दिल्ली में बिजली के दाम हुए आधे
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने दूसरे कार्यदिवस पर अपना दूसरा सबसे बड़ा वादा पूरा कर दिया। जरूरत भर का पानी मुफ्त देने के वादे को सोमवार को पूरा करने के बाद आज दिल्ली सरकार ने बिजली की कीमतों में 50 फीसदी की कमी कर दी है। पहले दो स्लैब में ये कमी लागू होगी। यानी 400 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वालों को 50 फीसदी की रियायत मिली है। इससे दिल्ली के 28 लाख यानी 82 फीसदी से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को फायदा होगा। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों का ऑडिट करवाने के लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से अनुरोध किया गया है जिसे कैग ने स्वीकार कर लिया है। अब 1 जनवरी, 2014 यानी कल तक बिजली कंपनियां ऑडिट को लेकर अपने एतराज दर्ज करा सकती हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिजली की कीमतों में कमी करने से सैद्धांतिक रूप से तो 200 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। लेकिन सरकार का खर्च केवल 61 करोड़ रुपये होगा क्योंकि बीएसईएस की दो कंपनियों पर काफी पैसा बकाया है। इसलिए 140 करोड़ रुपये इस बकाये में से काट लिए जाएंगे।
बिजली की कीमतों में कमी अगले तीन महीने तक लागू रहेगी। केजरीवाल ने कहा कि तब तक बिजली कंपनियों का ऑडिट पूरा कर लिया जाएगा और बिजली के दाम बिना सबसिडी के ही कम हो जाएंगे।
ऑडिट को लेकर हाईकोर्ट की रोक संबंधी पिछली सरकार के दावों को खारिज करते हुए केजरीवाल ने कहा कि जब फाइलों की पड़ताल की गई तो पता लगा कि हाईकोर्ट ने ऑडिट पर कभी रोक नहीं लगाई थी।
विधानसभा में विश्वासमत हासिल न कर पाने की आशंका संबंधी सवाल पर केजरीवाल ने कहा, हमें राजनीति नहीं आती। हम लोग आम आदमी हैं। जोड़तोड़ के कारण अगर हम विश्वासमत हासिल नहीं कर पाते हैं तो अब से लेकर अगले 48 घंटों के दौरान जनता की हरसंभव सेवा करेंगे।
केजरीवाल से संवाददाताओं ने सवाल पूछा कि मेट्रो में सफर करने के संबंध में क्या उन्हें डीएमआरसी से कोई नोटिस मिला है क्योंकि उन्होंने अनुमति नहीं ली थी। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मेट्रो में चलने के लिए अनुमति नहीं एक मेट्रो कार्ड की जरूरत होती है जो अब भी मेरे जेब में है।
प्रोटेम स्पीकर के सवाल पर उन्होंने बताया कि सबसे वरिष्ठ सदस्य होने के नाते परंपरा के हिसाब से सबसे पहले भाजपा के जगदीश मुखी से इस संबंध में अनुरोध किया गया था। इस पर मुखी ने कहा कि उनकी पार्टी से कोई भी प्रोटेम स्पीकर नहीं बनेगा। इसके बाद जदयू के शोएब इकबाल से भी इस बारे में अनुरोध किया गया था लेकिन उन्होंने भी इनकार कर दिया। फिर कांग्रेस के मतीन अहमद से अनुरोध किया गया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।