देश की राजधानी दिल्ली में साल 2020 के फरवरी महीने में दंगे हुए। जिसमें पचास से अधिक लोगों की मौत हुई और सैंकड़ों नागरिकों के घर और दुकान जला दिए गए। इन दंगों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलगाववादी खालिस्तानियों के कनेक्शन की दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल जांच कर रही है।
जून, 2020 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक लंबी इन्वेस्टीगेशन और छापामारी के बाद कुछ खालिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया था। जिनमें से एक का नाम लवप्रीत है, दिल्ली पुलिस इन्हीं सब मामलों में एक विस्तृत चार्जशीट तैयार कर रही है।
इसी चार्जशीट के डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में आरोपियों ने अपने बयान में खुलासा किया है कि दिल्ली दंगों में खालिस्तानियों और आईएसआई एजेंटों की भी भूमिका थी। आईएसआई एजेंट और खालिस्तान समर्थक दिल्ली दंगों से पहले सीएए-एनआरसी के खिलाफ चल रहे प्रोटेस्ट में भी लगातार सक्रीय रहे थे।
चार्जशीट में कहा गया है कि आईएसआई के इशारे पर कुछ खालिस्तानी समर्थक पंजाब से दिल्ली आए थे और शाहीनबाग आन्दोलन में सक्रीय रहे थे। आपको बता दें कि शाहीनबाग में एक्टिव रहे एक खालिस्तान समर्थक लवप्रीत सिंह को खुफिया एजेंसियों और स्पेशल सेल ने एक बड़े ऑपरेशन के बाद जून में उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब लवप्रीत टारगेट किलिंग को अंजाम देकर पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग लेने जा रहा था।
लवप्रीत और बगीचा सिंह, पंजाब से आए हुए कई लोगों के साथ शाहीनबाग मे रुके हुए थे, इसके अलावा कुछ खालिस्तानी समर्थक दिल्ली के चांद बाग भी गए थे और भड़काने वाले भाषण दिए थे। दिल्ली दंगों में साजिश की जांच कर रही स्पेशल सेल के सामने, चांद बाग दंगों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार अतहर खान और शादाब ने 25 अगस्त 2020 के दिन खुलासा किया था कि ”चांद बाग प्रोटेस्ट साइट शुरू करने वालों में से एक डॉक्टर रिजवान सिद्दकी शाहीनबाग प्रोटेस्ट साइट पर आता जाता रहता था।