जिला गौतम बुद्ध नगर में समस्याओं के समाधान के सम्बन्ध में |
1. समस्या: नोएडा के नागरिकों में असुरक्षा के का भाव तेजी से बढ़ना | जिससे लोग पलायन तक कोमजबूर हैं |
समाधान : प्रत्येक अपराधिक घटना के खुलासे और अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस के उच्चअधिकारियों में एस एस पी से लेकर थाने के एस आई तक की जिम्मेदारी दण्ड सहित तय की जाये वप्रत्येक थाने में सी सी टी वी कैमरे लगवाये जायें जिनकी समीक्षा के लिए अलग से एक एजेन्सीनियुक्त की जाये| प्रत्येक अपराध की एफ आई आर अवश्य लिखने के निर्देश दिए जायें न लिखे जानेपर सम्बंधित थाने में शिकायत प्रकोष्ठ बनाया जाए जहाँ फरियादी सम्बंधित थाने के अधिकारी केखिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कर सके | जिले से सभी कबाडियों की समय – समय पर शिनाख्त कीजाये जिनके द्धारा सबसे ज्यादा चोरी को अंजाम दिया जाता है |
२. बिजली की अनिरंतरता व कमी |
: यदि बिजली का उत्पादन कम है, काटनी जरूरी है तो भी एक ऐसा समय जैसे प्रातः व शाम 5 बजे से7 बजे तक 4 घंटे या जितना समय काटनी जरूरी है के हिसाब से काटने पर, उत्पादकों व नागरिकों दोनों को हीविशेष कष्ट व नुकसान नहीं होगा | इस कटौती के अतिरिक्त बिजली आपूर्ति किसी भी सूरत में समय – समयपर बाधित न हो | बिजली की चोरी रोकने के लिए इलेक्ट्रोनिक मीटर के साथ बड़े भुगतान ऑनलाइन ही लियेजाये | आपूर्ति के अनुरूप उत्पादन भी बढाया जाये | सरकारी दफ्तरों में गैर जरूरी ए सी चलाने पर प्रतिबन्ध हो |
3. बेरोजगार प्रॉपर्टी कारोबारियों की बढती संख्या जो परेशान होकर अपराध में लिप्त हो रहे हैं |
: प्रॉपर्टी का कारोबार करने वाले कारोबारियों को अन्य डॉक्टर, इंजीनीयर, एडवोकेट, आर्किटेक्ट केसमान प्राधिकरण से आवंटित अपने आवास में कार्यालय चलाने की अनुमति प्रदान की जाये | परिसंपत्तिसर्किल रेट कम किया जाये | प्रथम के अलावा अन्य दूसरी, तीसरी, चौथी आदि अटोर्नी धारक के द्धाराप्राधिकरण परिसंपत्ति का अंतरण अस्थायी रूप से पुनः आरम्भ कर परिसंपत्तियों को फ्री होल्ड किया जाये जिससेसरकार को राजस्व व संपत्ति स्वामी को मालिकाना हक़ मिल सके, साथ ही धोखा–धडी में भी कमी आये |प्राधिकरण द्धारा वसूला जाने वाला अंतरण शुल्क कम किया जाये |
4. सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण आम लोगों का लुटता पिसता जीवन |
: बड़े अधिकारियों द्धारा कमाई संपत्तियों की जाँच कर उनके द्धारा सरकारी खजाने से लूटे धन की वसूलीकर गरीबो के उत्थान के लिए एक धन प्रकोष्ठ का निर्माण किया जाये जिससे इस धन के द्धारा गरीब लोगो कामुफ्त इलाज, खाना व शिक्षा का प्रबन्ध किया जा सके |
5. सरकारी स्कूलों में सुविधा व शिक्षकों का आभाव |
: जिलाधिकारी की जिम्मेदारी नियत की जाये कि सरकारी स्कूलों में स्वच्छता के साथ बैठने के लिएकुर्सी- डेस्क, पंखे, पीने के ठंडे पानी के लिए कूलर व मिड डे मील आदि की व्यवस्था आवश्यक हो | जिसकीसमय-समय पर किसी सामाजिक संस्था द्धारा जाँच निर्धारित कर कमी पाए जाने पर जिलाधिकारी को दण्डितकिया जाये |
6. सरकारी अस्पतालों में गंभीर बीमारियों के इलाज का अभाव |
: सैक्टर-30 में बने अस्पताल की बिल्डिंग पर बेशुमार रुपया खर्च करने के बाद इसे चाइल्ड इंस्टिट्यूट मेंपरिवर्तित कर दिया गया जिसके कारण यहाँ के गरीब लोगों को भी अत्यधिक महंगे प्राइवेट अस्पतालों में इलाजकरा कर कर्ज में डूब मरीज के साथ साथ तीमारदारों को भी भूखा मरना पड़ता है इसलिए इस अस्पताल को एम्सकी तर्ज पर सभी गंभीर इलाजों के उपयुक्त बनाया जाये |
7. उद्योग पतियों का पलायन व उध्योगो का बंद होना |
: उद्योगों के बंद होने के कारण इस जिले की अर्थ व्यवस्था खतरे में पड़ने वाली है जिसके साथ ही यहाँ के युवा,बेरोगारी का शिकार होकर, अपराध में लिप्त होने लगे हैं | इसके लिए जरूरी है सरकारी तन्त्र में भ्रष्टाचार को कमकरना, व सभी लागु “कर नियमों” का सरलीकरण किया जाना |
8. भूजल का गिरता स्तर व हरियाली का कम होते जाना |
: किसानों की सिंचाई भूमि का गैर जरूरी अधिग्रहण कर बिल्डर्स को देकर सरकारी तन्त्र से जुड़े अधिकारियोंद्धारा
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