भारतीय जनसंघ आने वाले चुनाव में १५० जगहों पर पार्टी प्रत्याशी उतारेगी

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नई दिल्ली : भारतीय जनसंघ जिसकी स्थापना माननीय श्री दीन दयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुख़र्जी तथा बलराज मधोक जी द्वारा की गयी थी तथा जिसका उद्देश्य देश के राजनीति की दशा व दिशा बदलने का था, बाद में किन्ही कारणों वश जनता पार्टी का गठन हुआ और भारतीय जनसंघ का विलय किया गया, परन्तु भारतीय जनसंघ के पूर्व अध्यक्ष बलराज मधोक ने इसका विरोध किया था अखिल भारतीय जनसंघ की स्थापना सन 1978 में की, हालाँकि जनसंघ और जनता पार्टी के उद्देश्य मूलतः समान थे इसलिए जनसंघ ने कभी भी भारतीय जनता पार्टी का विरोध नहीं किया , परन्तु अब जब स्थिति यह है की भाजपा पूरी तरह से भगवा कांग्रेस बन चुकी है तथा अपने मूल विषयो जैसे कश्मीर मुद्दा, राम मंदिर मुद्दा से पूरी तरह से भटक चुकी है तब जनसंघ जैसे संगठन का पुनः खड़ा होने देश के लिए जरुरी हो गया है, इसलिए जनसंघ की आज हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लगभग १५० जगहों पर पार्टी प्रत्याशी उतारेगी तथा अन्य सीटों पर भाजपा का पुरजोर विरोध करेगी।

पार्टी प्रवक्ता रूद्र विक्रम सिंह ने बताया कि जनसंघ का उद्देश्य देश में रामराज्य की स्थापना करने का है , रामराज्य जो सार्वभौमिक विकास, सर्वधर्म समभाव तथा वसुधैव कुटुंबकम की भावना का संवहन करता है, पार्टी के राष्र्टीय महासचिव श्री समीर सिंह चंदेल जो राजस्थान काडर के आईएएस भी रह चुके हैं, उन्होंने ३० प्रत्याशियों के नाम की भी घोषणा की, भाजपा के कद्दावर नेता तथा संगठन मंत्री रहे गोविंदाचार्य के भाई श्री वासुदेवाचार्य दिल्ली लोकसभा से चुनाव लड़ेंगे।
पार्टी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र , तेलंगाना , हरयाणा , राजस्थान, बिहार , झारखण्ड में मूलतः चुनाव लड़ेगी .

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