दिल्ली कमेटी द्वारा साफ नीयत एवं पारदर्शी कार्यप्रणाली के सहारे किये जा रहे कार्यो से कौम के कातिलों को सजाएं मिलने से कोई नहीं रोक सकता: जी.के.

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नई दिल्ली (4 नवम्बर, 2015): 1984 सिख कत्लेआम में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की मुख्य कातिलों को सजाएं दिलवाने की शुरू की गई मुहिम को सफलता मिल रही है। इस बात का दावा कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. एवं महासचिव मनजिन्दर सिंह सिरसा ने संयुक्त पै्रस कांफ्रेंस के दौरान किया। जी.के. ने शिरोमणी अकाली दल को पंथक संगठन होने के कारण कौम के कातिलों को सजाएं दिलवाने के प्रति सजग है। जिसका प्रमाण आज सी.बी.आई. द्वारा तीसरी बार टाईटलर को दी गई क्लीन चिट् पर अदालत द्वारा दिल्ली कमेटी के वकीलों के द्वारा दी गई दलीलों पर सुनवाई करते हुए क्लीनचिट् को खारिज करने के फैसले से मिलता है।
जी.के. ने दावा किया कि तीन बार टाईटलर की सी.बी.आई. द्वारा मिली क्लीनचिट् को खारिज करवाने तथा 2009 में टाईटलर तथा सज्जन कुमार को कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई टिकटों को कटवाने में अकाली दल ने सरगर्म भूमिका निभाई है। आज के मामले की सुनवाई का ब्यौरा देते हुए जी.के. ने बताया कि जहां आज टाईटलर को बड़ा कानूनी झटका लगा है वहीं इस पुलबंगस केस में 1984 के दौरान सचिव रहे अमरजीत सिंह बेदी तथा उनकी पत्नी हरपाल कौर बेदी को दिल्ली कमेटी के वकीलों के प्रयत्नों से पीडि़त पक्ष क गवाह के तौर पर पेश करने को अदालत द्वारा मन्जूर करने के कारण टाईटलर को उसके गुनाहांे की सजा मिलनी तय हो गई है। जी.क.े ने जज एस.पी.एस.लालेर द्वारा आज उक्त केस की प्रगति की जांच को अदालत द्वारा मासिक तौर पर निगाह रखने के लिए गये फैसले की भी प्रशंसा की।
जी.के. ने भारत की न्यायपालिका पर पूरा भरोसा जताते हुए बीते 31 वर्षो के दौरान अदालत में केसों को सही ढ़ंग से ना पेश करने वाले, गवाहों को धमकाने व ललचाने तथा कौम के हितों से ज्यादा अपने निजी स्वार्थों को आगे रखकर लड़ाई लड़ने वालों लोगों की वफादारी पर भी सवाल उठाये। जी.के. ने साफ कहा कि कौम मंे 1984 को लेकर बड़ा दर्द है। इस लिए यदि दिल्ली कमेटी द्वारा साफ नीयत एवं पारदर्शी कार्यप्रणाली के सहारे किये जा रहे कार्याे को पूरी कौम अपना पूर्ण समर्थन दे तो कौम के कातिलों को सजाएं मिलने से कोई नहीं रोक सकता।
सिरसा ने कहा कि जहां आज का फैसला स्वागत योग्य है वहीं अकाली दल की बड़ी जीत भी है। सिरसा ने कुछ सिखांे द्वारा ही सोशल मीडिया पर कातिलों को सजाएं ना मिलने की उम्मीद के पोस्ट किये जाते निराशावादी विचारों से बचने की भी नौजवानों को अपील की। सिरसा ने कहा कि दिल्ली कमेटी पूरी तनदेही के साथ कातिलों को सजाएं दिलवाने की लड़ाई लड़ रही है इसलिए सारी कौम को इस मुहिंम का हिस्सा बनना चाहिये। सिरसा ने क्लीनचिट् मिलने से खारिज होने तक के सफर के दौरान कमेटी एवं अकाली दल द्वारा की गई कानूनी एवं राजनीतिक कोशिशों का विवरण भी दिया।

 


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