New Delhi (28/12/2021): दिल्ली के जंतर मंतर पर ऑल इंडिया होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुवीर सिंह दहिया की अध्यक्षता में ऑल इंडिया होमगार्ड की समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया।
इसमें हक इंसाफ और इंसानियत की वैचारिक क्रांति के अग्रणी एवं कवि लेखक ऋषि पाल भदाना जिला सोनीपत हरियाणा के साथ विभिन्न राज्यों से आए हुए होमगार्ड के प्रतिनिधियों के साथ शहीदों व महापुरुषों को उनकी सच्ची सेवा के लिए दीपक जलाकर व पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया।
विभिन्न राज्यों के स्वम सेवकों, जवानों को को उनकी ईमानदारी और सच्ची सेवा के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कवि लेखक ऋषि पाल भदाना ने कहा किसी भी संगठन की मजबूती उसकी एकता पर निर्भर करती है इसलिए देश के होमगार्डों जवानों को संगठित होकर भारतीय संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा होमगार्ड की स्थापना अंग्रेजों के जमाने में स्वयं सेवक के रूप में हुई थी।
भारत की आजादी के बाद देश का अपना संविधान भी बना। मानव अधिकार के नियम भी बनाए गए लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी होमगार्ड के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया।
होमगार्ड के जवानों को संपूर्ण कर्मचारियों का दर्जा मिले कोई ऐसी सुविधाएं नहीं दी गई है। ऋषि पाल भदाना ने अपनी रचित सामाजिक देशभक्ति कविताओं के माध्यम से उपस्थित जनों को भारतीय संस्कृति से रूबरू करवाया व उसे बचाने की अपील करते हुए कहां कि शिक्षा, डॉक्टरी व्यापारी बन गए हैं। नौकरियों पर अफसरशाही हावी है। श्रमिकों को कंपनियों को ठेके पर दे दिया गया है। मेहनतकशओं के लिए भुखमरी की नौबत आने वाली है भारत की मिट्टी थी सोना अब राख होने वाली है ।
इस अवसर पर संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुवीर दहिया ने होमगार्ड जवानों की समस्याओं को रखते हुए कहा कि स्वयं सेवक का दर्जा अंग्रेजों के जमाने के काले कानून को खत्म कर संपूर्ण कर्मचारियों को दिया जाए। पूरे भारतवर्ष में 365 दिन का रोजगार 60 वर्ष की उम्र तक उपलब्ध कराया जाए।
नामांकन प्रणाली बंद किया जाए तथा पूरे भारतवर्ष में एक समान नियमों पर कानून बनाकर आदेश पारित किए जाएं व सर्वोच्च न्यायालय व मानव अधिकार के नियमों का पालन कराया जाए।
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