20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज देश की विकास यात्रा को आत्मनिर्भर बनाने में देगा नई गति : डॉ. एच. चतुर्वेदी

Rohit Sharma

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नई दिल्ली :– देश में लॉकडाउन को 55 दिन हो गए। प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन के दौर में पांचवी बार राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। उन्होंने कल 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। मोदी ने एक बेहद महत्वपूर्ण बात लोकल से वोकल को लेकर कही। यानी लोकल प्रोडक्ट्स को लेकर जागरुक बनें और इनको बढ़ावा दें।

उन्होंने साफ कहा कि संकट के इस दौर में देश को लोकल ने ही बचाया। इसलिए, अब इसे ग्लोबल बनाना भी हमारी ही जिम्मेदारी है। मोदी ने अपने भाषण में 28 बार आत्मनिर्भरता शब्द का इस्तेमाल किया।

देश में कोरोना का आंकड़ा अब डराने लगा है। पिछले 24 घंटे के अंदर 3525 नए केस आए हैं और 122 लोगों की मौत हो गई है । स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा अपडेट के मुताबिक, अब देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 74 हजार को पार कर गया है। अब कुल कंफर्म केस की संख्या 74 हजार 281 नए मामले सामने आए हैं और 2 हजार 415 लोगों की मौत हो चुकी है।

वही कल रात 8 बजे पीएम मोदी द्वारा दिए गए पांचवी बार राष्ट्र के नाम संबोधन पर टेन न्यूज़ नेटवर्क ने चर्चा की | आपको बता दे की इस चर्चा में ग्रेटर नोएडा स्थित बिमटेक संस्था के निदेशक डॉ हरवंश चतुर्बेदी , लघु उद्योग की जिला अध्यक्ष मंजुला मिश्रा , एनईए संस्था के अध्यक्ष विपिन मल्हन , ग्रेटर नोएडा के समाजसेवक आलोक सिंह शामिल रहे |

ग्रेटर नोएडा स्थित बिमटेक संस्था के निदेशक डॉ हरवंश चतुर्वेदी ने कहा की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजस्वी भाषण दिया है | मोदी ने अपने भाषण में 28 बार आत्मनिर्भरता शब्द का इस्तेमाल किया , जिससे यह साफ हो जाता है की अब समय आ गया है की लोग अब आत्मनिर्भर होकर काम करे |  सो सालों के बाद ये बड़ी आपदा है , सरकार फिर भी काम कर रही है | विशेष योजनाए घोषित होंगी , लेकिन ये योजनाए धरातल पर नज़र आनी चाहिए , जिससे लोगों को फायदा मिल सके |

 

साथ ही उन्होंने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज 2020 में देश की विकास यात्रा को आत्मनिर्भर बनाने में नई गति देगा  |  समाज के हर वर्ग आर्थिक पैकेज का लाभ मिलेगा.| बड़े पैकेज की मांग की जा रही थी. यह आर्थिक पैकेज जीडीपी का 10 फीसदी है. यह छोटा पैकेज नहीं है, 20 लाख करोड़ रुपये है |

उद्योग सेक्टर की जो मांग थी, वह उससे कई अधिक है | समाज के हर वर्ग को कुछ न कुछ मिले. हर स्तर के लिए कुछ न कुछ होगा.| जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है, वह रकम इतनी बड़ी है कि कई देशों के सालाना बजट इसमें समा जाएं | पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब दस प्रतिशत है |

उन्होंने कहा कि सबसे अहम ये है कि ये आर्थिक पैकेज उन लोगों के लिए है जो कोरोना के चक्र में बुरी तरह फंस गए हैं.इस आर्थिक पैकेज से कुटीर उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग, श्रमिकों और किसान, मध्यम वर्ग को फायदा मिलेगा. इसके साथ ही आर्थिक पैकेज भारतीय उद्योग जगत को भी नई ताकत देगा |

”हम उम्मीद करते हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब पैकेज की रूपरेखा की घोषणा करेंगी, गरीबों और जरूरतमंदों, एमएसएमई और उद्योग तथा आम लोगों की जरूरतों का समाधान होगा। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जमीन, श्रम और नकदी पर जोर की जरूरत है।

आर्थिक पैकेज की डिटेल एक बार में सामने नहीं आएगी. इसके लिए कई स्टेज लगेंगे. बहुत विस्तार में बताने पर समय लगेगा. अगले दो-तीन दिनों में आर्थिक पैकेज से जुड़ी सभी जानकारी लोगों के सामने रखी जाएंगी |

एनईए संस्था के अध्यक्ष विपिन मल्हन ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये का एक पैकेज 2020 में देश की विकास यात्रा को आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति देगा | आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए इसमें सभी पर बल दिया गया है | ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटिर उद्योग, लघु उद्योग और मंझोले उद्योग के लिए हैं, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है |

 

साथ ही उन्होंने कहा कि जो हमारे देश के प्रधानमंत्री ने आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है वह काफी ज्यादा सराहनीय है | साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे देश के लोगों के खून में आत्मनिर्भरता है । हमारे देश में पता नहीं कितनी आपदा आई , लेकिन हमारे देश के लोगों ने मेहनत करके उसका रास्ता निकाला | हमारे देश के लोगों को यह पता है कि आत्मनिर्भर से ही आप ऊंचाइयों पर जा सकते हैं | इस पैकेज में कुटिर उद्योग, लघु उद्योग और मंझोले उद्योग पर ध्यान दिया गया तो हमारा देश विदेशों में नंबर वन आएगा |

विपिन मल्हन ने कहा कि आर्थिक पैकेज के साथ कृषि, कराधान, बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन और वित्तीय प्रणाली में सुधारों से निवेशक आकर्षित होंगे और मांग को बढ़ाने में मदद मिलेगी। मेक इन इंडिया निवेश आकर्षित करने के लिहाज से मुख्य उत्प्ररेक होगा |

लघु उद्योग की जिला अध्यक्ष मंजुला मिश्रा का कहना है कि कोरोना वायरस के कहर के कारण छोटे और मझोले उद्योग बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री का पेश विशेष आर्थिक पैकेज हमारे क्षेत्र के लिए संजीवनी साबित होगा।

साथ ही उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को लॉकडाउन के साथ-साथ गति देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज से जिन लोगों को ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद है उसमें लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ का समावेश है। इस आर्थिक पैकेज से लघु उद्योगों यानी एमएसएमई, गृह उद्योग आदि को ज्यादा मिलेगा, जिस पर करोड़ों लोगों की आजीविका निर्भर है।

ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में चार एल पर बल दिया गया है। यह सभी आत्मनिर्भर भारत के संकल्प का मजबूत आधार है।  इस पैकेज के जरिए ऐसे उपाय हो सके , जिससे एमएसएमई क्षेत्र में नकदी की उपलब्धता बनी रहे। कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रही घरेलू अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये सरकार की ओर से यह कदम बहुत जरूरी था।

ग्रेटर नोएडा के समाजसेवक आलोक सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा समय की जरूरत थी। इससे कोविड-19 महामारी और उसकी रोक थाम के लिए लागू पाबंदियों से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार में मदद मिलेगी और आर्थिक वृद्धि को नई गति मिलेगी। वित्तीय पैकेज के बारे में उन्होंने कहा, ”सरकार के हाल के निर्णय, रिजर्व बैंक की घोषणाओं को मिलाकर यह पैकेज करीब 20 लाख करोड़ रुपये का होगा जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10 प्रतिशत है।

साथ ही उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्दी ही इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगी। “समय ने हमें सिखाया है कि लोकल को हमें अपना जीवन मंत्र बनाना ही होगा। आपको जो आज ग्लोबल ब्रांड लगते हैं, वो भी कभी ऐसे ही लोकल थे। जब वहां के लोगों ने उनका इस्तेमाल और प्रचार शुरू किया। उनकी ब्रांडिंग की, उन पर गर्व किया तो वे प्रोडक्ट्स लोकल से ग्लोबल बन गए।

इसलिए हमे अपने लोकल के लिए वोकल बनना है। न सिर्फ लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। हमे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है।

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