तृणमूल कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला, कहा जबरदस्ती छोड़कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत विपक्ष को बात रखने का दिया जाए मौका

Ten News Network

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नई दिल्ली: ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सुखेंदु रे और लोकसभा सांसद कोकिला घोष ने आज दिल्ली स्थित तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सुखेंदु रे ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया और कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा और लोकसभा में अब तक 25 बिलों को पास किया गया है और इन बिलों के लिए एवरेज डिस्कशन 10 मिनट का ही रहा है।

आगे उन्होंने कहा की 14वीं लोकसभा में 60% बिलों को इंट्रोड्यूस किया गया था और उनको पार्लियामेंट्री कमेटी के पास भेजा गया था और 15वीं लोक सभा में 71% बिल पार्लियामेंट्री कमिटी को रेफर किया गया था। उन्होंने बताया कि 16वीं लोक सभा में 25% बिल स्टैंडिंग कमेटी को भेजे गए थे और इस समय जो लोकसभा चल रही है उसमें दिसंबर 2020 अब तक सिर्फ 11% बिल ही पार्लियामेंट्री कमेटी को भेजे गए है।

सुखेंदु ने कहा की हमारे संसदीय इतिहास के पहले 30 सालों में 10 दिन में एक अध्यादेश लाया जाता था। उसके बाद के 30 सालों में हर 10 दिनों में दो अध्यादेश लाए गए और उसके बाद 16वीं लोकसभा में 2014 से लेकर 2019 तक 10 दिनों में 3.5 ऑर्डिनेंस लाए गए वहीं अब जो 17वीं लोकसभा चल रही है उसमें अब तक 10 दिनों में 3.7 ऑर्डिनेंस लाए जा चुके हैं और यह और बढ़ते जा रहे हैं।

सुखेंदु ने आगे कहा कि लोकसभा में अब तक डिप्टी स्पीकर को भी नियुक्त नहीं किया गया है जबकि पिछले दिनों में 8 दिन के अंदर या ज्यादा से ज्यादा 71 दिन के अंदर डिप्टी स्पीकर को चुन लिया जाता था, लेकिन अब तक 782 दिन बीत चुके हैं और डिप्टी स्पीकर को अप्वॉइंट नहीं किया गया है। आगे उन्होंने प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा की राज्यसभा में प्रधानमंत्री कभी आते हैं कभी नहीं आते हैं। अभी वह तब आए थे जब उन्हें अपने मंत्रिमंडल का परिचय देना था लेकिन यह बात अलग है कि वह यह भी नहीं कर पाए।

आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हर चीज का जवाब दें यह जरूरी नहीं है, लेकिन पीएमओ की तरफ से भी किसी भी प्रकार का जवाब नहीं मिलता है, उन्होंने कहा जब मनमोहन सिंह पीएम थे तो अपने कार्यकाल में उन्होंने 21 बातों का जवाब दिया था लेकिन 2017 से अब तक प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया है।

टीमसी सांसद ने कहा कि हमारे मुख्य मुद्दे सिर्फ चार हैं, पहला किसान का मुद्दा, दूसरा कोविड का मुद्दा, तीसरा बढ़ती महंगाई और चौथा पेगासस का मामला जो की बहुत ही खतरनाक है क्योंकि हमारे देश की नेशनल सिक्योरिटी का सवाल इसके साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि संसद भवन में सभी विपक्षी पार्टियां पेगासस के मामले को लेकर सरकार को नोटिस भेज रही है। क्योंकि यह बहुत ही गंभीर विषय है तो इस विषय पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा अगर इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई तो इस लोकतंत्र का विनाश हो जाएगा। इसलिए हम मांग करते हैं कि इस जबरजस्ती को छोड़कर एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया से लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा होनी चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि हमें भी उसी प्रकार से अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए जिस तरह यूके और कनाडा में 110 दिन पार्लियामेंट चलती है जिसमें से 20 दिन विपक्षियों को दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि जब तक सरकार पेगासस के विषय पर चर्चा नहीं करती तब तक हमारा विरोध इसी प्रकार जारी रहेगा।

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