बॉलीवुड पर पड़ा कोरोना का बड़ा असर, नॉएडा के समाजसेवी की आरटीआई के जवाब में हुए कई खुलासे
नॉएडा – कोरोना महामारी का असर चारों ओर व्याप्त है, ऐसे में बॉलीवुड भी इसके असर से अछूता नहीं रह पाया है| 2019 के मुकाबले 2020 में बेहद कम फिल्मों ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड में सर्टिफिकेट के लिए आवेदन दिए, समाजसेवी एवं अधिवक्ता रंजन तोमर द्वारा दाखिल की गई एक आरटीआई द्वारा यह जानकारी प्रकाश में आई हैं| जहाँ 1 जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक कुल 5011 आवेदन प्राप्त हुए, वही कोरोना काल से ग्रसित रहने वाले 2020 में यह संख्या 1 जनवरी से लेकर दिसंबर तक मात्र 3173 रही, जो की 2019 के मुकाबले बेहद कम है, इससे ज़ाहिर होता है की कोरोना काल ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को बहुत बड़ा नुक्सान पहुंचाया है, इससे कहीं न कहीं न सिर्फ नायक नायिकाओं को नुक्सान हुआ अपितु सबसे बड़ा नुक्सान इससे जुड़े हज़ारों कर्मचारियों को हुआ है।
गौरतलब है केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड या भारतीय सेंसर बोर्ड भारत में फिल्मों, टीवी धारावाहिकों, टीवी विज्ञापनों और विभिन्न दृश्य सामग्री की समीक्षा करने संबंधी विनियामक निकाय है। यह भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन है। इसे उपरोक्त वर्णित सभी को विभिन्न श्रेणी प्रदान करने का और स्वीकार या अस्वीकार करने का अधिकार है।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की स्थापना सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 के तहत की गई है। पूर्व में सेंसर बोर्ड के नाम से प्रसिद्ध यह संगठन भारत में प्रदर्शित होने वाली विभिन्न श्रेणी की फिल्मों के लिए प्रमाण पत्र जारी करता है। बोर्ड की अनुमति के बिना भारत में कोई भी देसी अथवा विदेशी फिल्मों का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। इस बोर्ड में अध्यक्ष के अतिरिक्त 25 अन्य गैर सरकारी सदस्य होते हैं। बोर्ड का मुख्यालय मुंबई में है। इसके 9 क्षेत्रीय कार्यालय बंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, कटक, गुवाहाटी, हैदराबाद, मुंबई, नई दिल्ली और तिरुवंतपुरम में है। बोर्ड सामान्य सार्वजनिक फिल्मों के लिए U, वयस्क फिल्मों के लिए A, अभिभावकों की उपस्थिति में किशोरों सहित सबके देखने योग्य फिल्म के लिए U/A, तथा विशेषता वाली फिल्मों जैसे चिकित्सा, स्वास्थ्य आदि पर बनी फिल्मों के लिए S प्रमाण पत्र जारी करता है।
इस वर्ष में अबतक 10 मई 2021 तक कुल 3509 फिल्मों ने आवेदन दिया है वहीँ अप्रैल 2021 से लेकर मई 2021 तक 1304 फिल्मों द्वारा आवेदन दिया गया है, यह नंबर अच्छे हैं लेकिन दूसरी लहर के प्रकोप के बाद फिरसे आवेदनकर्ताओं और फिल्मों के बनने की रफ़्तार कम होगी जिससे सभी का भारी नुक्सान होगा, ऐसे में फिल्मी सितारों को और बॉलीवुड को अपने यहाँ कार्य करने वाले कर्मचारियों की मदद करनी होगी अन्यथा उन्हें जीवनयापन में बड़ी समस्या आने वाली है।