लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर और किसान नेता राकेश टिकैत के बीच टकराव को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा एक गलतफहमी को लेकर ये टकराव की नौबत आई। हम भाजपा के कार्यकर्ता है , हमारे लिए पहले देश आता है। हमारे लिए राष्ट्र पहले है , जातियां बाद मे आती है और देश राष्ट्रवाद की भावना से चलेगा , जातियों के टकराव से नही चलेगा। इसलिए जो गलतफहमी पैदा हुई थी, उसको दूर किया गया है।
किसान आंदोलन के समाधान को लेकर कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा टकराव किसी समस्या का समाधान नही है। हर समस्या का समाधान बातचीत से निकलता है और मोदी सरकार किसानों से बातचीत करने को तैयार है।
11 दौर की बातचीत हो गई , लेकिन हम फिर भी तैयार हैं। हम चाहते है कि किसान आए और हमसे बातचीत करें, लेकिन उसके लिए कुछ तथ्य और तर्क किसानों को देने होंगे , जिससे साबित हो सके कि ये कानून किसानों के खिलाफ है, लेकिन ये देश जिद्द से और लाठी से नही चलेगा। ये देश कायदे और कानून से चलेगा।
आगे उन्होंने कहा हमारी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय को दुगनी करने को कहा था। लेकिन अगर हम उन किसानों की आय दुगनी नही कर पाए तो यही किसान संगठन जो विरोध कर रहे है यही हमसे पूछेंगे की क्या हुआ आप तो हमारी आय दुगनी करने वाले थे अगर आये दुगनी करने का कोई और तरीका है तो ये बताए कैसे दुगनी होगी किसानों की आमदनी।
मोदी ने हमेशा कहा है खेतो में अन्न पैदा करने वाला किसान और सरहद पर रक्षा करने वाला जवान मोदी सरकार के लिए भगवान है और भगवान रहेगा। भगवान के लिए मोदी सरकार को जो करना होगा वो किया है और आगे भी करेगी।
26 जनवरी को हुई घटना को लेकर कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि किसान आंदोलन में कुछ बाहरी ताकते गुस आयी थी , क्योंकि हमारे देश का किसान ऐसा नही हो सकता जो हमारे देश के झंडे का अपमान करे जो हमारे देश के जवानों का अपमान करें। लालकिले पर जो एक पन्थ का झंडा फेराते है क्या इसको किसान आंदोलन कहेंगे आप? लेकिन मोदी सरकार ने जितना शांति से काम लिया है , मैने अपने 30 साल के राजनीतिक कैरियर में ऐसा आज तक नही देखा। मैने वो सरकारें देखी है जब किसान अपनी मांग लेकर आता था , तो बदले मैं उसको गोली मिलती थी। इन सभी पार्टियों के हाथ किसानों के खून से रंगे हुए है।