता हूं कि 36 का आंकड़ा नहीं होना चाहिए, वैसे, सिर्फ आस-पास होने से भी बात बनती नहीं है कि केंद्र और राज्‍य पास-पास खड़े हैं। पास-पास खड़े रहते हैं तो 1+1 = 2 होता है। 36 से बाहर निकल गए, अच्‍छी बात है। लेकिन यहां पर अटकने से काम नहीं होगा। पास-पास हैं तो 1+1= 2 होता है। मुझे तो इससे भी 2 कदम आगे जाना है। पास-पास नहीं, साथ-साथ होना है। और जब साथ-साथ होते हैं तो एक से मिलकर एक 11 हो जाता है। केंद्र और राज्‍य, इनकी शक्ति इतनी गुना बढ़ जाती है। इसलिए ये जो extra energy है, उसको लेकर के मुझे आगे बढ़ना है।

हम पहले जब Mathematics पढ़ते थे तो पढ़ते थे (A + B)2 और जब उसका रिजल्‍ट निकालते थे तो A2 + B2 + 2AB, ऐसा उसका रिजल्‍ट निकालते थे। ये टू एबी कहां से आया ? ये टू एबी है, जुड़ने की extra energy होता है। जब वो संगठन का ब्रेकेट लग जाता है, केंद्र और राज्‍य का मिलन हो जाता है, (A + B)2 हो जाता है, A2 + B2 + 2AB । ये जो “2AB” निकलता है, वह extra energy बनता है। इस extra energy को लेकर के हम देश को आगे बढ़ना चाहते हैं।

आप कल्‍पना कर सकते हैं, अगर सही नेतृत्‍व हो, नीति स्‍पष्‍ट हो, नियत साफ हो, इरादे नेक हो, दिशा निर्धारित हो, मकसद पाने का इरादा हो तो बीमारू राज्‍य भी प्रगतिशील राज्‍य बन सकता है। इसका उत्‍तम उदाहरण शिवराज जी, उनकी टीम और मध्‍य प्रदेश ने दिखाया है।

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पूरे विश्‍व को पता होना चाहिए, कि जो राज्‍य 2 प्रतिशत से भी कम Growth Rate से गुजरता था वो दस साल में 9 प्रतिशत Growth Rate पर पहुंच गया। विश्‍व ये भाषा समझता है और विश्‍व को हमें समझाना चाहिए और भारत सरकार ने मध्‍यप्रदेश का ढोल पीटना चाहिए। दुनिया जाने कि भई कैसे बदलाव आ रहा है। Infrastructure का क्षेत्र.. आप कल्‍पना कर सकते हैं कि कितने कम समय में Irrigation Land को चार गुणा Cover कर दिया जाए.. जो काम इतनी तेजी से हो सकता है और Agriculture Sector का Infrastructure, ये विकास की एक बहुत बड़ी, महत्‍वपूर्ण धरोहर बनता है। ये काम यहां हुआ।

बिजली Surplus state बना दिया गया, रोड का नेटवर्क खड़ाकर दिया गया और Land Locked State होने के बावजूद भी। थोड़ी बहुत पहले पहचान थी तो Agriculture की पहचान थी, उसको Manufacturing State में Convert करने की दिशा में एक बीड़ा उठाया और इसके लिए मध्‍यप्रदेश बहुत-बहुत अभिनंदन का अधिकारी है। भारत के सामने एक प्रमुख लक्ष्‍य है, और वो प्रमुख लक्ष्‍य है रोजगार उपलब्‍ध कराना। हमारी पहली प्राथमिकता विकास में ये है कि हम सर्वाधिक रोजगार कैसे उपलब्‍ध करा सकें। ये देश नौजवानों का देश है, उनके हाथ में अगर रोजगार के अवसर होंगे तो केंद्र और राज्‍य मिलकर के जितनी ताकत से आगे बढ़ते है, अगर इन नौजवानों की भुजाएं हाथ लग जाएं, तो शायद ऊंचाईयों को पार करने में हमे देर नहीं लगेगी, ये मेरा विश्‍वास है।

इसलिए हम.. चाहे Agriculture Sector हो। Manufacturing Sector हो, चाहे Service Sector हो। तीनों को समान रूप से बल दे करके अधिकतम रोजगार उपलब्‍ध हो, उस दिशा में हम काम को आगे बढ़ाना चाहते हैं। जब हम Make in India कहते हैं, तो हम विश्‍व को विश्‍वास दिलाना चाहते हैं कि अपार संभावनाएं पड़ी हैं। कृपा करके भारत को सिर्फ बाज़ार मत समझिए। विश्‍व का ध्‍यान भारत पर इसलिए गया कि उनको लगा सवा सौ करोड़ देशवासियों का Market है। चलो माल Dump करो! बेचो! और मुनाफा कमाओ! मैं विश्‍व को बढ़ता हूं कि यहां तक सीमित मत रहिए। अगर भारत विकास नहीं करेगा तो उसका Purchasing Power नहीं बढ़ेगा। अगर भारत का Purchasing Power नहीं बढ़ेगा, हर भारतीय का Purchasing Power नहीं बढ़ेगा तो आपका ये बाजार के रूप में देखने का सपना अधूरा रहेगा। इसलिए आपका भी भला इसमें है, इसलिए आपका भी भला इसमें है, कि यहां पूंजी निवेश कीजिए, यहां के लोगों की खरीद शक्ति बढ़े, तो फिर वो यहीं आपका ही उत्‍पादन किया माल लेने वाले हैं।

इसलिए Make In India ये Concept भिन्‍न-भिन्‍न Situation वाला है, आपके लिए, कोई भी दुनिया का Manufacturer है, उसे क्‍या चाहिए? उसे Low Cost Production चाहिए, उसे Skilled man Power चाहिए। उसे Zero man days loss चाहिए। उसको Effective Governance चाहिए। उसको Proper Infrastructure चाहिए। मैं विश्‍वास से कहता हूं कि मध्‍य प्रदेश की धरती में, मध्‍यप्रदेश की सरकार में ये सामर्थ्‍य है, ये सारी बातें आपको देने का। ये आपके लिए एक प्रकार से सुनहरा अवसर है। यह सुनहरा अवसर है, यह मौका आपको गंवाना नहीं चाहिए।

मध्‍यप्रदेश के पास एक अनमोल संपत्ति है, जिसकी तरफ बहुत कम लोगों को ध्‍यान है। यह भारत का दूसरा विशाल state है। बहुत जमीन है इस राज्‍य के पास। बहुत जमीन है। शायद हिन्‍दुस्‍तान में जमीन के मालिकाना में इतना सुखी राज्‍य कोई नहीं होगा देश में। और जनसंख्‍या की दृष्टि से ये दुनिया के बड़े-बड़े देशों से भी बड़ा है। और इसलिए इतनी क्षमता वाला ये राज्‍य आने वाले दिनों में विकास के लिए कितनी अनुकूलता पैदा कर सकता है। Manufacturing sector में भी हम उस Manufacture को Priority दें, जिसमें export की पूरी संभावना है।

भले हम छोटे-छोटे, छोटे-छोटे उद्योगों का नेटवर्क बनाएं, लेकिन वो कंपोनेंट भी एक्‍सपोर्ट करने का अवसर हो। भले ही असेम्‍बलिंग दुनियाभर में कहीं भी हो रहा हो। हम उस दिशा में कैसे आगे बढ़ सकते हैं। हम छोटे-छोटे उद्योगों के जाल के साथ बड़े उद्योगों को सहायता करने वाला नेटवर्क कैसे तैयार करें, Inter dependence व्‍यवस्‍था को हम कैसे Promote करें ?

मैं मानता हूं कि मध्‍य प्रदेश ने उस दिशा में ध्‍यान दिया है और यहां SME Sector का सम्‍मेलन बुलाया था। मध्‍यप्रदेश के लोग थे, लेकिन उनको प्रोत्‍साहन देना, उनको मदद देना और ये जो उद्योगकार आए हैं बड़े-बड़े, उनका ध्‍यान जाए कि छोटे-छोटे component बन रहे हैं, उनके लिए उनके पास भी opportunity है। ये दोनों की Inter dependent व्‍यवस्‍था अगर खड़ी हो जाती है, तो छोटे-छोटे उद्योगाकारों के लिए भी एक बहुत बड़ी Market Chain खड़ी हो सकती है, और उसका फायदा मिल सकता है।

उसी प्रकार से मध्‍य प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है, कि जिसने Agriculture sector में एक Infrastructure खड़ा किया। मध्‍य प्रदेश की जमीन उर्वर जमीन है। यह हमारा मालवा क्षेत्र का गेहूं, उसको लेने के लिए लोग कतार लगाते है। शायद, मालवा क्षेत्र का गेहूं, इतना sweet गेहूं, शायद हिन्‍दुस्‍तान के किसी कोने में होता हो। लेकिन Agriculture में सिर्फ किसान की मेहनत से यह economy drive करेगी, ऐसा नहीं होगा। समय की मांग है कि हम Agriculture sector में value addition के लिए मध्‍य प्रदेश को महत्‍व कैसे दें। सोयाबीन में मध्‍य प्रदेश ने अपना नाम बनाया है। ऐसे कई क्षेत्र हैं। हम

मध्‍य प्रदेश में special विचार करके Agriculture sector में value addition करें और उसके कारण हमारे किसानों की आय कितनी बढ़ेगी, इसका अंदाज कर सकते हैं। Agriculture sector का Infrastructure, चाहे cold storage हो, warehousing हो, Transportation के लिए vehicle की आवश्‍यकता हो। अब हमारे यहां सोयाबीन, हमारा सोयाबीन विदेश जाता है, अगर Port तक उसको Infrastructure मिलेगा। यहां के हमारे सोयाबीन, मैं मानता हूं कि दुनिया के बाजार में जाने में उसको बहुत सुविधा रहेगी। तो हमारे Agriculture Sector को Proper Market मिले, आपको जानकर बहुत आश्‍चर्य होगा और मुझे हैरानी है कि हमारे शिवराज जी भी उस बात का फायदा नहीं उठाते। उठाते होंगे तो मुझे ध्‍यान में नहीं है।

यहां बैठे हुए कई लोगों के लिए वह खबर शायद surprise दूंगा मैं आज। ये एक ऐसा प्रदेश है, जहां पर हिन्‍दुस्‍तान में कुल जो Organic farming होता है, Organic farming का उत्‍पादन है, अकेला मध्‍य प्रदेश 40% Contribution कर रहा है Organic farming में। ये-ये-ये किसी का ध्‍यान नहीं है इस बात पर। Organic Agro Product का आज World Market है, Global Market पड़ा हुआ है। और एक राज्‍य हिन्‍दुस्‍तान के Total Agro Market का organic Agro Market का 40% देता है, मतलब यहां के किसानों ने पूरी मानव जाति की बहुत बड़ी सेवा करने का काम किया है। और Holistic Health Care का दुनिया में जो प्रवाह चल रहा है, उसमें अपनी जगह बनाने का मौका दिया है। यह हम सबका दायित्‍व बनता है, कि हम उसको अवसर दें। हम उसको अवसर दें।

ये हम सबका दायित्‍व बनता है, कि हम उसको अवसर दें। यानी Agriculture Sector के साथ मध्‍यप्रदेश .. और भारत के अंदर, जैसे Global Market का Special benefit होता है, उसी प्रकार से, भारत जैसे Market के लिए मध्‍यप्रदेश का ऐसा Location Advantage है कि अगर हम Agro-Product में Value Addition करते हैं, पूरे हिन्‍दुस्‍तान में चारों दिशा में, बहुत बड़ा Easy Reach Out करने की, आपके लिए Opportunity है और मैं चाहता हूं Investors को.. इस दिशा में काम करें।

कोई सरकार तेज गति से जब चलती है, तो कितना उत्‍तम परिणाम दे सकती है। मोदी ने Make In India की बात अभी-अभी कही। बजट के अंदर केंद्र सरकार ने Defence के लिए बात कही। लोगों को लगता है, ठीक है मोदी ने कह दिया। बजट में बोल दिया! लेकिन बात आगे कैसे बढ़ती है ? मध्‍यप्रदेश देश का पहला राज्‍य बना, जिसमें Defence manufacturing की policy बना दी और जैसे ही भारत सरकार ने योजना बनाई, उसको तुरंत अपने लिए काम में लगा देने के लिए उन्‍होंने initiative लिया। ये जो है, विकास के लिए यही तौर तरीके हैं जो Ultimately काम करते हैं। उन्‍होंने तुरंत अपने राज्‍य के Resources, अपने राज्‍य के कानून, अपने राज्‍य की स्थिति और.. Defence Manufacturing Sector के लिए परंपरागत रूप से जबलपुर, ग्‍वालियर.. उसमें अपनी एक जगह थी। कालक्रम में सब नष्‍ट हो गया। या तो हालत बड़ी खस्‍ता हो गई..। लेकिन, यहां पर Natural Tendency पड़ी हुई है, जबलपुर और ग्‍वालियर में। जबलपुर, ग्‍वालियर की जो Natural Tendency है और शिवराज सिंह की सरकार ने जो Defence Policy लाए हैं, Defence Manufacturing Sector के लिए Policy लाए हैं और भारत सरकार का जो Initiative है.. मैं मानता हूं, भारत को Defence के Sector में Self Sufficient बनाने की दिशा में महत्‍वपूर्ण कदम मध्‍य प्रदेश ने उठाया है। मैं सभी क्षेत्र के Investors को कहता हूं कि ये देश की बहुत बड़ी सेवा का क्षेत्र खुल रहा है। और ये वो Manufacturing है जो भारत के Import को कम करेगा।

आज! आज हम हर छोटी चीज़ विदेशों से लाते हैं। अश्रु गैस के सेल भी बाहर से आता है। रोना भी बाहर से लाना पड़ता है जी! ये बदलना है और हमें कोई क्‍यों रूलाए? रोना होगा तो हम खुद रो लेंगे।

लेकिन एक अच्‍छा काम उन्‍होंने किया: Digital India. हमने बजट में घोषणा की, उसके बाद मैंने Digital India का एक Campaign को Organize किया, व्‍यवस्‍था बनाई। लेकिन अभी वहां हमारा काम, अभी-अभी तो हम कर रहे हैं। और मध्‍यप्रदेश Digital India को धरती पर उतारने के लिए दो Electronic Estate को बनाने का शिलान्‍यास कर देता है। अब देखिए, केंद्र और राज्‍य मिलकर के उस योजना के प्रकाश में, इस Vision के प्रकाश में, योजनाओं को Implement करने का काम की ओर तेजी से हो रहा है।

प्रधानमंत्री जन-धन योजना बनी। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना लांच की। बैंकों को लगाया। लेकिन मध्‍यप्रदेश ने इसे अपना बना दिया। इतने कम समय में 36 लाख लोगों के बैंक एकाउंट खोलने का काम मध्‍यप्रदेश ने कर दिया। और इतना ही नहीं, ये भारत सरकार से भी दो कदम आगे गए। उन्‍होंने परिवार को एक यूनिट बनाया, बैंक एकाउंट के साथ और Government Benefit Scheme को परिवार के साथ जोड़कर के Transfer करने की एक Perfect Planning करके रख दिया। यानी भारत सरकार का कोई Vision हो, उसके साथ राज्‍य सरकार immediately उसको पकड़कर के आगे बढ़ती है, तो कितना फायदा होता है। मैं यहां मध्‍यप्रदेश की एक-एक घटनाओं को बारीकी से देखता हूं और उसके आधार पर मैं कह रहा हूं, और मैं कोई कागज़ देखकर नहीं बोल रहा हूं।

और चुनाव जीतने के बाद मैं मध्‍यप्रदेश पहली बार आया हूं। जानकारियों के लिए खुद जाना नहीं पड़ता है। जानकारियां रखना एक जिम्‍मेवारी होती है। कहने का तात्‍पर्य यह है कि अगर केंद्र सरकार को हर राज्‍य के सामर्थ्‍य का पता हो, केंद्र को अगर राज्‍यों Priorities का पता हो, केंद्र को राज्‍य के Resources का पता हो, और किन चीजों में जुड़ने से देश का भला होगा, इसका Perfect Planning हो, तो मैं मानता हूं कि हम बहुत तेज गति से आगे बढ़ सकते हैं और आज के इस इस event से ये बात साबित हो जाती है कि काम कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है।

जैसा मैंने पहले कहा, मैं एक और विषय सभी राज्‍यों से कहना चाहता हूं – सिर्फ़ मध्य प्रदेश से मैं कह रहा हूँ, ऐसा नही है। अब समय बदल चुका है।

कोई देश, राज्‍य तो छोडि़ए, कोई देश अकेला अपनी दुनिया लेकर अपने ही सपनों में नहीं जी सकता। उसको global prospective में ही अपनी जगह बनानी पड़ती है। हम एक global era से गुजर रहे हैं, global economy का impact है। पहले मुंबई का शेयर बाजार कुछ करता था तो 24 घंटे के बाद impact महसूस होता था। आज New York के Market में कुछ होता है तो दो सेकेंड के बाद ही हिन्‍दुस्‍तान के Market में Impact होता है।

जगत बहुत बदल चुका है। और इसलिए हमें भी अपने को इस रूप में सज्य करना चाहिए। और हम राज्‍यों से चाहता हूं कि हम अपना एक Talent Pool बनायें। Global Talent Pool बनायें। एक Global Talent Pool की मेरी कल्‍पना ये है कि आपके राज्‍य के नागरिक दुनिया में कही-कहीं बसे हुए हैं। अगर हर गांव में पूछोगे कि आपके गांव से कितने लोग विदेश में हैं, तो गांव वाले बता देंगे कि 5 लड़के हमारे विदेश में है। कोई 25 साल पहले गया होगा, कोई 50 साल पहले गया होगा, उनको ढूंढना चाहिए। एक Global Networking करके Global Talent Pool बनाना चाहिए। और आज दुनिया में बैठे भारतीय भी भारत के लिए कुछ करना चाहते हैं। Dollar और Pound बाद की बात है। उनका experience, उनकी Talent, उनकी discipline ये हमें बहुत काम आ सकती है। उसके विषय में initiative लेना चाहिए और आने वाले दिनों में देखिए, इसका हमें फायदा मिल सकता है। आज विश्‍वभर में फैला हुआ हमारा जो Intellectual Property है, हमारा जो ये Talent है, ये Talent भारत के लिए काम आए, उसके लिए हमें नई सोच और नई Initiative के साथ काम शुरू करना होगा। इस काम को पहले राज्‍यों को शुरू करना होगा। तब जाकर के उस दिशा में काम आएगा। उस दिशा में काम करने की आवश्‍यकता है।

Skill Development को हमने बहुत बल दिया है। लेकिन Skill development का भी, in general में Skill Development का फायदा नहीं होगा। अगर Chemical Industry का cluster है, तो उसकी Mapping करके वहीं पे Chemical Industry के अनुकूल Skill Development कैसे हो? IT Potential area है, तो वहां IT Professionals के लिए Skill Development कैसे कैसे हो? Solar energy के लिए Potential area है, तो वहां पर Skill Development नौजवानों को Solar energy के sector के लिए कैसे हो?

यह अगर हम Mapping करके, Matching करके Skill Development के Time table को बनाते हैं, तो हमारे नौजवानों को रोज़गार के लिए अपने यहां से कहीं जाना नहीं पड़ेगा। उसको अपने ही दायरे में, अपनी ही क्षमता के आधार पर, अपने हुनर के आधार पर रोजगार मिलेगा। और इसलिए हमारी कोशिश है कि पूरे-पूरे भारत का Skill की Requirement के अनुसार Mapping होनी चाहिए। कहां कौन से cluster के Potential हैं, according to that – तो फिर कभी हमें रोजगार के लिए समस्‍याएं पैदा नहीं होगी। वरना आज क्‍या होता है? आपके रोजमर्रा जिंदगी में अनुभव आता होगा। एक तरफ नौजवान बेरोजगार है, और दूसरी तरफ आपके घर में नलका Repair करना है तो plumber नहीं मिल रहा है। यह mismatch जो है न, उसी ने तो कठिनाइयाँ पैदा की हैं। आप के पास गाड़ी है। ड्राइवर चाहिए। बेरोज़गार नौजवान हैं, लेकिन आपको ड्राइवर नहीं मिल रहा है।

ये हम Requirement को ध्‍यान में रखकर के हम Skill development का मिशन चलाना चाहते हैं। और यहाँ भी, Public Private Partnership के model को हम बढ़ावा देना चाहते हैं। Private पार्टियां भी आएं। आज हिन्‍दुस्‍तान में – आपको हैरानी होगी – the best quality के लाखों ड्राइवरों की जरूरत है देश में, लाखों ड्राइवरों की। इतने सारे नौजवान हैं। इतने सारे अकस्‍मात हो रहे हैं। क्‍या हमारी Public Private Partnership model पर जितनी भी Car Manufacturing कंपनियां है, ट्रक चलाने वाले associations हैं। क्‍या हम Driver Institution खड़ी नहीं कर सकते? The Best Quality के driver नहीं बना सकते? कहने का तात्‍पर्य ये है, कि हमें इन सारे कारोबार को बड़े Practical धरातल पर लाना पड़ेगा। जितना ज्‍यादा हम minute Planning करके हम Practical धरा पर लाएंगे, हम इसका परिणाम दे सकते हैं और परिणाम हमें देना चाहिए। और Skill Development को उस दिशा में हमने लेना चाहिए।

मैं समझता हूं कि आने वाले दिनों में – Short Term Project, Long Term Project – इन दोनों को बल देना चा‍हिए। सिर्फ Long Term Project को बल देंगे और Short Term छोड़ देंगे, तो निराशा आ जाएगी, हो सकता है, शायद परिणाम भी न आए। हमें दोनों का मेल करना होगा। और दोनों का मेल करके हम काम करेंगे।

एक हमारे देश में कमी महसूस हुई। हमने हमारा देश का जो Academic World है, उसको विकास में हिस्‍सेदार नहीं बनाया है और मैं मानता हूं इसके कारण देश को बहुत नुकसान हुआ है। आवश्‍यक है, कि Academic World, हमारी universities भी हो। हमारे Policy Maker हों Government के, Financial Institutions हों और Investor World हो। ये चार प्रकार के लोग बार-बार साथ बैठ करके विचार-विमर्श करना चाहिए, तब जाकर के हमारी University भी उस Syllabus को तैयार करेगी, कि भई अगर Medical Science में Stem Cell का युग आने वाला है, तो आज Medical में Stem Cell की education हो रही है कि नहीं हो रही है? Laboratory में Stem Cell के लिए आवश्‍यक प्रक्रियाएं हैं कि नहीं है? Manufacturers Stem Cell के लिए जो Equipment Manufacturing करना चाहिए, वो उसको मालूम है कि नहीं है? अगर ये पूरा हम बैठ करके सोचते है, तब तो हम Perfect Planning कर सकेंगे। लेकिन हमारे Finance वाले Finance की जगह पर काम करते है, Investor सरकार के दरवाजे पर दस्‍तक देता घूमता-फिरता है। राज्‍य में बैठा है, वो चिल्‍लाता रहता है आओ-आओ Invest करो Invest करो और Academic वाला Article लिखकर के कपड़े उतारता रहता है। और इसी के कारण, जबकि हर एक की, अपनी शक्ति है, इस शक्ति का उपयोग करना बड़ा महत्‍वपूर्ण है। ये जितना Area-Specific होगा उतना बढि़या होगा। In General भारत की बात करना बहुत सरल है, लेकिन वहां जा करके, बैठ करके, इस समस्‍या का रास्‍ता खोजना कठिन होता है लेकिन वो कठिन रास्‍ता ही हमे परिणाम दे सकता है।

अगर ऐसे Investors देश में 100 हो जाए तो Economy नहीं बदलती है, लेकिन राज्‍यों के अंदर एक एक हो जाए Economy बदलना शुरू हो जाती है। सही जगह यही है। अभी शिवराज जी वर्णन कर रहे थे। जापान, नेपाल, भूटान, बर्मा .. वो बोलने में तो बढि़या बोलते हैं बहुत! देखिए इन दिनों विदेश में जो गया, जिन-जिन देशों ने भारत में पूंजी निवेश की बात कही है। एक प्रकार से मैं कहता हूं- 100 बिलियन डॉलर ने वीज़ा के लिए Apply कर दिया है। जापान हो, चीन हो, अमरीका हो, 100 बिलियन डॉलर ने वीज़ा के लिए Apply कर दिया है। अब उस राज्‍य में दम चाहिए कि इसमें से जितना मार करके ले जाएं, रास्‍ता खुला पड़ा है। जो राज्‍य अपने आपको तैयार कर देगा,अपने आप को तैयार कर देगा, उसके लिए ये मौका है।

मैं हैरान हूं, कि आपने कल्‍पना की है कि हिन्‍दुस्‍तान के Railway में भारत की Economy को बदलने का कितना बड़ा Potential है? जो Railway हिन्‍दुस्‍तान की आर्थिक तंदुरूस्‍ती को बदल सकता है, हमने 50 साल उस रेलवे की तंदुरूस्‍ती के पीछे खपा दिए। रेलवे हिन्‍दुस्‍तान की Economic Health को बदल सकता है, इतनी ताकत पड़ी है, लेकिन हम दिन रात यही सोचते रहे, बजट में से कुछ Money Pump करो यार, रेलवे बचाओ! रेलवे बचाओ!

भाइयों बहनों मैं विश्‍वास से कहता हूं, एक दशक के अंदर हिन्‍दुस्‍तान में रेलवे में इतना Investment होगा, और 100% FDI की बात हमने कही है, बहुत बड़ा निर्णय किया है जी! और मैं रेलवे के सभी साथियों का अभिनंदन करता हूं कि भारत सरकार के इस निर्णय पर रेलवे में काम करने वाले लोगों ने हमारी सराहना की है, हमारे साथ खड़े हैं। ये जो ताकत खड़ी हुई है। रेलवे में Investment जितना आएगा, रेलवे का नेटवर्क जितना बढ़ेगा, वो Environment Friendly Movement तो होगा ही होगा लेकिन भारत के गरीब से गरीब लोगों को रोजगार देने की संभावना उसमें पड़ी है। रेलवे सिर्फ यातायात नहीं, रेलवे अर्थगति को बढ़ाने वाली एक गतिशीलता देने वाली ताकत रखता है।

हमें speed बढ़ानी है। Infrastructure बढ़ाना है। Quality improve करनी है। Technology को improve करनी है। और इन सारी बातों को कर कर के एक अकेला रेलवे का क्षेत्र ही ऐसा है जो हिंदुस्‍तान Economy में प्राण भर सकता है। इतने सारे क्षेत्र हैं। उन सभी क्षेत्रों को लेकर के हम चलेंगे। मुझे विश्‍वास है और इन दिनों देखा होगा आपने।

Global Institutions जितनी Rating दे रही है, एक दम से भारत की रेटिंग बदल रही है, तेज गति से। जहां नीचे जा रहे थे, वहां अब तो प्‍लेट तो लग ही गया है। मैं विश्‍वास से कहता हूं भाइयों बहनों, भारत की जो क्षमता है, उस क्षमता का भरपूर उपयोग भारत को आगे बढ़ाने में होगा। राज्‍यों को मिल करके एक और एक दो नहीं, एक के बगल में एक 11 की ताकत से आगे बढ़ेंगे।

मुझे विश्‍वास है, मध्‍य प्रदेश हिंदुस्‍तान की Economy का एक driving force बन जाएगा। भारत के मध्‍य भाग का यह क्षेत्र पूरे भारत को Cater करने की ताकत वाला देश बन जाएगा। इस विश्‍वास के साथ मैं मध्‍य प्रदेश के जनप्रिय मुख्‍यमंत्री जी के उन उम्‍दा प्रयासों का हृदय से स्‍वागत करता हूं। उनका सत्‍कार करता हूं। हृदय से अभिनंदन करता हूं। और उद्योग जगत के जो मित्र आए हैं, में उनको विश्‍वास दिलाता हूं कि हिंदुस्‍तान के किसी भी राज्‍य के किसी भी कोने की कोई भी भूमि, भारत के किसी भी राज्‍य की, उसे दल मत जोडि़ए, सिर्फ देश का सोचिए। किसी भी राज्‍य की भूमि होगी, और आय आगे बढ़ाना चाहते हो, केंद्र सरकार उस राज्‍य के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के, किसी भी दल की सरकार क्‍यों न हो, मुझे देश को आगे ले जाना है। राज्‍यों की बदौलत देश को आगे ले जाना है। राज्‍यों की बदौलत देश को आगे ले जाना है। राज्‍य की ताकत के साथ आगे ले जाना है। राज्‍य की ताकत के साथ आगे ले जाना है। मैं आप सबको विश्‍वास दिलाता हूं, भारत सरकार की यही भूमिका रहेगी।

बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत बहुत धन्‍यवाद।

एक थोड़ी गुस्‍ताखी करना चाहता हूं।

एक तो मैं क्षमा मांगता हूं कि बीच में से जा रहा हूं। दूसरा, मैं शिवराज जी को बहुत सालों से जानता हूं, उनके स्‍वभाव को भी जानता हूं। और protocol कहता है कि वह मुझे Airport तक छोड़ने के लिए आएं। लेकिन देश की भलाई का agenda कहता है कि वह यहां रूकें। इसलिए मैं सार्वजनिक रूप से उनसे आग्रह करता हूं कि वह Airport पर ना जाएं। प्रधानमंत्री वापस नहीं आएंगे, आप चिंता मत कीजिए। आप यहीं रूकिये, और इस समारोह को आगे बढ़ाइये। कृपा करके मत आइए।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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