कौंसिल ऑफ रॉयल रूट्स ने नेशनल लीडरशिप समिट का आयोजन डॉ आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में 23 अक्तूबर 2021 को किया । इस समिट का अहम विषय सकारात्मकता बनाए रखना और उसे बढ़ावा देना था।
इस कार्यक्रम में सगी बहने नलिनी, कमलनी जो कि कथक नृत्यांगना है। आपने वर्ल्ड रिकॉर्ड भी स्थापित किया कैलाश मानसरोवर में जिसकी ऊँचाई 18 हज़ार फ़ीट की है। उन्होंने लोगों के अंदर सकारात्मकता को जगाने के लिए लोगों को प्रेरित करते हुए कहा, “सकारात्मकता एक ऐसी चीज़ है जो हर क्षेत्र में होनी चाहिए। भारत की संस्कृति में जितनी सकारात्मकता है उतनी कहीं भी नहीं है। भारत में हर एक पत्थर को भी खूबसूरती से तराशा हुआ है।
आपने आगे कहा की भारत के अंदर जो सकारात्मकता है उसका कारण संगीत ,नृत्य और यहां की कला है। भारत के हर त्योहार में संगीत और नृत्य एक नई उमंग और खूबसूरती लेकर आता है।
साथ ही उन्होंने नेतृत्व पर कहा की हमे खुद के अंदर नेतृत्व लाने के लिए खुद को सक्षम बनाना होगा।
जिंदगी में सीखने के चार चरण होते हैं। पहला जो ज्ञान हम पुष्तक से लेते हैं उसके बाद सानिध्य से और तीसरा अनुभव से और चौथा संघर्ष से जब ज़िन्दगी में हम संघर्ष करते हैं उस समय हमें बहुत सी चीजें सीखते है, जो हमे सिखाई नहीं जाती।
जहां कला होती है वहां संवेदना होती है, और जहां संवेदना होती है वहां सकारात्मकता होती है। और यही सकारात्मकता समाज को एक संबंध में बांधने का काम करती है।
हमारा उद्देश्य है कि आने वाली भावी पीढ़ी को हम मानसिक, आध्यात्मिक और शाररिक रूप से सक्षम बनाए। ताकि वो जान पाए कि वो किसी से कम नहीं।
साथ ही उन्होंने कुछ पंक्तियों से लोगों को प्रेरित किया
“शहर की आड़ में सपना चला गया,
गैरों की चाह में अपना चला गया,
हम पूछते ही रह गए रास्तों से उस शख्स का पता जो अभी तक यहां था कहां चला गया।“
झिरो से हीरो बनने के लिए आपको पॉजिटिव होना बहुत जरूरी है।
हमें Z को H में तब्दील करना होगा।
हमें अपने जीवन में नहीं को हाँ में बदलना होगा।
साथ ही उन्होंने अपने शब्दों से लोगो को पॉजिटिव रहने के लिए प्रेरित किया। और कहा सकारात्मक बनो, चमकदार बनो
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