देश के किसानों की दुर्दशा से आहत नजर आये राहुल गांधी

देश के किसानों की दुर्दशा से आहत नजर आये राहुल गांधी
मोदी सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून 2013 पर लाया गया अध्यादेश, प्राकृतिक आपदा से टूट चुके किसान को मुआवजा वितरण के नाम पर किया जा रहा मजाक व न्यूनतम सर्मथन मूल्य जैसे ज्वलन्त मुददों को लेकर देश के किसान आज, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से उनके आवास पर मिले। प्रतिनिधिमण्डल में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के किसानों के साथ-साथ राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली व पंजाब के किसानों ने भी राहुल गांधी के समक्ष देश में हो रही किसानों की दुर्दशा और मौजूदा हालातों पर तफसील से चर्चायें की। किसानों के प्रतिनिधिमण्डल में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष श्री निर्मल खत्री, राजस्थान के अध्यक्ष श्री सचिन पायलट, कांग्रेस अनूसूचित जाति विंग के चेयरमैन के.राजू तथा उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधान परिषद के नेता श्री नसीब पठान प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। देश के किसानों की समस्याओं को बताते हुए उत्तर प्रदेश के किसानों का नेतृत्व कर रहे ठाकुर धीरेन्द्र सिंह ने विस्तार से राहुल गांधी को अवगत कराते हुए कहा कि ’’मोदी सरकार ने किसानों द्वारा किये गये 125 साल के संघर्ष और दी गयी कुर्बानियों को नजरअंदाज करते हुए भूमि अधिग्रहण बिल कानून पर अध्यादेश लाकर देश के किसानों के अस्तित्व और भविष्य को दांव पर लगाया है। न्यूनतम सर्मथन मूल्य, किसान की उत्पादन लागत के आगे नाकाफी है तथा रही सही कसर कुदरत ने फसलों पर कहर बरपा कर पूरी कर दी। आज एक हेक्टेयर जमीन पर उत्पादन लागत 45 हजार से कम नहीं आती वहीं केन्द्र और प्रदेश सरकारों ने क्षतिपूर्ति के नाम पर किसानों के साथ मजाक ही किया है, अभी तक किसानों के पास राहत के चैक पहॅचे ही नहीं है और अगर पहुचेंगे भी तो 13500 की धनराशि उत्पादन लागत के सापेक्ष नहीं के बराबर है।’’ धीरेन्द्र सिंह ने आगे कहा कि’’देश के सभी उद्योगपति अपने उत्पादन का रेट स्वयं तय करते हैं वही आज खेतों पर किसानों के आलू को 01 रूपये प्रति किलो में भी लेने को कोई तैयार नहीं है, वही आलू बाजार में 10 से 20 रूपये किलो की दर से आलू आम आदमी को मिलता है अगर किसान के लिये डीजल से वैट हटा दिया जाये और कृषि यन्त्रों से एक्साईज ड्यूटी हटाकर किसानों को उपलब्ध कराया जाये तो निश्चित तौर पर उत्पादन लागत और घाटा कम किया जा सकता है।’’ हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के किसानों ने भी कृषक व फसल व बीमा जैसे मुददों पर राहुल जी का ध्यान आकृष्ट कराया तथा उनसे आग्रह किया कि जिस तरीके से सन् 2011 में भटटा पारसौल पहुॅचकर राहुल जी ने किसानों की लडाई लडने का ऐलान करते हुए 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून लिया उसी प्रकार इस देश के किसान और गरीब परिवारों के हित में, उनके भविष्य के रक्षार्थ राहुल जी इस पूंजीवादी सोच की सरकार के खिलाफ किसानों की लडाई लडें। राहुल जी ने बडे ध्यान से किसानों के दर्द को सुना और उनकी मदद का पूर्ण आश्वासन दिया। तत्पश्चात राहुल जी बाहर हजारों की तादात में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के किसानों के मध्य में आकर उनसे मिले। उस समय उत्तर प्रदेश के महासचिव मधूसूदन मिस्त्री, अध्यक्ष श्री निर्मल खत्री, श्री नसीब पठान, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दीेपन्द्र सिंह हुडडा, सी.एल.पी.लीडर किरन चौधरी व अध्यक्ष अशोक तंवर, राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, राष्ट्रीय प्रवक्ता शकील अहमद व कम्यूनिकेशन विभाग के चेयरमैन रनजीत सिंह सुरजेवाला व किसान नेता धीरेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे। 

 

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