देश में हो रहे मेडिकल भ्रष्टाचार को रोकने के लिए डाक्टर बिष्वरूप राॅय चैधरी और एम्स डाक्टर विमल छज्जेर ने मिडिया के समक्ष उठाई आवाज

देश में हो रहे मेडिकल भ्रष्टाचार को रोकने के लिए डाक्टर बिष्वरूप राॅय चैधरी और एम्स डाक्टर विमल छज्जेर ने मिडिया के समक्ष उठाई आवाज
देश में हो रहे मेडिकल भ्रष्टाचार के राकने और इसके बारें में लोगों को जागरूक करने के लिए इंडिया बुक आॅफ रिकार्ड के संपादक बिष्वरूप राॅय चैधरी और एम्स के जाने में कार्डियोलाॅजिस्ट डाक्टर विमल छज्जेर ने नई दिल्ली के प्रेस क्लब में मिडिया से रूबरू हुए। इस मौके पर बिष्वरूप राॅय चैधरी और डाक्टर विमल छज्जेर ने देष में हो रहे मेडिकल भ्रष्टाचार को तथ्यों के जरिये मिडिया के सामने लाने की कोषीष की। इस मौके पर डाक्टर विमल ने कहा कि भारत एक ऐसा देष है जहाॅ दिल के रोगियों की संख्याॅ सबसे ज्यादा है। इसका ज्यादातर कारण हमारा गलत जीवन शैली है। पर यहाॅ के डाक्टर आपको जीवन शैली बदलाव की सलाह न देते हुए हमेषा बाईपास सर्जरी के लिए जोर डालते हैं। ये तरीका बिल्कुल गलत है मैं खुद एक डाक्टर हॅू और मैं जानता हॅू कि अगर हार्ट की ब्लाॅकेज कम हो तो एक स्पेषल डाईट चार्ट के जरिये इसे ठीक किया जा सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण है अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपती बील क्लींटन जिनको की2004 में 4 बार बाईपास सर्जरी करानी पड़ी पर आगे चलकर 210 में उनको फिर से प्राब्लम होने लगी जिसके बाद उन्होने एक स्पेषल डाईट चार्ट को फाॅलो किया और वो बिल्कुल ठीक हो गयें। वहीं इस मौके पर बिष्वरूप राॅय चैधरी ने कहा कि हम जब डाक्टर के पास अपनी समस्याओं के लेकर जाते हैं तो वो फौरन आपको बाईपास सर्जरी की सलाह दे देते हैं। और इन सब चीजों में हमारें देष के डाक्टर सबसे आगे है। वर्तमान के एम्स डाक्टर नरेष त्रेहान(पद्म भूषण) ये डींग मारते हैं कि उन्होने 50000 बाईपास सर्जरी की है। डाक्टर पुरूषोत्तम लाल ये दावा करते हैं कि उन्होने 104 वर्षीय वृद्ध को स्टेंट लगाकर एक रिकार्ड कायम किया है। मैं सिर्फ उनसे ये पूछना चाहता हूॅ कि इनमें से कितनों को उन्होने नेचुरल बाईपास सर्जरी के जरिये ठीक किया है। उनके द्वारा एंजियोप्लास्ट करने के 5 साल बाद कितने रोगी जिन्दा रहें हैं या फिर उन्हे ये प्राब्लम दूबारा नहीं हुई है? इन सब चीजो ंको देखते हुए मैने एक किताब लिखी है जिसमें देष के लगभग 56 डाक्टरों के नाम हैं जो इस मेडिकल भ्रष्टाचार में शामिल हैं। ‘‘हार्ट माफिया‘‘ नामक इस किताब में मैने इन हार्ट माफियाओं को देष के सामने उजागर करने की कोषष की है। इस किताब के जरिये मैने नेचुरल बाईपास सर्जरी करवाने पर जोर डाला है।

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