वायरल हो रही वॉइस रिकॉर्डिंग को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना , पढें पूरी खबर

Ten News Network

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नई दिल्ली :– पश्चिम बंगाल में एक तथाकथित पत्रकार ने अपने ट्विटर पर वॉइस रिकॉर्डिंग डाली है , जो देश मे वायरल हो रही है। इस वॉइस रिकॉर्डिंग को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा। आपको बता दें कि कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि उस वॉइस रिकॉर्डिंग में दो बीजेपी नेताओं का जिक्र हो रहा है , साथ ही वॉइस रिकॉर्डिंग में पैसा लेकर टिकेट देने साथ ही महिला के साथ यौन शोषण की बात सामने आई है।

 

उन्होंने कहा कि इस वॉइस रिकॉर्डिंग में बेहद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं और घिनौने आरोप लगे हैं। हम इसकी वैधता का प्रमाण नहीं दे रहे हैं, लेकिन इसमें भाजपा के कुछ नेताओं पर, सीनियर प्रोफेसर पर आक्षेप लग रहा है। इसलिए जरूरी है कि इस बारे में चर्चा हो।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इस ऑडियो के माध्यम से तथाकथित आक्षेप जो लगाया गया है वह मुख्यत: दो लोगों पर केन्द्रित है। जिसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और जनरल सेक्रेटरी कैलाश विजयवर्गीय जी का नाम बार-बार सामने आ रहा है।

 

इनके नाम बहुत ही कलंकित आरोपों में सामने आ रहे हैं। चाहे वह पैसा लेकर टिकट देने की बात हो, या यौन शोषण के मामले की बात हो। मैं यह ज़रूर पूछना चाहती हूँ कि इस मामले पर चुप्पी क्यों बनी है? जो दो लोग हैं वो भी चुप हैं, उनकी ओर से भी कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है, और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी बहुत ही निंदनीय है। अगर ये आरोप झूठे हैं तो , ये लोग इसका स्पष्टीकरण क्यों नहीं दे रहे हैं?इनके खिलाफ शिकायत दर्ज क्यों नहीं की गयी? इन सभी लोगों के मुहं पर ताला क्यों लगा हुआ है?

 

साथ ही उन्होंने कहा कि एक और चुप्पी है जो अपने आप में सवाल पैदा करती है और वो चुप्पी है तृणमूल की सुप्रीम ममता बनर्जी की, जो अपने आपको महिलाओं की मसीहा और एक सशक्त नेत्री मानती हैं। वह इस पूरे मामले में चुप क्यों हैं? मैं जानना चाहती हूँ कि क्यों गलत लोगों को पुरस्कृत किया जाता है? जो महिलाओं का ही अपमान करते हैं, यौन शोषण की बात करते हैं और महिलाओं को ही डराया धमकाया जाता है ।

 

मैं यह भी पूछना चाहती हूँ कि महिलाओं के खिलाफ़ ऐसे आरोपों पर भाजपा सरकार चुप क्यों रहती है? पूरी की पूरी भाजपा सरकार में इतनी सहिष्णुता क्यों है? मैं यह भी पूछना चाहती हूँ कि क्या ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक कागजी शेर है? क्या वह एक खोखला नारा है? हम पूछना चाहते हैं कि भाजपा से बेटियों को कौन बचाएगा?

 

एक औरत के खिलाफ अत्याचार होता है, उसकी सुनवाई नहीं होती है। अगर सुनवाई हो भी जाए तो सारा प्रशासन, पुलिस लग जाती है यह सिद्ध करने में कि उसके साथ दुराचार हुआ ही नहीं। अगर उसमें सफल नहीं होते, तो उसके चरित्र हनन में लग जाते हैं।

 

इन सब मामलों के बाद भी भाजपा के शीर्ष नेताओं के मुंह में दही जम जाता है, ताला लग जाता है। यहाँ तक कि उनकी महिला नेत्रियाँ में जो बाल विकास मंत्रालय की मंत्री होने के नाते भी वह कुछ नहीं बोलती हैं । हम कांग्रेस पार्टी में होने के नाते इस पूरे मामले की जांच चाहते हैं और यह आशा करते हैं कि इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री , गृहमंत्री , भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा नेत्रियाँ अपनी चुप्पी तोड़ेंगी और स्पष्टीकरण देंगी।

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