सरना दल के पलटुओं द्वारा की जा रही ब्यानबाज़ी को अकालीयों ने गैरजरूरी करार दिया

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नई दिल्ली:- 10.05.14 शिरोमणी अकाली दल दिल्ली इकाई के पुर्व सदस्य गुरलाड सिंह का पार्टी से इस्तीफा मंजूर होने के बाद विरोधी पक्ष के नेताओं द्वारा की जा रही ब्यानबाज़ी को गैरज़रूरी बताते हुए शिरोमणी अकाली दल दिल्ली इकाई के नेताओं ने कटाक्ष करते हुए “बिना बुलाए मेहमान“ के साथ तुलना की है। अकाली दल के महासचिव हरचरण सिंह गुलशन ने सरना दल के नेताओं पर कई दलों की सदस्यता इक्ट्ठी संभालने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह ब्यान बहादर स्वयं पल्टूराम है, क्योंकि रोज़ यह निजी फायदे के लिए अपनी वफादारीयों को बदलते रहे है। दिल्ली कमेटी के पुर्व उपाध्यक्ष जोगिन्दर सिंह गुरूराखा से गुलशन ने सवाल पुछा है कि अकाली दल के सदस्य के रूप में चुनाव जीतने के बाद सरना दल में और अब आम आदमी पार्टी मंे किस निजी लाभ के लिए शामिल हुए है ?
दिल्ली कमेटी सदस्य प्रभजीत सिंह जीती पर तीखे शब्दी हमले करते हुए गुलशन ने उनको ईमानदारी एवं पारदर्शिता अपने व्यापार में ईस्तेमाल करने की सलाह देने के साथ ही दिल्ली उच्चन्यायलय में उनके खिलाफ लोगो से ठगी मारने के चल रहे 200 से अधिक मुकद्दमों का हवाला देते हुए सवाल पुछा है कि जिनके परिवारिक सदस्यों ने लोगो के साथ ठगी मारने के जुर्म मे जेले काटी हों, वो किस नैतिकता का हवाला देकर पंथ के बडे नेताओं से इस्तीफे की मांग कर सकते है ?

गुरलाड सिंह के सवालो के जवाब अकाली दल के आॅफिस सचिव द्वारा देने को गुलशन ने ठीक करार देते हुए खुलासा किया कि पार्टी फोर्म पर कभी भी दिल्ली कमेटी के चुनावो से पहले यां बाद में गुरलाड को कभी भी पार्टी के लिए कोई भी कार्य करते नही देखा है एवं उनको पार्टी ने टिकट भी एक बडे अकाली नेता के नज़दीकी रिश्तेदार होने के कारण मजबूरी में दी थी। पार्टी द्वारा किए गए सैकड़ो धरने प्रदर्शनो के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कभी भी गुरलाड सिंह को पार्टी के लिए सड़को पर जुझते हुए नही देखा है इसलिए ऐसे इंसान को आॅफिस सचिव के द्वारा जवाब देकर पार्टी ने अपना फर्ज निभाया है।

गुलशन ने दिल्ली कमेटी नेताओं के खिलाफ लग रहे सभी आरोपो पर तथ्यों के आधार पर जवाब देने का हवाला देते हुए कहा कि हमने तो सभी जवाब दिए है, परन्तु दिल्ली कमेटी के पुर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना अपने की महासचिव गुरमीत सिंह शन्टी के बाला साहिब अस्पताल के बारे शंका का आज तक कोई जवाब नहीं दे सके है। शिरोमणी अकाली दल को लोकशाही पर पैहरा देने वाली पार्टी बताते हुए गुलशन ने दावा किया कि पार्टी का दिल्ली में संगठन बहुत मजबूत है और एक आदमी के जाने से पार्टी की सेहत यां दिल्ली कमेटी के प्रबंध पर कोई भी फर्क नही पड़ने वाला है।

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