नई दिल्ली :– दिल्ली में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों से अस्पताल जूझ रहे हैं , वहीं इस दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी ने उन्हें और भी लाचार कर दिया है |
सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत को खत्म करने के लिए केंद्र को आदेश दिया था कि वो किसी भी कीमत पर दिल्ली के अस्पतालों में 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन रोजाना मुहैय्या करवाए, लेकिन अभी तक दिल्ली को केंद्र महज कुल मांग की 40 फीसदी ही ऑक्सीजन ही उपलब्ध करवा पा रही है |
आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने आज दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की , जिसमें उन्होंने बताया कि हमने सोचा कि दिल्ली में ऑक्सीजन के सही आंकड़े एपीजे सामने रखे |
उन्होंने कहा की कल 3 मई ऑक्सीजन की मांग 976 मीट्रिक टन मांग थी जबकि दिल्ली की दहलीज पर 433 मीट्रिक टन मिल पाई थी. कुल मांग की 40% ऑक्सीजन दिल्ली को अभी तक मिल पाई , जबकि दिल्ली के अस्पतालों को 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की रोज़ाना जरूरत है |
राघव चड्ढा ने बताया कि जब सप्लाई कम होती है तो असपतालो में ऑक्सीजन खत्म होने की कगार में आ जाती है फिर हम अस्पतालों को 24 घंटे ट्रैक करते है और टीम केजरीवाल ऑक्सीजन मुहैया कराती है | हमने एसओएस रिज़र्व बनाया है , कल हमे 41 एसओएस अस्पताओ ने हमारे सामने रेज किये , हमने सबको किसी ना किसी तरह ऑक्सीजन मुहैया कराई |
इन 41 अस्पतालों में महज 7142 ऑक्सीजन बेड्स ही थे , जहां ऑक्सीजन पहुंचाई गई. आपको बता दें कि यह पहला मौका था जब देश की राजधानी में ऑक्सीजन की किल्लत के बीच दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की स्थिति पर अपनी स्टेटस रिपोर्ट जारी की |