सरकार के साथ किसानों की वार्ता का आज भी कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। किसानों के कानून रद्द करने की मांग पर सरकार ने एक संयुक्त कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा। लेकिन किसान नेता इस पर राजी नहीं हैं। किसानों की एक ही मांग है कि सरकार एमएसपी पर लिखित में आश्वासन दे और तीनों कानूनों को रद्द करने का वादा करे।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार अपने कृषि कानूनों का फायदा गिना रही है, जबकि हमारी मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी पर गारंटी दी जाए। उन्होंने मीडिया को बताया कि अभी भी सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बरकरार है।
आज की वार्ता में भी किसानों ने अपने लंगर का खाना खाया। पिछली बार केंद्रीय मंत्री और अधिकारियों ने किसानों के साथ उन्हीं का खाना खाया था। लेकिन इस बार किसानों ने उनके साथ खाना खाने से मना कर दिया। किसान नेताओं ने कहा कि आप अपना खाना खाइए और हम अपना खाना खायेंगे।
वार्ता के दौरान प्रदर्शन में शामिल किसानों की मौत पर उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों और किसानों के प्रतिनिधियों ने दो मिनट का मौन रखा।