Dr Harbir Singh Nehwal father of Saina Nehwal – it was fight against various odds

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सुबह के 4 बजे हैं ! सरकारी दफ्तर में काम करने वाला एक आदमी आँखें मींचता हुआ उठता है और जल्दी से नित्य क्रिया से निवृत हो एक बच्ची को जगाता है ! उसे भी फुर्ती से तैयार कर अपनी खटारा स्कूटर निकालता है और तेजी से चल पड़ता है 20 किमी दूर ! 6 बजे के पहले उसे हर हाल में पहुँचना है ! फिर लौटकर आना है , खुद को दफ्तर जाने के लिए तैयार करना है ! और दफ्तर जाने के पूर्व उस बच्ची को घर लाना है ! यह रोज का सिलसिला है जो आगे चलकर सुबह शाम में तब्दील हो जाता है !

एक दिन सुबह उसकी पत्नी ने महसूस किया कि जिस बच्ची को पीछे बैठाकर वो ले जाता है वो तो स्कूटर पर बैठने के बाद सो जाती है ! उसे लगता है कि बच्ची कभी भी गिर सकती है ! उसने फौरन सबसे पीछे बैठने का फैसला किया ! यही क्रम चलते रहता है महीनों और फिर वर्षों !!

जाने क्या सनक है उस आदमी को ! अपनी साधारण सी कमाई का आधे से ज्यादा और यहाँ तक कि अपनी प्रोविडेंट फण्ड का पैसा भी झोंक देता है सनक में

हरवीर सिंह ,जी हाँ यही नाम है उस शख्स का और वो बच्ची है :

विश्व की नम्बर एक बैडमिंटन खिलाड़ी – ” साइना नेहवाल ”

ऐसी शख्सियत का पैर छूने को जी करता है जिन्होंने कठिन तपस्या और अनुशासन से देश को गर्व करने लायक खिलाड़ी दिया !!

बधाई श्री हरवीर सिंह जी को ,बधाई उनकी लाडली को ,बधाई हिन्दुस्तान की बेटी को !!!!

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