Text of PMs Speech at the inauguration of Chenani – Nashri Tunnel in Jammu & Kashmir On 02 April, 2017
ये हिन्दुस्तान की सबसे लम्बी Tunnel का उद्घाटन तो हुआ है, रस्म मैंने अदा की है, लेकिन मैं चाहता हूं आज यहां जो भी नागरिक उपस्थित हैं, वे सब मिल करके इस सुरंग का उद्घाटन करें और उद्घाटन करने का मैं तरीका बताता हूं। आप सब अपना मोबाइल फोन बाहर निकालिए, एक साथ सब अपने मोबाइल फोन की flash चालू कीजिए और भारत माता की जय के नाद के साथ, देखिए सारे कैमरा वाले आपकी फोटो ले रहे हैं अब! जिसके पास मोबाइल है सब निकालिए। हर कोई flash करे अपने मोबाइल से। क्या अद्भुत नजारा है! मैं अद्भुत नजारा मेरे सामने देख रहा हूं और ये सच्चे अर्थ में इस सुरंग का उद्घाटन आपने अपने मोबाइल के flash से करके दिखाया है। पूरा हिन्दुस्तान इसे देख रहा है।
भारत माता की जय
भारत माता की जय
भाइयो, बहनों नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है और मुझे मां के चरणों में आने का ये अवसर मिला है, ये मेरे लिए सौभाग्य है। अभी नीतिन गडकरी जी बता रहे थे कि विश्व के जो मानक है उस मानक के अनुरूप इस सुरंग का निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कुछ बातों में विश्व के मानकों से भी कहीं-कहीं हम एक कदम आगे हैं। मैं नीतिन गडकरी जी को, उनके विभाग की पूरी टीम को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, अभिनंदन करता हूं। उन्होंने आधुनिक technology का उपयोग करके, समय-सीमा में इस कार्य को पूरा करने में सफलता पाई है। लेकिन भाइयो, बहनों, ये सिर्फ लम्बी सुरंग नहीं है। ये जम्मू और श्रीनगर को दूरी कम करने वाली सिर्फ लम्बी सुरंग नहीं है। ये लम्बी सुरंग जम्मू-कश्मीर के लिए विकास की एक लम्बी छलांग है, ऐसा मैं साफ देख रहा हूं।
भाइयो, बहनों, हिन्दुस्तान में तो इस Tunnel की चर्चा होगी ही, लेकिन मुझे विश्वास है कि दुनिया के जितने पर्यावरणवादी हैं, Climate Change, Global Warming की चिंता जताते हैं, चर्चा करते हैं; उनके लिए भी ये सुरंग का निर्माण एक बहुत बड़ी खबर है, बहुत बड़ी नई आशा है। हिन्दुस्तान के किसी और कोने में अगर ये सुरंग बनी होती तो पर्यावरणविदों का ध्यान जाने की संभावना कम थी। लेकिन हिमालय की कोख में ये सुरंग बिछा करके हमने हिमालय की रक्षा करने का भी काम कया है, हमने पर्यावरण की रक्षा करने का काम किया है, Global Warming से परेशान दुनिया को भारत ने संदेश दिया है कि हिमालय की छाती में ये सुरंग बना करके, हिमालय की प्राकृतिक रक्षा करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास सफलतापूर्वक आज हिन्दुस्तान की सरकार ने पूरा किया है।
भाइयों, बहनों, ये Tunnel हजारों करोड़ रुपयों की लागत से बनी है। लेकिन मैं आज गर्व से कहता हूं, भले, भले इस Tunnel के निर्माण में भारत सरकार के पैसे लगे होंगे, लेकिन मुझे खुशी इस बात की है कि इस सुरंग के निर्माण में भारत सरकार के पैसों के साथ जम्मू-कश्मीर के नौजवानों का पसीने की उसमें महक आ रही है। ढाई हजार से ज्यादा युवकों ने, जम्मू-कश्मीर के 90 प्रतिशत जवान जम्मू-कश्मीर के हैं; जिन्होंने काम करके ये सुरंग का निर्माण किया है। रोजगार की कितनी संभावनाएं उपस्थित हुई, ये हम अंदाज कर सकते हैं।
और भाइयो, बहनों, जम्मू-कश्मीर के जिन नौजवानों ने इन पत्थरों को काट-काट करके सुरंग का निर्माण किया, एक हजार दिन से ज्यादा दिन-रात मेहनत करके वो पत्थरों को काटते रहे और सुरंग का निर्माण करते रहे। मैं कश्मीर घाटी के नौजवानों को कहना चाहता हूं, पत्थर की ताकत क्या होती है; एक तरफ कुछ भटके हुए नौजवान पत्थर मारने में लगे हैं, दूसरी तरफ उसी कश्मीर के नौजवान पत्थर काट करके कश्मीर का भाग्य बनाने में लगे हैं।
भाइयो, बहनों, ये सुरंग कश्मीर घाटी के Tourism का एक नया इतिहास रचने के लिए अपनी ऐतिहासिक भूमिका अदा करने वाली है। यात्री, Tourist असुविधाओं की खबरों से परेशान हो जाता है। पटनीटोप पर हिमवर्षा हुई हो, 5 दिन रास्ते बंद हो गए हों, Tourist अटक गए हों तो दुबारा Tourist आने की हिम्मत नहीं करता है। लेकिन भाइयो, बहनों, अब ये सुरंग के कारण कश्मीर घाटी में यात्री के रूप में देश के कोने-कोने से जो लोग आना चाहते हैं; उनको इन संकटों का सामना नहीं करना पड़ेगा, सीधे-सीधे वो श्रीनगर पहुंच पाएंगे।
मैं कश्मीर घाटी के लोगों से कहना चाहता हूं, ये सुरंग उधमपुर-रामबन के बीच भले हो, लेकिन ये कश्मीर घाटी की भाग्य-रेखा है; ये कभी भूलना मत। ये कश्मीर घाटी की भाग्य-रेखा इसलिए है कि कश्मीर घाटी का मेरा किसान भाई प्राकृतिक आपदाओं के बीच दिन-रात पसीना बहाता है, खेतों में काम करता है, बगीचे में काम करता है। आवश्यकता के अनुसार पर वर्षा हुई हो, मौसम आवश्यकता के अनुसार रहा हो, फसल बहुत अच्छी हुई हो, फल दिल्ली के बाजार में बेचने के लिए निकलने वाले हों, लेकिन यहीं पर पांच दिन सड़क बंद हो गई हो तो आधे से ज्यादा फल उसके बरबाद हो जाते हैं। दिल्ली पहुंचते-पहुंचते पूरी मेहनत की कमाई पानी में मिल जाती है। कश्मीर घाटी के किसानों के लिए ये सुंरग बरदान बनके आई है। जब वो अपनी फसल, अपने फल, अपने फूल, अपनी सब्जी निर्धारित समय में दिल्ली के बाजार तक आसानी से पहुंच पाएगी; उसको जो खर्च घाटा होता था वो घाटा अब नहीं होगा; ये लाभ कश्मीर घाटी को मिलने वाला है।
भाइयो, बहनों, हिन्दुस्तान का हर नागरिक, उसके मन में एक सपना रहता है; कभी न कभी तो कश्मीर देखना है। वो Tourist बन करके इन वादियों में आना चाहता है। और जो Infrastructure का काम हमने उठाया है, उससे हिन्दुस्तान के कोने-कोने से टूरिस्टों को आने की सुविधा बढ़ने वाली है, Guaranteed Tourism होने वाला है और जितना ज्यादा Tourism बढ़ेगा, जम्मू-कश्मीर की आर्थिक स्थिति पूरे हिन्दुस्तान में सबको पीछे छोड़ करके आगे निकल जाएगी; ये मेरा विश्वास है।
भाइयो, बहनों, मैं घाटी के नौजवानों से कहना चाहता हूं, आपके सामने दो रास्ते हैं जो आपके भाग्य को किस दिशा में ले जाएंगे? एक तरफ है Tourism, दूसरी तरफ है Terrorism. 40 साल हो गए अनेक निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई, किसी का फायदा नहीं हुआ; अगर लहुलुहान हुई तो मेरी अपनी प्यारी कश्मीर घाटी हुई है। अगर कोई लाल खोया है तो मेरी कश्मीर की मां का लाल हमने खोया है, कोई हमने हिन्दुस्तान का लाल खोया है।
भाइयो, बहनों, ये खून का खेल 40 साल के बाद भी किसी का भला नहीं कर पाया है। लेकिन इसी 40 साल में अगर Tourism को बल दिया होता, तो आज पूरी दुनिया कश्मीर की घाटी के चरणों में आ करके बैठी होती, ये ताकत कश्मीर की घाटी में है। और इसलिए Tourism की ताकत को हम पहचाने, Tourism को बल देने के लिए जो भी व्यवस्थाएं खड़ी करनी हों; दिल्ली में केंद्र सरकार कश्मीर के साथ है; जम्मू-कश्मीर के साथ है; यात्राओं को बढ़ावा देने के लिए आपके साथ खड़ा है।
मैं महबूबा जी को विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं, मैं उनको बधाई देता हूं, उनका साधुवाद करता हूं। पिछले वर्ष भारत सरकार ने जो 80 हजार करोड़ रुपये का जम्मू-कश्मीर के लिए package घोषित किया, मुझे खुशी है इतने कम समय में आधे से अधिक बजट का खर्च, package का खर्च जमीन पर कार्यरत हो गया है; ये छोटी बात नहीं है। वरना package कागज पर रह जाते हैं, जमीन पर उतरते-उतरते सालों बीत जाते हैं। लेकिन महबूबा जी और उनकी सरकार ने हर बारीकी को ध्यान देते हुए, चीजों को जमीन पर उतारने के लिए जो कड़ी मेहनत की है और जिसके फल नजर आ रहे हैं; मैं इसके लिए जम्मू-कश्मीर की सरकार, मुख्यमंत्री, उनकी मंत्रिपरिषद, उन सबको हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
भाइयो, बहनों, आज हिन्दुस्तान में प्रति व्यक्ति आय, अगर तेज गति से आय बढ़़ाने के लिए सबसे उपयुक्त कोई राज्य है, तो उस राज्य का नाम जम्मू-कश्मीर है। मैं इसकी ताकत को भलीभांति समझ पाता हूं। मुझे कई वर्षों तक इन वादियों में संगठन के कार्य के लिए आने-जाने का, रहने का अवसर मिला है। यहां के दिलदार लोगों को मैं जानता हूं। यहां की सूफी परम्परा की संस्कृति को जानता हूं।
भाइयो, बहनों, इस अनमोल विरासत, अगर हम उसको भूल जाएंगे तो हम हमारे वर्तमान को खो देंगे, और हम हमारे भविष्य को अंधेर में धकेल देंगे। ये भूमि हजारों साल से पूरे हिन्दुस्तान का मार्गदर्शन कर सके, ऐसी महान विरासत की भूमि है। उसके साथ अपने-आप को जोड़ें, उसका गौरव करें और परिश्रम से हम अपना भविष्य बनाने के लिए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला करके आगे चलें; देखते ही देखते जम्मू-कश्मीर का जीवन बदल जाएगा।
भाइयो, बहनों, जब भी जम्मू-कश्मीर की बात आती है, हर कश्मीरी के दिल में, हर जम्मूवासी के दिल में, हर लद्दाखवासी के दिल में अटल बिहारी वाजपेयी का नाम हमेशा याद आता है। कश्मीरियत, इंसानियत, जम्हूरियत- इस मूलमंत्र को ले करके, जो मूलमंत्र अटल बिहारी वाजपेयी जी ने दिया है; उसी मूलमंत्र को ले करके हम कश्मीर को विकास की नई ऊंचाइयों पर, सद्भावना के वातावरण को, भाईचारे के वातावरण को, नौजवानों के उज्ज्वल भविष्य के लिए हम मजबूती के साथ, मजबूत इरादे के साथ एक के बाद एक कदम उठा करके आगे बढ़ने के लिए कृतसंकल्प हैं; कोई बाधा हमें रोक नहीं पाएगी। और जो सीमा पर बैठै हैं वो खुद को नहीं संभाल पाते।
भाइयो, बहनों, हम सीमा पार के सीमा पार के हमारे कश्मीर के हिस्से के नागरिकों को भी प्रगति करके दिखाना चाहते हैं कि देखिए कश्मीर कैसे विकसित होता है। और जिन लोगों ने आप पर कब्जा जमा करके बैठे हैं उन्होंने आपको कितना बर्बाद किया है ये हम करके दिखाने वाले हैं। विकास यही हमारा मंत्र है, विकास के मंत्र को ले करके जाना चाहता हूं। जन-भागीदारी हमारा रास्ता है, उस रास्ते पर हम चलना चाहते हैं। युवा पीढ़ी को साथ ले करके आगे का भविष्य बनाना चाहते हैं।
भाइयो, बहनों, अभी एक सुरंग अगर कश्मीर की भाग्यरेखा बन जाता है, घाटी के किसानों के जीवन को बदल सकता है, घाटी में Tourism को बढ़ावा दे सकता है। भविष्य में ऐसी नौ सुरंग बनाने की योजना है, नौ। पूरे हिन्दुस्तान के साथ ऐसा जुड़ाव हो जाएगा और ये सिर्फ रास्तों का network नहीं होगा, ये दिलों का network बनने वाला है, ये मेरा विश्वास है।
भाइयो, बहनों, विकास की यात्रा को हम आगे बढ़ाएं। जम्मू-कश्मीर के नौजवान इस इलाके के भाग्य बदलने के लिए भारत की सरकार के रोजगार की योजनाओं का फायदा उठाएं; शिक्षा के जो नए-नए क्षेत्र यहां मौजूद हैं, उसका फायदा उठाएं; विकास की नई ऊंचाइयों को पार करें। और मेरे जम्मू के भाई, इस जम्मू क्षेत्र का विकास भी तेज गति से हो रहा है।
Smart City की दिशा की बात हो, हृदय योजना हो, अमृत योजना हो, शिक्षा के क्षेत्र की बातें हों, Infrastructure तैयार करना हो, यहां तालाब की पुनर्रचना हो, हर क्षेत्र में; चाहे लद्दाख हो, घाटी हो या जम्मू हो, एक संतुलित विकास हो और इस विकास का फायदा पूरे जम्मू-कश्मीर की भावी पीढ़ी को मिलता रहे, इसकी तैयारियां करते चलें, जम्मू-कश्मीर को आगे बढ़ाते चलें; इन सपनों को ले करके आज आगे जाना है।
मैं फिर एक बार नीतिन जी को, उनकी टीम को, डॉक्टर जितेन्द्र सिंह जी को, जम्मू-कश्मीर की सरकार को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।