भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति: पेट्रोल और डीजल के मूल्यों के संबंध में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति का खंडन

भारतीय जनता पार्टी

(केंद्रीय कार्यालय)

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16 दिसंबर, 2015

भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति: पेट्रोल और डीजल के मूल्यों के संबंध में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति का खंडन

पेट्रोल और डीजल के मूल्‍य इस समय नियंत्रण-मुक्‍त हैं और सार्वजनिक क्षेत्र की ओमसीज अंतर्राष्‍ट्रीय मूल्‍यों और बाजार दशाओं के अनुसार पेट्रोल और डीजल के मूल्‍य तय करती हैं

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जुलाई, 2014 से पेट्रोल के मूल्‍य में 20 बार कमी की गई है (6 बार बढ़ाया गया है) और मूल्‍य में कुल कमी 13.62 रू0 प्रति लीटर हुई है। इसी प्रकार, डीजल के मूल्‍य में 16 बार कमी की गई है (8 बार बढ़ाया गया है) और मूल्‍य में कुल  कमी 12.88 रू0 प्रति लीटर हुई है

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इस अवधि में असम, मिजोरम, तमिलनाडु, छत्‍तीसगढ़ और गुजरात को छोड़कर सभी राज्‍य सरकारों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट को बढ़ा दिया है। 22 राज्‍यों ने वैट में बढ़ोतरी की है (सूची संलग्‍न है)

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भारत सरकार ने राजकोषीय घाटे में कमी करने के लिए पेट्रोल और डीजल पर उत्‍पाद शुल्‍क बढ़ाया है। वर्तमान सरकार बजट में कोई कटौती किए गए बगैर राजकोषीय घाटे को वहन कर रही है। यह भी गौरेतलब है कि 14वें वित्‍त आयोग की सिफारिश के अनुसार बुनियादी उत्‍पाद शुल्‍क का 42% राज्‍य सरकारों को दे दिया जाता है। उत्‍पाद शुल्‍क में वृद्धि के जरिए एकत्रित निधियों के एक हिस्‍से का उपयोग राष्‍ट्रीय राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों के विकास के लिए भी किया जाएगा

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कच्‍चे तेल के मूल्‍यों में लगातार हो रही गिरावट के कारण ओएमसीज को इन्‍वेंटरी संबंधी घाटा हो रहा है। वर्ष 2014-15 में इन्‍वेंटरी संबंधी घाटा 29,234 करोड़ रूपए है और दिसंबर, 2015 तक यह 10047 करोड़ रूपए होने का अनुमान है। सार्वजनिक क्षेत्र की ओएमसीज ने कुछ धनराशि इस इन्‍वेंटरी संबंधी घाटे की भरपाई के लिए रखी हैं

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श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर जारी किये गए प्रेस विज्ञप्ति के खंडन के पक्ष में तथ्य इस प्रकार हैं:

  1. एआईसीसी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्‍ति में यह आरोप लगाया गया है कि सरकार पेट्रोल पर 36.71 रूपए/लीटर और डीजल पर 21.88 रूपए/लीटर का मुनाफा कमा रही है। सरकार पर लगाया जा रहा यह आरोप जाहिर तौर पर गलत है और पूरी तरह से गुमराह करने वाला है।

पेट्रोल और डीजल के मूल्‍यों की सही और वास्‍तविक स्‍थिति निम्‍नानुसार है:

दिनांक 16.12.2015 से प्रभावी पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री मूल्‍य में करों का हिस्‍सा
  पेट्रोल डीजल
  रू0/ली0 % में आरएसपी रू0/ली0 % में आरएसपी
करों और डीलर कमीशन से पूर्व मूल्‍य 26.20 43.7% 26.73 58.0%
सीमा शुल्‍क # 0.47   0.46  
उत्‍पाद शुल्‍क 19.06   10.66  
कुल केन्‍द्रीय कर 19.53 32.6% 11.12 24.1%
ग्राहक से वसूला गया मूल्‍य – डिपो मूल्‍य 45.73   37.85  
वैट  (डीलर कमीशन पर वैट सहित) 11.99   6.81  
कुल राज्‍य कर 11.99 20.0% 6.81 14.8%
कुल कर 31.52 52.6% 17.93 38.9%
डीलर कमीशन 2.26 3.8% 1.43 3.1%
आरएसपी प्रति लीटर (पूर्णांकित) 59.98 100.0% 46.09 100.0%

 

  1. उपर्युक्‍त तालिका से यह देखा जा सकता है कि पेट्रोल पर कुल केन्‍द्रीय कर 19.53 रू0/लीटर और डीजल पर 11.12 रू0/लीटर हैं। उत्‍पाद शुल्‍क रिफाइनरियों को प्रशुल्‍क संबंधी सुरक्षा उपलब्‍ध करवाता है और इससे केन्‍द्र सरकार को कोई राजस्‍व प्राप्‍त नहीं होता है।

 

  1. इसके अलावा, 22 राज्‍य सरकारों ने वर्ष 2014-15 के दौरान पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ा दिया है। असम और मिजोरम को छोड़कर कांग्रेस शासित सभी राज्‍यों ने वैट की दरों में खासी वृद्धि की है(अनुलग्‍नक-।)

 

  1. इस समय में राज्‍य सरकारों द्वारा लगाए गए वैट के अलावा पेट्रोल और डीजल पर केन्‍द्रीय करों की दर क्रमश: 32.6% और 24.1% हैयह अन्‍य देशों में करों के साथ काफी तुलनात्‍मक है जैसा नीचे दी गई तालिका से देखा जा सकता है:

खुदरा बिक्री मूल्‍य  और खुदरा बिक्री मूल्‍य में करों का %

मूल्‍य और कर भारतीय रूपए/ली0 में

देश पेट्रोल डीजल
आरएसपी कर पूर्व मूल्‍य कर करों का % आरएसपी कर पूर्व मूल्‍य कर करों का %
भारत 59.98 28.46 31.52 53% 46.09 28.16 17.93 39%
फ्रांस 91.44 31.47 59.97 66% 77.90 30.83 47.07 60%
जर्मनी 94.06 32.61 61.46 65% 79.74 33.67 46.07 58%
इटली 103.28 33.03 70.25 68% 94.98 34.09 60.89 64%
स्‍पेन 82.51 35.44 47.07 57% 75.07 35.94 39.13 52%
यूके 107.77 31.54 76.23 71% 110.69 33.95 76.74 69%
जापान 70.82 35.14 35.68 50% 59.64 37.84 21.81 37%

 

  1. वर्तमान सरकार उपभोक्‍ताओं के हितों की बखूबी रक्षा कर रही है और पेट्रोल का खुदरा बिक्री मूल्‍य जून, 2014 में 71.56 रू0/ली0 से घटकर वर्तमान में 59.98 रू0/ली0 हो गया है। इसी प्रकार डीजल का मूल्‍य 57.28 रू0/ली0 से घटकर 46.09 रू0/ली0 रह गया है।
  2. जुलाई/अगस्‍त 2014 से पेट्रोल और डीजल के मूल्‍य में निम्‍नानुसार कमी हुई है :-
ब्‍यौरा पेट्रोल (जुलाई14) डीजल (अगस्‍त14)
  (रू0/ली0)
जुलाई/अगस्‍त, 2014 में आरएसपी * 73.60 58.97
16 दिसंबर, 2015 को आरएसपी 59.98 46.09
आरएसपी में कमी 13.62 12.88
कितनी बार मूल्‍य घटाया गया 20 16
कितनी बार मूल्‍य बढ़ाया गया 6 8

   * दिल्‍ली में पेट्रोल एवं डीजल का सर्वाधिक आरएसपी 

  1. एआईसीसी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्‍ति में 2004 और 2015 में लागू कच्‍चे तेल के अंतर्राष्‍ट्रीय मूल्‍यों में तुलना की गई है और मौजूदा सरकार पर मुनाफा कमाने का आरोप लगाया गया है। पेट्रोल और डीजल के मूल्‍य उनके संबंधित अंतरराष्‍ट्रीय मूल्‍य पर आधारित होते हैं और यह कच्‍चे तेल के मूल्‍य पर आधारित नहीं होते हैं। वर्ष 2004 और 2015 में पेट्रोल के खुदरा मूल्‍य में अंतर और उनके कारण नीचे दिए गए हैं :
ब्‍यौरा नवम्‍बर 2004 दिसम्‍बर  2015*
कच्‍चे तेल का अंतरराष्‍ट्रीय मूल्‍य 38.90 अमरीकी डालर प्रति बैरल 37.81 अमरीकी डालर प्रति बैरल**
पेट्रोल का अंतरराष्‍ट्रीय मूल्‍य

(पेट्रोल की आरएसपी परिकलन हेतु आधार)

51.74 अमरीकी डालर प्रति बैरल 53.47 अमरीकी डालर प्रति बैरल
रुपया-अमरीकी डालर विनिमय दर 45.13 66.73
पेट्रोल की आरएसपी रु.39.00 प्रति लीटर रु.59.98 प्रति लीटर
अंतर रु. 20.98 प्रति लीटर

*दूसरा पखवाड़ा  **दिनांक 15.12.2015 तक

 

मूल्‍य में अंतर के कारण नीचे दिए गए हैं:

ब्‍यौरे राशि (रु./प्रति लीटर) प्रतिशत
रुपया-अमरीकी डालर विनिमय दर  में परिवर्तन के कारण अंतर 7.26  

34.60%

पेट्रोल के अंतरराष्‍ट्रीय मूल्‍यों में परिवर्तन के कारण अंतर 0.49  

2.34%

उत्‍पाद शुल्‍क में वृद्धि 6.81 32.46%
वैट में वृद्धि (दिल्‍ली) 5.36 25.55%
विपणन मार्जिन, विपणन लागत , आईपीपी से टीपीपी मूल्‍य निर्धारण की पद्धति में विभिन्‍नता के कारण अंतर 1.06  

5.05%

योग 20.98 100.00%

 

उपरोक्‍त तालिका यह से देखा जा सकता है कि खुदरा मूल्‍यों में वृद्धि का मुख्‍य कारण अमरीकी डालर की तुलना में रुपया के मूल्‍य में गिरावट होना है। पिछले 11 वर्षों में 20.98 रुपए प्रति लीटर की कुल वृद्धि में से उत्‍पाद शुल्‍क के कारण केवल 6.81 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हुई है।

 

  1. सरकार पीडीएस मिट्टी तेल और घेरलू एलपीजी पर केन्‍द्रीय शुल्‍क को शून्‍य प्रतिशत पर बनाए रखते हुए आम आदमी के हित को अभी भी सुरक्षित रखे हुए है।   
  2. उपभोक्‍ताओं के हितों को बचाने के अलावा, पीडीएस मिट्टी तेल और राजसहायता प्राप्‍त घेरलू एलपीजी की बिक्री पर ओएमसीज को होने वाली अल्‍प-वसूली की समय पर भरपाई सुनिश्‍चित करने के लिए पर्याप्‍त बजटीय व्‍यवस्‍थाएं की गई हैं। पूर्व सरकार के दौरान प्रचलित राजकोषीय बद इंतजामी के चलते ओएमसीज को होने वाली अल्‍प-वसूलियों की भरपाई करने में हमेशा विलंब हुआ है।      
  3. यह धारणा सही नहीं है कि कच्‍चे तेल के मूल्‍यों में होने वाली गिरावट के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को भारी मुनाफा हो रहा है। वर्ष 2013-14, 2014-15 तथा 2015-16 की प्रथम छमाही में तेल पीएसयूज का कारोबार तथा पीएटी निम्‍नवत है, जो यह दर्शाता है कि पीएटी में कोई भारी वृद्धि नहीं हुई है।   
ब्‍यौरा 2013-14 2014-15 प्रथम छमाही,

15-16

कारोबार

(करोड़ रुपए)

955147 880676 378187
पीएटी

(करोड़ रुपए)

12814 13091 10768
कारोबार के % के तौर पर 1.34% 1.49% 2.85%

 

  1. वास्‍तव में, तेल पीएसयूज को कच्‍चे तेल के मूल्‍यों में कमी के कारण भारी इन्‍वेंटरी संबंधी घाटे उठाने पड़े हैं। वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 की प्रथम छमाही में ओएमसीज को क्रमश: 29,234 करोड़ रुपए तथा 4,247 करोड़ रुपए की इन्‍वेंटरी संबंधी घाटा हुआ है, जिनकी भरपाई ओएमसीज को नहीं की गई थी। ओएमसीज को वर्ष 2015-16 की तीसरी तिमाही में 5,800 करोड़ रुपए का इन्‍वेंटरी संबंधी घाटा होने का अनुमान है।

 

  1. यह भी याद किया जा सकता है कि पूर्व सरकार ने 14 सितम्‍बर, 2012 को उत्‍पाद शुल्‍क 14.78 रुपए प्रति लीटर से घटाकर 9.48 रुपए प्रति लीटर किए जाने पर भी पेट्रोल के मूल्‍य को उसी दर पर बनाए रखा था। उस समय करों में की गई कमी का फायदा उपभोक्‍ताओं को नहीं दिया गया था।

 

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अनुलग्‍नक-1
वैट दरों मे परिवर्तन का ब्‍यौरा
. वैट में बढ़ोतरी
    जुलाई’14 दिसंबर’15
    प्रभावी कर दर टैक्‍स  (रू0/ली0) प्रभावी कर दर टैक्‍स  (रू0/ली0)
क्र.सं. राज्‍य पेट्रोल (%) डीजल (%) पेट्रोल डीजल पेट्रोल(%) डीजल (%) पेट्रोल डीजल
1 आंध्र प्रदेश 31 22.25 18.52 11.26 39.66 32.72 18.31 12.5
2 बिहार 24.5 16 15.56 8.49 24.5 18 12.37 7.44
3 दिल्ली 20 13.06 12.26 6.68 25 17.36 12.11 6.88
4 गोवा 0.1 20 0.06 10.1 15 22 6.94 8.51
5 हरियाणा 21 9.24 12.85 4.75 26.25 17.22 12.81 6.9
6 हिमाचल प्रदेश 25 9.6 14.94 4.88 27 16 12.71 6.26
7 जम्मू और कश्मीर 24.84 13.9 15.39 7.32 30.09 18.44 14.81 7.56
8 झारखंड 20 18 11.81 9.04 34.74 25.17 16 9.69
9 कर्नाटक 31.25 21.43 18.7 10.88 32.3 22.48 15.02 8.77
10 केरल 26.47 20 15.75 10.15 34.27 27.35 16.1 10.68
11 मध्य प्रदेश 28.27 24.23 16.68 11.96 34.46 28.26 16.19 10.94
 

12

महाराष्ट्र- मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई 27.6 24 17.22 12.55 32.07 28.93 15.84 11.74
महाराष्ट्र – अन्य 26.58 21 16.81 11.25 31.16 25.94 15.17 10.51
13 मेघालय 18.52 11.77 12.72 7.17 19.22 13.77 10.41 6.36
14 नगालैंड 21 12.6 12.3 6.28 24.68 14.18 11.31 5.42
15 ओडिशा 21.2 21.2 12.58 10.69 24.23 24.23 11.2 9.38
16 पंजाब 33.02 9.62 20.12 4.94 36.44 17.72 17.62 7.03
17 राजस्थान 26.85 17.92 15.88 9.02 32.71 25.24 15.08 9.74
18 सिक्किम 25.12 15.01 14.71 7.49 31.55 21.54 14.46 8.23
19 तेलंगाना लागू नहीं लागू नहीं लागू नहीं लागू नहीं 35.2 27 16.46 10.5
20 उत्तराखंड 25 18.61 14.97 9.56 35.98 21 17 8.34
21 उत्तर प्रदेश 26.8 17.48 16.73 9.23 33.88 22.87 16.74 9.41
22 पश्चिम बंगाल 26.6 18.37 16.65 9.53 28.52 20.89 14.12 8.41
. वैट में कोई परिवर्तन नहीं                                                                                          
1 असम 27.5 16.5 16.15 8.42 27.5 16.5 12.58 6.49
2 छत्तीसगढ़ 25 25 14.72 12.57 25 25 11.55 9.67
3 गुजरात 25.46 24.63 15.95 13 25.46 24.63 12.57 10.07
4 मिजोरम 20 12 11.68 5.98 20 12 9.17 4.59
5 तमिलनाडु 27 21.43 15.9 10.68 27 21.43 12.45 8.19
ग. संघ शासित प्रदेश 
1 चंडीगढ़ 20.02 12.52 13.64 7.56 20.03 16.43 10.85 7.45
2 दादरा नगर हवेली 20 15 13.82 8.95 20 15 10.93 6.95
3 दमन और दीव 20 20 13.81 8.95 20 15 10.92 6.94
4 पुदुच्‍चेरी 15 14 10.66 8.45 15 14 8.47 6.57

 

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