एमपी में 100 सरकारी स्कूलों के बच्चे जाएंगे डिजिटल स्कूल, मिलेगी डिजिटल एजुकेशन

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एमपी में 100 सरकारी स्कूलों के बच्चे जाएंगे डिजिटल स्कूल, मिलेगी डिजिटल एजुकेशन

∙ केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर में “मेरा स्कूल, डिजिटल स्कूल’ नाम से सार्थक पहल की
∙ मुस्कान ड्रीम फाउंडेशन गांवों के सरकारी स्कूलों के बच्चों को डिजिटल एजुकेशन मुहैया कराने में सक्रिय सहयोग दे रही है

मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 100 सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब डिजिटल एजुकेशन मिलेगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास, खनन और पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने “मेरा स्कूल, डिजिटल स्कूल” नाम से सार्थक पहल की है, जिसका मकसद जिले के 100 सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में बदलना है। ग्रामीण परिवेश के बच्चों को डिजिटल स्कूलों में स्मार्ट और बेहतर ढंग से सीखने की सुविधा देने के लिए और शैक्षिक माहौल में बदलाव लाने में यह स्कूल कारगर भूमिका निभाएंगे। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री के अभियान में एनजीओ मुस्कान ड्रीम फाउंडेशन सक्रिय सहयोग दे रही है।

केंद्रीय ग्रामीण विकास, खनन और पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, वेदांता ग्रुप के एक हिस्से तथा भारत में जिंक, लीड और सिल्वर के एकीकृत निर्माता हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और मुस्कान ड्रीम्स ने संयुक्त रूप से मध्यप्रदेश के 100 ग्रामीण सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदलने का बीड़ा उठाया है, जहां बच्चे स्मार्ट क्लासेज और वर्चुअल लर्निंग से फायदा उठाकर अपने जीवन को संवार सकेंगे।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। डिजिटल शिक्षा के माध्यम से हम ग्रामीण बच्चों के करियर को नया आकार दे सकते हैं। आज के जमाने में पूरी दुनिया ऑनलाइन आ चुकी है। आज से तेजी से बदलती दुनिया से मुकाबले के लिए ग्रामीण बच्चों को सक्षम बनाना ही होगा। माननीय प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया का सपना पूरे करने की राह पर गांवों के सरकारी स्कूलों को डिजिटल स्कूलों में बदलने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था की कमियां दूर करने के लिए प्रयासरत है।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चीनौर गांव को गोद लिया था। उन्होंने चीनौर में एक राजकीय कन्या विद्यालय को एक एनजीओ मुस्कानड्रीम फाउंडेशन और जिला पंचायत के सहयोग से डिजिटल स्कूल में बदलने का काम किया,जिससे काफी अच्छे नतीजे सामने आए। चीनौर में तैयार हुए डिजिटल स्कूल में पढ़ाई और निगरानी के लिए विशेष सॉफ्टवेयर ‘ई-कंटेंट टेक्नोलॉजी’ के आधार पर तैयार किया गया है। इस स्कूल में बिना किताबों के डिजिटल पढ़ाई कराई जाती है। साथ ही सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल हाजिरी ली जाएगी। इस बात पर भी निगरानी रखी जाती है कि शिक्षकों ने किस दिन क्या-क्या पढ़ाया। इसके अच्छे नतीजे सामने आने के बाद उन्होंने यह फैसला किया कि अपने लोकसभा क्षेत्र में आने वाले हर सरकारी स्कूल को डिजिटल क्लासेज में बदलेंगे। इससे पहले उन्होंने सामाजिक संस्था मुस्कान फाउंडेशन और और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सहयोग से 70 स्कूलों की 100 से ज्यादा कक्षाओं को डिजिटल बनाने का काम शुरू कराया था, जिससे ग्रामीण बच्चों को स्मार्ट ढंग से शिक्षित किया जा सके।

ग्वालियर स्थित मुस्कान ड्रीम फाउंडेशन के प्रेसिडेंट अभिषेक दुबे का मानना है कि मध्यप्रदेश के गांवों में सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने की इस पहल से छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। वह स्मार्ट क्लासेज से फायदा उठा सकेंगे। मुस्कान ड्रीम्स के प्रोग्राम डायरेक्टर ऋषिराज ने बताया कि मुस्कान फाउंडेशन ने 7 यूथ ओरिएटेंड अवॉर्ड जीते हैं। “मेरा स्कूल डिजिटल स्कूल अभियान” का लक्ष्य ग्रामीण बच्चों के चेहरे पर विजयी मुस्कान बिखेरना है और उनके करियर को आज के जमाने के हिसाब से नया आकार देना है।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के गांवों में खोले जा रहे डिजिटल स्कूलों में कंप्यूटर और प्रोजेक्टर लगाए गए हैं। बच्चों का प्रैक्टिकल ज्ञान बढ़ाने के लिए दीवारों पर एटलस लगाए गए हैं। इसके अलावा फोटो सिंथेसिस चार्ट से लेकर बॉडी डायग्राम बनाए गए हैं। बच्चों को मिड डे स्कीम के तहत भोजन मुहैया कराने के लिए किचन का भी रेनोवेशन कराया गया है। अलग से डाइनिंग रूम बनाया गया है।

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