असम में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के विरूद्ध छात्रों ने किया प्रदर्शन, NRC को रोकने की उठायी मांग

Ten News Network

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New Delhi: आल असम माइनोरिटीज स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमे बड़ी संख्या में असम से आए लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी किया। वक्ताओं ने कहा की आज केंद्र में बैठी सरकार माइनोरिटीज़ को ध्यान में नहीं रखते हुए नीतियां बना रही है जिसके कारण हम अपने हीं देश में खुश नहीं हैं। सरकार से मांग करते हुए प्रदर्शनकारीयों ने कहा की सरकार को एनआरसी जल्द से जल्द वापस लेना होगा नहीं तो ये आंदोलन और आगे बढ़ेगा।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा किए गए निष्कासन ने हजारों भारतीय नागरिकों को बेघर कर दिया है। उन्हें इस महामारी की स्थिति में खानाबदोश जीवन जीने के लिए मजबूर किया है।

छात्रों के निकाय ने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय का एक बड़ा वर्ग ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियों के तट पर बस गया है और उपजाऊ मिट्टी का उपयोग किया है, हालांकि, वे सैकड़ों हेक्टेयर भूमि के रूप में ब्रह्मपुत्र के प्रकोप का भी सामना करते हैं। हर साल विनाशकारी बाढ़ और कटाव के कारण जलमग्न हो जाता है जिसके कारण अल्पसंख्यक समुदाय का बार-बार रहने योग्य भूमि की ओर पलायन होता है।

आपको बतादें की छात्रों के संगठन ने 16वीं सदी के संत और सांस्कृतिक प्रतीक अज़ान पीर के नाम पर एक विश्वविद्यालय, अहोम जनरल बाग हजारिका के नाम पर एक सैनिक स्कूल और असम में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक परिसर की भी मांग की है।

एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को एक 12 सूत्री ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें विस्थापितों के समुचित पुनर्वास, एनआरसी को रोकने और राज्य में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को समाप्त करने की मांग की गई है।

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