हिन्दू पुरोहित शास्त्रीजी का दुनियाँ को सन्देश
धरती के अन्दर केंद्र में सूर्य भगवान ?
हिन्दू पुरोहित शास्त्रीजी का दुनियाँ को सन्देश एक सन्देश
दिल्ली , 29 नवम्बर 2016:- महेश शास्त्री जी, पीएचडीए संस्कृत स्नातक हिन्दू पुरोहितए जिन्होंने अनेकों पुस्तकें लिखी है . धर्म विषय पर अनेकों वीडियो टेप बनाये है व विश्व के अलग अलग स्थानों व मंदिरों में अनगिनत पूजाएं आदि संपन्न की हैए उन्होंने न्यूयार्क स्थित शिवआश्रम में जनसभा को सम्बोधित करते हुए जनमानस को आश्चर्य में डाल देने वाले अद्भुद रहस्यों को बताया।
धरती में जीवन के मूल का रहस्यए डीएनए कर्म और प्रत्येक ब्यक्ति पर उनका विशेष प्रभावए आदि के रहस्य को उन्होंने जगत के सबसे पावन सन्त के मुख से सुना है। ये सारे रहस्य इस दुनिया के किसी भी ब्यक्ति के द्वारा इससे पहले कभी प्रकट नही हुए थे।
उन्होंने बताया कि धरती के बीच में ;जिसे वैज्ञानिक लोग कोर कहते है वहद्ध एक सूर्य है। यह सूर्य ही केवल एकमात्र भगवान है और हम सभी का अस्तित्व है ही केवल एकमात्र इस भगवान की वजह से।
शास्त्रीजी ने बताया कि हमारे पर फेक्शन व कर्मों के अनुसार ही ये सूर्य भगवान हमारे भविष्य व मंजिल को तय करते है।
उन्होंने माना कि इस दुनिया में हर कोई किसी न किसी समस्या का सामना कर रहा है। ये समस्याए बढती ही रहेंगी क्योंकि लोग सत्य का अनादर कर दुनिया के केवल एकमात्र भगवान को स्वीकार करने न करने की भूल कर रहे है। उन्होंने बताया कि लोगों की समस्याएँ तभी समाप्त होंगी जब वे सच्चे मार्ग को स्वीकार लेंगेए क्योंकि समस्याओं की समाप्ति का अन्य कोई विकल्प नही है।
शास्त्रीजी ने बताया कि हमारे पर फेक्शन व कर्मों के अनुसार ही ये सूर्य भगवान हमारे भाग्य व भविष्य की मंजिल को तय करते है।
उन्होंने समझाया कि इस जगत में महा.परिवर्तन किस तरह से होगाय जब शुक्र व बुध सूर्य में समा जायेंगेए तथा पृथ्वी व चन्द्रमा क्रमशः उनके स्थान पर जायेंगी तब यह धरती तब नया वैकुण्ठ बनेगी और सारे सत्य के अनुयायी लोग उस नएवैकुण्ठ में जन्म लेंगे। उन्होंने आगे बताया कि यह ज्ञान जगत के समस्त प्रतिपादितधारणाओं में परिवर्तन लाऐगाए यहाँ तक कि न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण वाले नियम तथा डार्विन के क्रमोत्तर विकाश वाले सिधान्त में भी।
अतः शास्त्री जी ने दुनिया के सभी बुद्दिजीवी वर्ग के लोगों से विनम्रनिवेदन किया कि उनके द्वारा प्रस्तुत किये सभी वास्तविकताओं कासमर्थन करें ताकि दुनिया के लोग सत्य को जानकर बेहतर जीवन जी सके व सही मार्ग का अनुसरण कर सकें।
शास्त्रीजी ने अपने वक्तव्य को ष्वसुधैवकुटुम्बकमष् शब्दों के साथ विश्राम दियाय जिसका अर्थ यह जगत हमारा परिवार है और हम सब एक ही जीवनदाता ;धरती के गर्भस्थद्ध सूर्य की सन्तानें हैं।
शास्त्रीजी ने जो भी बताया अगर वह सत्य है तो उनके द्वारा बनाई गयी वेब.साईट अनेकों नोबेल पुरुष्कार व दुनियां के सर्वोच्च पुरुस्कारों को प्राप्त करने की पात्र है। शास्त्री जी ने स्वीडन के नोबेलफाउंडेशन आदि से निवेदन किया है कि जिन महानपावनसंत के मुख से उन्होंने इस रहस्य को सुनाहै उन्हें मानवता व शान्ति वाला पुरुष्कार दिया जाना चाहिये। पुरुस्कारों से प्राप्त हुयी उस धनराशि से दुनिया के सभी लोगों को सभी धर्मों तथा व मानवता के बारे में सीखने का अवसर मिलेगा।
शास्त्रीजी की वेबसाइट है:- www.changingworld123.com
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