प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने जताई नाराजगी, पढ़े पूरा मामला
नई दिल्ली, 10/12/21: देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार 09/12/21 को स्किल बुक – डॉ किरण झरकर द्वारा कल्पित का मोबाइल / वेब ऐप का देशार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें अनेकों गणमान्य व्यक्तियों एवं विभिन्न धर्मों से जुड़े संत महात्माओं ने सहभागिता दर्ज कराई।
मुख्य अतिथि पुरी शंकराचार्य गोवर्धनपीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने भी इस दौरान अपने आशीर्वचन दिए।
उन्होंने कहा, “बहुत ही आस्था औऱ भव्यता के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ है। महाराष्ट्र ज्ञान, संस्कृति औऱ वैचारिक क्रांति का केंद्र रहा है। विद्या और कला जीवन का अभिन्न अंग है।”
“पृथ्वी, पानी, प्रकाश दूषित ना हो इतना ही विकास किया जाना चाहिए। धैर्य के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ना आवश्यक है। हमारा शरीर वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा से जुड़ा हुआ है।”
धर्मग्रंथों से अपने लगाव को जाहिर करते हुए वह बोले, “मैंने कम से कम 50 बार दासबोध का अध्ययन किया है। कम से कम 15 बार ज्ञानेश्वरी का अध्ययन किया है। यह दोनो मेरे प्रिय ग्रन्थ हैं। मेरा मानना है कि इस ग्रंथ की चर्चा करते हुए समर्थ रामदास जी का भी नाम लेना चाहिए। मैं ज्ञानेश्वर जी का परम पक्षधर हूँ परन्तु शिवाजी और समर्थ रामदास जी को भूल जाएंगे तो काम नहीं बनेगा।”
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के एक बयान पर भी नाराज़गी जाहिर करी और कहा, “मोदीजी बहुत अच्छे शैली वाले हैं परंतु आप गौरक्षकों को गुंडे कहेंगें तो गौ हत्यारों के हौसलें बुलंद हो जाएंगे। इसलिए प्रधानमंत्री का क़द नही है कि आप गौरक्षकों को गुंडे कह दें और गौ हत्यारों को प्रोत्साहन दें। हमसे मोदी जी ने कहा था कि कम से कम भूल कर सकूँ। मैंने कहा आप ऐसा क्यूं नहीं सोचते कि कोई भूल न हो तो उन्होंने बोला कि मनुष्य हूँ कुछ ना कुछ भूल स्वाभाविक है। इस बात को ध्यान रखते हुए मेरा मानना है कि सबसे बड़ी भूल उन्होंने की है गौरक्षकों के लिए गुंडे शब्द का प्रयोग करके।”
SKILL BOOK – Dedication to the Nation by Puri Jagadguru Shankaracharya | Photo Highlights
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