नई दिल्ली :– आम आदमी पार्टी ने दिल्ली बाॅर्डर पर स्थित हरियाणा के खोरी गांव को तोड़ने का आदेश दिए जाने का कड़ा विरोध किया है। ‘आप’ के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता ने कहा कि वह खोरी गांव को तोड़ने के आदेश के खिलाफ पीएम को ज्ञापन देने जा रहे थे, लेकिन दिल्ली और फरीदाबाद पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से मुझे और मेरे साथियों को हिरासत में लिया।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने अपराधियों की तरह मुझे पांच घंटे तक सड़क पर घुमाया और जब मैंने जमानत लेने इन्कार कर दिया, तो मुझे छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार ने मजबूत पैरवी नहीं की और हरियाणा सरकार ने अनदेखी की, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने खोरी गांव को तोड़ने का आदेश दिया है।
हरियाणा सरकार ने लोगों का बिना पुनर्वास किए ही गांव को तोड़ने का आदेश दे दिया है। हमारी मांग है कि हरियाणा सरकार सबसे पहले खोरी गांव में रहने वाले लोगों का पुनर्वास करे और हिरासत में लिए गए हमारे सहयोगियों को तत्काल छोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाॅर्डर पर हरियाणा के फरीदाबाद में खोरी गांव करीब 40-50 साल से बसा हुआ है। खोरी गांव की करीब एक लाख की आबादी है और ज्यादातर लोग बिहार और उत्तर प्रदेश से आकर रहते हैं। हरियाणा सरकार ने खोरी गांव खाली कराने का आदेश नगर निगम को दे दिया है।
खोरी गांव की एक लाख की आबादी में गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे भी हैं और वे मजदूर भी हैं, जिन्होंने अपने सिर पर टोकरी ढोकर फरीदाबाद का निर्माण किया। जो फरीदाबाद के लोगों के घरों के अंदर चूल्हा चैका और सफाई का काम करते हैं। इन लोगों ने अपनी पूरी जिंदगी की जमा पूंजी बचा कर जमीन खरीदी और मकान बनाया। वहां पर उनके बच्चे पैदा हुए, उनकी शादी हुई।