नए साल पर सरकार का तोहफा, GST काउंसिल ने वापस लिया कपड़े पर 12 % जीएसटी का फैसला, व्‍यापारियों में खुशी की लहर

TEN NEWS NETWORK

NEW DELHI (01/01/2022): नए साल पर मोदी सरकार ने व्‍यापारियों को बड़ा तोहफा दिया है। दिल्ली में साल के अंतिम दिन हुई जीएसटी कॉउन्सिल की मीटिंग में कपड़े पर 1 जनवरी 2022 से 5 फीसदी के बजाय 12 फीसदी जीएसटी लगाने के निर्णय को वापिस ले लिया गया है। जिससे नए साल में रेडीमेड कपड़ा खरीदना अब महंगा नहीं होगा और ज्‍यादा टेक्‍स नहीं चुकाना होगा। सरकार के इस फैसले का व्‍यापारियों ने स्‍वागत किया है।

दिल्ली हिंदुस्तानी मर्सेंटाइल एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट भगवान बंसल ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने व्यापारियों को साल के अंतिम दिन बहुत बड़ी खुशखबरी दी है। बंसल ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह पूरे व्यापारी वर्ग की जीत है जिस तरीके से पूरे हिंदुस्तान के व्यापारियों ने एकता का प्रतीक दिया है इसके कारण सरकार ने इस फैसले को वापस लेने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से व्यपारियों पर 12 प्रतिशत टैक्स वसूलने के नियम को थोप गया था वह व्यपारीयों के हित में नहीं था। बंसल ने कहा कि व्यापारियों के लिए जो प्रधानमंत्री ने यह फैसला लिया है इसका हम स्वागत करते हैं हम उन का धन्यवाद करते हैं।

दिल्ली हिंदुस्तानी मर्सेंटाइल एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी मुकेश सचदेवा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने आज व्यापारी वर्ग को बहुत बड़ा तोहफा दिया है। इससे पहले व्यापारी वर्ग परेशान था, उसको चिंता सता रही थी कि व्यापारियों के ऊपर जो सात से 10 प्रतिशत का टैक्स लगने वाला है वो उसे कैसे सहन करेगा। “सरकार ने आज हमें बहुत बड़ा तोहफा दिया है और हम उम्मीद करते हैं सरकार से अनुरोध करते हैं कि जो पांच प्रतिशत का जीएसटी कपड़ों पर तय किया गया है उसे भविष्य में ना बढ़ाया जाए और सरकार इस फैसले को कायम रखे।

दिल्ली हिंदुस्तानी मर्सेंटाइल एसोसिएशन के प्रचार मंत्री नीरज कांत कंशल ने कहा कि आज से 3 महीने पहले सूचना आई थी की 2022 से सरकार कपड़ों पर 12% जीएसटी लगाने जा रही है। दिल्ली हिंदुस्तानी मर्सेंटाइल एसोसिएशन 128 साल पुरानी एसोसिएशन है, जो कपड़ों की सबसे पुरानी और प्रमुख एसोसिएशन है। हमारी एसोसिएशन पिछले तीन महीनों से लगातार संघर्ष कर रही थी, व्यापारियों की आवाज को बुलंद कर रहे थी, हमने सरकार के कई अधिकारियों से बातचीत की और आज यह नतीजा निकल कर आप सबके सामने आया है।

हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि सरकार इस फैसले पर कायम रहेगी, हम 5% टैक्स से सहमत तो हैं, लेकिन फिर भी ये टैक्स ज्यादा हीं है क्योंकि पहले कपड़ों पर कोई टैक्स नहीं लगता था।

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