यलो अलर्ट के बाद दिल्ली में बस और मेट्रो स्टेशनों के बाहर दिखी लंबी कतारें, परेशान यात्रियों ने कहा बसों की संख्या तत्काल बढ़ाने की जरूरत
Ten News Network
New Delhi (29/12/2021): ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए राजधानी दिल्ली में यलो अलर्ट जारी कर दिया गया है, जिसके मद्देनजर दिल्ली में स्कूल, कॉलेज, सिनेमा हॉल और जिम तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए गए है और मेट्रो और बस की क्षमता को घटा कर 50% कर दिया गया है।
इसी के चलते आज दिल्ली वासियों को खास करके महिलाओं को बस के लिए घंटो इंतज़ार करना पड़ा।
इसी मसले पर जब टेन न्यूज़ ने लोगों से बातचीत करने की कोशिश की तो महिलाओं ने कहा कि बस तो आती हैं लेकिन रुकती नहीं है, जिससे हम काफी परेशान हैं। 1 घंटे से इंतजार कर रहे हैं पर बस नहीं मिल रही है।
महिलाओं ने कहा कि डीटीसी बस के ड्राइवर जब हमें देखते हैं तो बस रोकते नहीं हैं शायद उन्हें यह लगता है कि हम बस में सफर करेंगे तो उन्हें पैसा नहीं मिलेगा इसलिए जो लोग टिकट लेने वाले हैं, बच्चे हैं, पुरुष हैं उन्हें ही बस में पहली प्राथमिकता मिल रही है।
महिलाओं ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है, लेकिन जब 50% यात्रियों को ही बसों में अनुमति दी गई है तो जाहिर सी बात है कि बसों की संख्या भी सरकार को बढ़ानी चाहिए थी।
महिलाओं ने बताया कि सिक्योरिटी के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं है, अफरा-तफरी का माहौल मचा हुआ है, जब बस आती है तो जो युवा है वह चढ़ने के लिए बेताब होते हैं जिससे महिलाओं को काफी परेशानी होती है।
“सिक्योरिटी के नाम पर भले ही एक होमगार्ड को बस में बैठाया गया है, लेकिन वो सिर्फ सरकार की खानापूर्ति है दिखावा है। ना तो बसों में चढ़ने की उचित व्यवस्था है ना लाइन लगायी जाती है और ड्राइवर बस के स्टॉप पर रोके बिना तेजी से बस को भगा लेता है। बसों में सीट उपलब्ध होने के बावजूद भी ड्राइवर बस नहीं रोकते यह सबसे बड़ी समस्या है।”
राष्ट्रीय राजधानी में लगाए गए कोविड प्रतिबंधों के बाद सिटी बसों में केवल 50% लोगों को बैठने की अनुमति है जिसके कारण यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बसें आ रही हैं, लेकिन बैठने की क्षमता कम होने के कारण यात्रियों के लिए प्रतीक्षा समय बढ़ गया है, जिससे बस स्टॉप पर भीड़ हो रही है।
अगर यलो अलर्ट लगाने के बाद भी दिल्ली में संक्रमण की रफ्तार इसी तरह बढ़ती रही तो दिल्ली में दूसरा अलर्ट भी जारी किया जा सकता है। दूसरे अलर्ट में वीकेंड कर्फ्यू लगेगा और मेट्रो में बैठने की क्षमता को 33 प्रतिशत कर दिया जाएगा। इसके अलावा सभी जरूरी सेवाओं को छोड़कर अन्य किसी भी तरह की गतिविधी पर रोक लगा दी जाएगी।