DELHI(03/01/2022): दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ अनिल कुमार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मांग की है कि दो दिन के विशेष विधानसभा सत्र में दिल्ली के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजधानी में कोविड संक्रमण के तेजी से प्रसार के चलते मुख्यमंत्री को जनता के स्वास्थ्य और हितों से जुड़ी समस्याओं का निवारण करने पर सत्र में चर्चा करनी चाहिए, जबकि मुख्यमंत्री ने ऐसे मुद्दों पर सत्र बुलाया जिनकी चर्चा बजट सत्र के समय की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सत्र में कोरोना के बढ़ते मामले, नई आबकारी नीति, महंगाई, बेरोजगारी, चरमराई सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था, मौहल्ला क्लीनिकों में गलत दवाई से गरीब बच्चों की मौत सहित किसानों से वादा खिलाफी आदि मुद्दो पर चर्चा होनी चाहिए। परंतु दिल्ली के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा न करके यह सब केवल खानापूर्ति के लिए हो रहा है जिसमें दिल्ली के करदाताओं का पैसा बर्बाद किया जा रहा है।
अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल अपने अवसरवादी व्यक्तित्व से अलग हट कर दिल्ली की जनता की जरुरतों पर ध्यान दे, उनकी जनता के प्रति निष्क्रियता के कारण राजधानी में एक बार फिर कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे है जिसके चलते उन्होंने शराब की दुकाने छोड़ सब कुछ बंद कर दिया या 50 प्रतिशत की क्षमता कर दी है। उन्होंने कहा कि येलो अलर्ट के बाद परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है जिसके लिए उन्हें डीटीसी बसों की अतिरिक्त व्यवस्था करनी चाहिए तथा गरीब, दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी पटरी तथा छोटे कारोबारियों के लिए तुरंत राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यह साफ हो गया है कि अरविन्द केजरीवाल दिल्लीवालों को बेवकूफ बनाकर उन्हें गुमराह कर रहे है क्योंकि वर्ष 2021 में उन्होंने दिल्ली छोड़ दूसरे राज्यों में अपने राजनीति पैर जमाने के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि सभी सुविधाऐं पहले दिल्ली के नागरिकों को देनी चाहिए। चौ0 अनिल कुमार ने कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली सहित अन्य राज्यों में चुनावों से पूर्व केजरीवाल को स्पेशल स्कूल और गुरुद्वारा संबधी मुद्दे याद आए है जबकि पिछले 7 वर्षों में उन्होंने कोई कदम क्यों नही उठाया?
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली भाजपा द्वारा शराब नीति के खिलाफ दिल्ली में चक्का जाम करना पूरी तरह दिखावा है और दिल्ली को नशे की राजधानी बनाने के पीछे भाजपा पर समय आम आदमी पार्टी के साथ खड़ी नजर आई। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र में भाजपा की सरकार है और उपराज्यपाल केन्द्र के आधीन तो फिर शराब नीति को मंजूरी कैसे दी गई? उन्होंने कहा कि भाजपा और केजरीवाल दोनो एक ही सिक्के के दो पहलू है जो मिलकर दिल्ली की जनता को गुमराह कर रहे है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि नई आबकारी नीति के तहत पंजाब के अकाली दल के पूर्व विधायक की शेल कंपनी को आबकारी नीति के शर्तों के खिलाफ भ्रष्टाचार के तहत केजरीवाल ने कई ठेके खोलने की मंजूरी दी गई, इसमें भाजपा की मिलीभगत की जांच होनी चाहिए। उन्हांने कहा कि शराब नीति के लागू होने से पहले शुरुआती 6 साल में केजरीवाल ने 420 ठेके खोले और इस नीति के लागू होने पर इनकी संख्या 849 कर दी गई जबकि 18 विधानसभाओं में जहाँ पहले 5 ठेके थे अब 216 ठेके होंगे। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान के अनुसार रिहायशी इलाके में मिक्स्ड लैंड तथा अनाधिकृत कॉलोनी में ठेके नहीं खोले जा सकते, लेकिन MCD की सहमति से ठेके खोले जा रहे है? जिस पर शहरी आवास मंत्री से मिलकर प्रदेश कांग्रेस ने शिकायत भी दर्ज कराई थी।
आबकारी नीति के विरुद्ध भाजपा के आंदोलन पर निशाना साधते हुए, कांग्रेस ने समास्याओं पर चर्चा करने की लिए दिल्ली में विधानसभा सत्र बुलाने का किया मांग।