देश की नींव को मजबूत और युवाओं को सक्षम बनाएगी नई शिक्षा नीति: मेरठ सांसद राजेंद्र अग्रवाल
आज शोभित विश्वविद्यालय में राष्ट्र को सशक्त बनाने वाली, राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 पर शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र की अध्यक्षता में सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल जी रहे। सेमिनार की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर की गई। तत्पश्चात कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र द्वारा तुलसी का पौधा बैठकर सांसद का स्वागत किया गया।
सेमिनार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 पर अपने विचार साझा करते हुए राजेंद्र अग्रवाल ने शोभित विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में जो बदलाव लेकर आई है। शोभित विश्वविद्यालय पहले से ही उस दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने खासतौर पर मैंकाले को कोट करते हुए कहा कि मैंकाले ने भारत के लिए कहा था कि हिंदुस्तान के अंदर कुछ भी उल्लेखनीय नहीं है। जिसके चलते उन्होंने अंग्रेजी पद्धति के हिसाब से भारतीय शिक्षा नीति को बनाया था। जिसमें अंग्रेजी भाषा पर ज्यादा जोर दिया गया। जिसके चलते भारत के युवाओं को वह प्रशिक्षण नहीं मिल पाया जो मिलना चाहिए था। उन्होंने खास तौर पर कहा कि देश की नींव को मजबूत बनाने में देश की मातृभाषा का विशेष योगदान है। आज हर विकसित देश अपनी मातृभाषा को ही प्रमुखता दे रहा है।
आज भारत में 40% से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे जी रहे हैं। जिसका प्रमुख कारण पुरानी शिक्षा नीति है क्योंकि पुरानी शिक्षा नीति में वोकेशनल स्किल को प्रमुखता नहीं दी गई थी।
उन्होंने बताया कि अभी तक भारत नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी जीडीपी का (.69%) ही खर्च करता है। लेकिन इसके मुकाबले अन्य देश कहीं ज्यादा खर्च अपने अनुसंधान एवं नवाचार पर करते हैं। जिसका उदाहरण यह है कि भारत ने पिछले वर्ष 47000 पेटेंट कराएं जबकि अमेरिका चाइना एवं अन्य देशों ने भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा पेटेंट रजिस्टर्ड कराएं। इसी को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति में नवाचार एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए नए अनुसंधान केंद्र की स्थापना करने का भी प्रावधान किया गया।
सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने माननीय सांसद राजेंद्र अग्रवाल का स्वागत करते हुए कहा कि पिछले काफी समय से नई नीतियों पर चर्चा हो रही है आज भी बहुत सारी जानकारियां ऐसी हैं जिन्हें हमारे युवाओं को जानने की आवश्यकता है। उसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को नई नीतियों को जनमानस तक पहुंचाने की आवश्यकता है।
अब हमें ज्ञान के सर्जन के विषय पर बात करने की आवश्यकता है। क्योंकि अगर हमें आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करना है तो 3H ( हेड/हार्ट/हैंड) फार्मूले को अपनाना होगा यानी कि दिमाग/दिल/और हाथ को एक साथ मिलकर काम करना होगा। अब हमें लैब टू लैंड कार्य करना होगा क्योंकि अगर हम समाज से संबंधित अनुसंधान करेंगे तभी वह समाज के काम आएगा जिससे हमारा देश और समाज विकसित होगा।
कुंवर शेखर विजेंद्र ने बताया कि शोभित विश्वविद्यालय ने SEIZ (स्किल एंटरप्रेन्योर इन्नोवेशन जोन) की स्थापना की जा रही है। जिसकेअंतर्गत आसपास के क्षेत्र के युवा विश्वविद्यालय में आकर अपने कौशल को बढ़ा सकते हैं। जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र उनकी सहायता करेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि अगर बाकी विश्वविद्यालय भी इसी प्रकार अपने आसपास के क्षेत्र के 20 स्कूलों के 20 छात्रों को भी व्यावसायिक कौशल के हिसाब से तैयार कर पाए तो देश की एक बड़ी समस्या खत्म हो जाएगी।
इसी अवसर पर उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एपी गर्ग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मल्टीपल एंट्री मल्टीपल एग्जिट सिस्टम की सराहना करते हुए कहा कि इसकी सहायता से बहुत से युवाओं को फायदा पहुंचेगा। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में रचनात्मकता और रचनात्मक सोच पर विशेष जोर दिया गया है जो सराहनीय है। उन्होंने माननीय सांसद जी को सुझाव देते हुए कहा कि अगर नई शिक्षा नीति 2020 में कृषि शिक्षा से जुड़े कौशल को और अधिक महत्व देने की आवश्यकता है। जिससे उद्यमिता को बढ़ावा मिल सके जिससे भारत के आत्मनिर्भर बनने के सपने को पूरा किया जा सके।
सेमिनार के अंत में कुंवर शेखर विजेंद्र जी के कर कमलों द्वारा श्री राजेंद्र अग्रवाल जी को प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। तत्पश्चात विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ गणेश भारद्वाज द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया है। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर डॉ पूनम देवदत्त द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त विभागाध्यक्ष एवं शिक्षक मुख्य रूप से उपस्थित रहे। सेमिनार के दौरान कोविड-19 की रोकथाम के लिए जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन किया गया।