दिल्ली में डीडीए की नई पहल , संपत्ति का मालिकाना हक पाने के लिए अब लोगों को नही लगाने होंगे दफ्तर के चक्कर

ROHIT SHARMA

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नई दिल्ली :– दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को अब संपत्ति के मालिकाना हक के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण के कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डीडीए की ओर से संपत्ति धारकों की संपत्ति के दस्तावेज एकत्र करने और आवेदन कराने की व्यवस्था उनकी कॉलोनी में ही की जाएगी।

डीडीए ने केंद्र सरकार के कॉमन सर्विस सेंटर ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के साथ गठजोड़ किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत एक विशेष वाहन दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में जाएगा।

योजना के तहत नागरिकों के ऑनलाइन पंजीकरण के साथ-साथ अधिकार के लिए आवेदन पत्र दाखिल करने की सुविधा इस वाहन से लोगों को मिलेगी।

योजना के पहले चरण के रूप में, सीएससी के ग्रामीण स्तर व्यवसायिक संपत्ति के विवरण दर्ज कर डीडीए के ई-पोर्टल के माध्यम से योजना के तहत पंजीकरण करने में मदद करेंगे।

एक बार फॉर्म जमा हो जाने के बाद निवासी को रसीद का प्रिंट-आउट दिया जाएगा। रसीद में यूनिक पंजीकरण संख्या और संपत्ति की जिओ लोकेशन को ठीक करने के लिए डीडीए के साथ संबद्ध एजेंसियों का विवरण होगा।

पंजीकरण के बाद जीआईएस एजेंसी संपत्ति का दौरा करती है और डीडीए पोर्टल पर जिओ लोकेशन अपलोड करती है, तो निवासी को पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर एक यूनिक जीआईएस आईडी प्राप्त होगी। इसके बाद निवासी पीएमसी-यूडीएवाई पोर्टल के माध्यम से आवेदन पत्र भरने के लिए सीएससी पर जा सकते हैं।

फॉर्म भरने के साथ ही जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी , सेल डीड, विल, पेमेंट रसीद, निर्माण का डॉक्यूमेंट्री प्रूफ, बिजली बिल, प्रॉपर्टी टैक्स म्यूटेशन, एफिडेविट आदि जैसे दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रतियां भी अपलोड की जाएंगी। एक बार फॉर्म जमा करने और भुगतान किए जाने के बाद, आवेदक को यूनिक केस आईडी के साथ अंतिम सबमिट किए गए आवेदन का प्रिंटआउट प्रदान दिया जाएगा।

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