नई दिल्ली :– आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी शासित एमसीडी और दिल्ली पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। सौरभ भारद्वाज ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि भाजपा शासित एमसीडी ने 2013 में एनडी मॉल को अवैध बताते सील किया। दुकानदारों से करोड़ों रुपए लेकर मॉल को 8 साल चलने दिया।
अब व्यापारियों द्वारा दोबारा पैसे नहीं देने पर मॉल को सील करवा दिया। एनडी मॉल के सील होने के बाद भाजपा नेताओं ने करोड़ों रुपए लेकर गैरकानूनी तरीके से मॉल को शुरू करवाया। तब भाजपा नेताओं ने करोड़ों रुपए लेकर गैरकानूनी तरीके से मॉल को शुरू करवा दिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मेयर रविंद्र गुप्ता पर अब व्यापारियों ने करोड़ों रुपए की वसूली के लिए दबाव बनाने का गंभीर आरोप लगाया है। भाजपा नेता रविंद्र गुप्ता की ब्लैकमेलिंग और एक्सटोर्शन की पोल खुल गई तो आज सुबह एमसीडी ने दोबारा उस बिल्डिंग को सील कर दिया। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से सवाल है कि क्या यह चोरी दिल्ली भाजपा को नजर नहीं आ रही है? क्या वह रविंद्र गुप्ता के ऊपर कार्रवाई करेंगे?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2013 में एक मॉल बन रहा था, उसको एमसीडी में पहले सील कराया गया लेकिन गिराया नहीं गया। इसके बाद दुकानदारों से करोड़ों रुपए उगाए गए और दुकानों को चलने दिया। इसको लेकर 2014 में एफआईआर दर्ज कराई गई। इससे स्पष्ट है कि प्रशासन को पता चला कि दुकानों की डी सीलिंग नहीं हुई है।
एमसीडी के एई, एक्सईएन, एसई और करोल बाग जोन के डिप्टी कमिश्नर ने फाइल में लिखा कि जिन दुकानों को सील किया था उनकी सील तोड़कर दुकान शुरू कर दी गई हैं। ऐसे में इनके ऊपर कार्रवाई करनी चाहिए। इसके बाद एसएचओ करोल बाग को चिट्ठी लिखकर कहा गया कि इनके ऊपर कानूनी कार्रवाई करें और एफआईआर दर्ज की जाए। इसके बाद इस फाइल को दबा दिया गया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पुलिस, एमसीडी के अधिकारी और भाजपा नेताओं ने मिलकर करोड़ों रुपए कमाए हैं। अब जब दोबारा वसूली करने का मन किया तो ब्लैकमेलिंग शुरू की गई। ऐसे में दुकानदारों ने विरोध किया तो इसको दोबारा से अब सील करा दिया। भाजपा खुल्लम-खुल्ला गुंडागर्दी, चोरी-डकैती भाजपा दिल्ली के अंदर कर रही है। इससे गंदा और घटिया रूप प्रशासन का कहीं देखने को नहीं मिल सकता है। व्यापारियों ने भाजपा और आरएसएस को पाला है। जब लोग आरएसएस वालों को घर में घुसने नहीं देते थेतब व्यापारी वर्ग ने इनको चंदा देकर इस मुकाम तक पहुंचाया कि यह लोग आज केंद्र में सरकार चला रहे हैं। अब यह उस व्यापारी वर्ग के पीछे पड़ गए हैं। उनकी इमारतों को सील कर देते हैं और उसके एवज में पैसा लेते हैं। जब मन करता है तो फिर दोबारा से पैसे की उगाही करते हैं।