नई दिल्ली :– दिल्ली हाईकोर्ट ने बहुत अच्छा आदेश दिया है , जिसको सभी एनजीओ , दिल्ली और केंद्र सरकार फैसले का स्वागत करेगी । जी हाँ दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना संकट के दौरान गरीब बच्चों को ऑनलाइन क्लास लेने में हो रही दिक्कतों को देखते हुए आज एक बड़ा और बेहद अहम आदेश दिया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी वित्तपोषण रहित सभी निजी और सरकारी स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाओं के लिए गरीब बच्चों को गैजेट्स और इंटरनेट कनेक्शन देने का आदेश दिया है , ताकि इन्हें भी ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त हो सके।
आपको बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान सभी स्कूल और कॉलेज बन्द किए गए थे , मार्च से सभी स्कूल और कॉलेज बन्द है । वही बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लासेज शुरू की गई , लेकिन इस ऑनलाइन क्लासेज में गरीब बच्चें हिस्सा नही ले पा रहे थे , क्योंकि उनके पास गैजेट्स और इंटरनेट कनेक्शन नही है , जिसके कारण उनकी पढ़ाई नही हो पा रही थी ।
दरअसल , ‘जस्टिस फॉर ऑल’ संस्था ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाली थी , उन्होंने दाखिल जनहित याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार को गरीब बच्चों को मोबाइल फोन, लैपटॉप या टैबलेट मुहैया कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया था, ताकि वे भी कोविड-19 लॉकडॉउन की वजह से चल रही ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ ले सकें।
जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट ने दिए अपने आदेश में सरकारी वित्तपोषण रहित निजी स्कूलों और सरकारी स्कूलों जैसे केंद्रीय विद्यालय को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और वंचित वर्ग के छात्रों को अच्छी इंटरनेट स्पीड के साथ-साथ गैजेट देने को कहा है ताकि इन्हें भी ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त हो सके।
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे गैजेट और डिजिटल उपकरण के साथ-साथ इंटरनेट पैकेज की लागत भी ट्यूशन फीस का हिस्सा नहीं होगी और ये उपरकण ईडब्ल्यूएस और वंचित वर्ग के छात्रों को निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों और सरकारी स्कूलों द्वारा मुफ्त प्रदान किए जाने चाहिए।