उत्तर प्रदेश के विभाजन की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ा जाएगा- गोपाल राय
उत्तर प्रदेश के विभाजन को लेकर मांग जोर पकड़ने लगी है। राष्ट्रीय क्रान्तिकारी समाजवादी पार्टी ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर पष्चिम, पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड राज्य बनाये जाने की मांग स्वीकार नहीं की गई तो वह प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ेगी। पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष श्री गोपाल राय और पष्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष सत्यपाल सिंह यादव एडवोकेट एवं महासचिव करनल सुधीर कुमार के तत्वाधान में हुई एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया कि किसानों व मजदूरों के मसीहा स्वामी सहजानंद सरस्वती की 127वीं जयन्ती पर 6 मार्च को जन्तर मन्तर पर विषाल संयुक्त रैली की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेष की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती विधानसभा में तीनों राज्यों- पूर्वांचल, पष्चिम प्रदेष और बुन्देलखण्ड के गठन हेतु प्रस्ताव पास करके केन्द्र सरकार को चार साल पहले ही भेज चुकी है। अब केन्द्र सरकार को कार्यवाही करनी है, छोटा राज्य सम्पूर्ण विकास हेतु अति षीघ्र किया जाना अति आवष्यक है। यह तभी सम्भव होगा, जब ज्यादा से ज्यादा लोग इस आन्दोलन से जुड़ेंगे।
श्री राय ने प्रदेषवासियों को इस आन्दोलन में अधिक से अधिक सहयोग देने की अपील करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड में किसान भूखे मर रहे हैं, वहीं पूर्वांचल में सभी चीनी मिलें बंद हैं। युवाओं को कोई रोजगार साधन नहीं है, उनका दूसरे प्रदेषों में पलायन हो रहा है। झारखण्ड, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना राज्य के निर्माण होने से विकास में गति आयी है। जहां बेरोजगारों को रोजगार एवं किसानों को उनका हक मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने न सिर्फ भारतीय किसानों के अस्तित्व को खतरे में डाला, बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र को गुलामी के कगार पर ला दिया। सरकारी निरंकुषता व अर्दुदर्षिता के विरूद्ध निर्णायक जेहाद छेड़ने की आवष्यकता है। यह तभी सफल होगा, जब किसान एकजुट होकर भारतीय किसान आंदोलन के महानायक स्वामी सहजानन्द सरस्वती द्वारा सुझाये विचारों व सिद्वांतों को आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के पष्चात सत्ता की राजनीति ने किसानों को हाषिए पर धकेल दिया। जो भी राजनीतिक पार्टियां सत्ता में आयीं, किसानों को वोट के रूप में मोहरा बनाकर उनकाष्षोषण करती रही। किसान लोग आज भी जुल्म, दमन, अत्याचार व उपेक्षा के षिकार बने हुए हैं। आर्थिक तंगी व बदहाली से आज भी किसान जूझ रहे हैं। इतिहास गवाह है कि राष्ट्र की अस्मिता व प्रभुसत्ता की रक्षा के लिए छेड़े गये हर आन्दोलनों में किसानों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। आज भी सेना में किसानों के ही सर्वाधिक बेटे हैं, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि राष्ट्र को स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनाने वाला किसान आज न तो अपने बेटों को अच्छी तालिम दे सकता है और न ही अच्छी जिन्दगी जी सकता है। जरूरत है किसानों को एकसूत्र में पिरोने की, उन्हें संगठित करने की। देष में बढ़ती हुई बेरोजगारी पर चिन्ता व्यक्त करते हुए श्री राय ने कहा कि रोजगार न मिलने से बेरोजगार युवक अपराधी बनता जा रहा है। देष में चीनी मिलें चालू न होने से किसानों के गन्ने खेत में ही सड़ रहे हैं। आज की स्थिति यह है कि एक अरब आबादी की भूख ष्षान्त करने वाला किसान स्वयं भूखा मर रहा है। कार्यक्रम की बैठक की अध्यक्षता करते हुए पार्टी के कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष रोषल लाल गुप्ता ने कहा कि वैज्ञानिक आत्महत्या करने को मजबूर है तो कहीं अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। भारतीय किसान आन्दोलन के जनक स्वामी सहजानन्द सरस्वती ने कहा था रोटी भगवान है, रोटी पैदा करने वाला किसान भगवान से भी बढ़कर है।
प्रमुख रूप से गोपाल राय, रोशन लाल गुप्ता, राजकुमार गौतम, वीरपाल जाट, श्री परमेन्दर भाटी गौतमगुद्ध नगर बार अध्यक्ष, गुडडू पंडित, रोहित चैधरी, मदन पाण्डेय आदि इस अवसर पर मौजूद रहे।