नई दिल्ली :– करीब एक महीने पहले सरकार दिल्ली में जुलाई के अंत तक 5.5 लाख कोरोना मरीजों का अनुमान लगा रही थी, लेकिन अब रिकवरी रेट 80 फीसदी से अधिक होने के साथ ही राजधानी में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में भारी कमी आई है।
ऐसे में कोरोना मरीजों के लिए बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर वाले अस्थायी कोविड सेंटर की योजना की रफ्तार भी धीमी पड़ती नजर आ रही है।
जून के शुरुआत में सरकार ने इनडोर स्टेडियमों को अस्थायी अस्पतालों में बदलने की योजना पर चर्चा की थी, लेकिन सवाल उठता कि क्या अब दिल्ली को अस्थायी अस्पतालों की जरूरत नही है? क्या मरीजों की घटती संख्या इसकी बड़ी वजह है?
दरअसल, दिल्ली में पिछले 25 दिनों में कई हाई-टेक कोविड सेंटर बनाए गए, लेकिन इन कोविड सेंटर में बेड की संख्या जितनी अधिक है, उससे काफी कम मरीजों की संख्या है ।
ऐसा ही नज़ारा सेंट्रल दिल्ली के लोकनायक अस्पताल से अटैच दिल्ली के सबसे पहले शहनाई बैंक्वेट हॉल में बने कोविड सेंटर का देखना मिला।
100 बेड वाले शहनाई बैंक्वेट हॉल के कोविड सेंटर में एक समय पर अधिकतम 60 मरीज़ भर्ती हुए थे, लेकिन अब एक भी मरीज़ भर्ती नहीं हुआ ।
शहनाई बैंक्वेट हॉल कोविड केयर सेंटर में मरीजों की संख्या शून्य होने पर एलएनजेपी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि यहां मौजूद कुछ मरीजों को पूर्वी दिल्ली के कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज कोविड केयर सेंटर में ट्रांसफर किया गया है, जो सामान्य कोरोना मरीज थे और फाइनल टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने का इंतज़ार कर रहे ।
वहीं, शहनाई बैंक्वेट हॉल कोविड सेंटर में व्यवस्था संभालने वाले डॉक्टर्स फ़ॉर यू के चेयरमैन रजत जैन ने बताया कि फिलहाल कोविड सेंटर को बन्द नहीं किया जा रहा है, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर यहां दोबारा मरीज़ भर्ती किए जाएंगे।
रजत जैन ने कहा कि शहनाई बैंक्वेट हॉल में फिलहाल एक भी मरीज भर्ती नहीं है, लेकिन लोकनायक अस्पताल को ज़रूरत पड़ेगी, तो तुरन्त मरीज़ को एडमिट किया जाएगा।