बाबा बंदा सिंह बहादर की तीसरी शहीदी शताब्दी के समागमों को लेकर संगतों में भारी उत्साह : जी.के.

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नई दिल्ली (16 मई 2016)ः बाबा बंदा सिंह बहादर की तीसरी शताब्दी को बड़े पैमाने पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा मनाने के लिए की जा रही कोशिशों की अब दिल्ली के बाहर बसती सिख संगतों ने प्रशंसा की है। जहां दिल्ली के बाहर कमेटी द्वारा आयोजित किये जा रहे समागमां में हजारों संगते हाजरी भर रही है वहीं कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. द्वारा पंथप्रस्त सोच के साथ किये जा रहे कार्यो को सम्मान के रूप में मान्यता भी दी जा रही है।
इसी श्रृंखला में अब बाबा बंदा सिंह बहादर के जन्म स्थान जम्मू के रियासी की बंदई खालसा संगत द्वारा अपने प्रमुख बाबा जतिन्दर पाल सिंह सोढी के नेतृत्व में गुरुद्वारा टिकाणा बाबा बंदा सिंह बहादर, भाई परमानन्द कॉलोनी दिल्ली तथा राजस्थान सिख बोर्ड जयपुर द्वारा जयपुर में जी.के. का सम्मान किया गया। बंदई खालसा संगत द्वारा जहां इस अवसर पर विशेष गुरमति समागम का आयोजन किया गया वहीं राजस्थान सिख बोर्ड द्वारा बिड़ला सभागार जयपुर में दास्तान-ए-बाबा बंदा सिंह बहादर नाटक का मंचन किया गया।
इस अवसर पर हाजरी भरते हुए जी.के. तथा धर्मप्रचार कमेटी चेयरमैन राणा परमजीत सिंह द्वारा बाबा जी की शहीदी शताब्दी को मनाने के लिए किये जा रहे कार्यो की जानकारी दी। जी.के. ने माना कि बाबा जी के इतिहास को हमारे ही इतिहासकारों ने तंग सोच के साथ सिखों के सामने रखा है। पर दिल्ली कमेटी की कोशिशों के बाद शताब्दी समागमों की समाप्ति के बाद संगत खुद महसूस करेगी कि बाबा जी के जीवन के बारे कई भूले-बिसरे किस्सों के साथ जुड़ने का उन्हें मौका मिला है। जी.के. ने कहा कि संगतों का उत्साह हमें शताब्दी समागमों को यादगारी बनाने की प्रेरणा करता है इसी कारण इन्दौर, रायपुर, जम्मू, जयपुर के बाद अब यह काफिला मुंबई होता हुआ कई और शहरों तक शताब्दी समागमां को लेकर पहुंचेगा।
जी.के. ने सिख संगतों की अलग-अलग शहरों में गुरमति समागम करवाने के लिए आई रही विणतीयों की भी जानकारी दी। जी.के. ने कहा कि हम कनॉट प्लेस के सेंन्ट्रल पार्क में पहली बार गतके का प्रदर्शन इतिहास की रौशनी में करवाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि देश-विदेश से आते पर्यटक सिख कौम की चढ़दीकला से वाकिफ हो सके। विभिन्न संगठनों द्वारा उनके किये जा रहे सम्मान के लिए जी.के. ने धन्यवाद भी जताया।
राणा ने कमेटी द्वारा दिल्ली फतेह दिवस, नितनेम की बाणीयों की कथा और शहीदी शताब्दी के समागमों की बनाई गई संरचना को सिख इतिहास तथा बाणीयों को व्यवस्थित ढं़ग से संभालने की कमेटी की कोशिश करार दिया। इन समागमों में बड़ी गिनती में बंदई सिख संगत के साथ जयपुर के गुरुद्वारों के प्रबंधक तथा दिल्ली कमेटी सदस्य कैप्टन इन्दरप्रीत सिंह तथा जसबीर सिंह जस्सी मौजूद थे।
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