नई दिल्ली :– कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू हो चुकी है, संक्रमण के आंकड़े लगातार बीते दिन को पीछे छोड़ रहे हैं। ऐसे में लोग पशोपेश में है कि कब इस बीमारी की जांच करानी चाहिए और कब नहीं| कई बार लोग डॉक्टर के पास जाने से बचने के लिए खुद ही घरेलू इलाज करते हुए रोग को और गंभीर स्थिति में ले जाते हैं।
वहीं कई ऐसे भी लोग हैं, जो कोरोना को महज अफवाह मानकर बिना कोई प्रोटोकॉल पाले बाहर घूम रहे हैं, कोरोना के लक्षणों को लेकर सबसे ज्यादा कंफ्यूजन है| पहले बुखार, सर्दी-खांसी जैसे लक्षण इसके क्लासिक संकेत माने जा रहे थे, लेकिन अब हालात अलग हैं।
वही इस मामले में टेन न्यूज़ के कंसल्टिंग एडिटर डॉ सिद्धार्थ गुप्ता ने कुछ महत्वपूर्ण विचार साझा किए, डॉ सिद्धार्थ गुप्ता एंटी कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य भी है। बता दे कि डॉ सिद्धार्थ गुप्ता हाल ही में कोविड संक्रमित हुए थे, पर वह खुद अपना इलाज कर पॉजिटिव रिपोर्ट को नेगेटिव करने में सफल रहे|
डॉ सिद्धार्थ गुप्ता ने कहा, “मैं 15 दिन पहले कोरोना की चपेट में आ गया था, मुझे शुरुआत में कोई खाने में स्वाद नही आ रहा था, मुझे किसी भी तरह की स्मेल नही आ रही थी, उस समय मुझे एहसास हुआ की मुझे कोविड हो गया है, जिसको लेकर में सतर्क हो गया। सबसे पहले मैने अपने आपको होम क्वॉरेंटाइन किया, क्योंकि टेस्टिंग में समय लगता, अगर में टेस्टिंग का इंतजार करता तो मेरे परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमित हो सकते थे, इसलिए मैंने टेस्टिंग से पहले अपने आपको होम क्वॉरेंटाइन किया” ।
“होम क्वॉरेंटाइन करने के दो दिन बाद मेरा कोविड टेस्ट हुआ, जिसमे रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मेने ठान लिया था कि मुझे कोरोना को हराना है, इसलिए मैंने सकरात्मक सोच के साथ अपना इलाज शुरू किया। मैने डॉ ईशा सचदेवा मोहन, जेपी हॉस्पिटल के डॉ रंजन कुमार, डॉ दीपक चिलकोटी और डॉ निताशा गुप्ता की सलाह पर दवाईयां लेनी शुरू की”|
डॉ सिद्धार्थ गुप्ता ने कहा कि “मैं सुबह उठकर काढ़ा बनाकर पीता था, उसके बाद व्यायाम करता था। मैने कभी भी अपना ऑक्सीजन लेवल घटने नही दिया, सॉस को लेकर मैने एक्सरसाइज की, जो धीरे धीरे बढ़ाता चला गया। दवाईयों को लेने में कोई लापरवाही नही की, जैसे अस्पतालों में मरीजों को सही समय पर दवाई दी जाती है, वैसे ही मेने सही समय पर दवाई ली”।
उन्होंने कहा कि “मैं खाने में प्रोटीन की चीजें लेता था, खाने में बाहर की चीजें नही खाता था, सिर्फ घर का खाना ही में खाता था, मैने देखा की 8 दिन बाद मुझे खाने में स्वाद वापस आने लगा, धीरे धीरे मैं स्वस्थ होने लगा। उन्होंने कहा कि जो मैने दवाई ली, वो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की दवाईयां है। मैने 15 दिन बाद अपना फिर से टेस्ट करवाया तो मेरी रिपोर्ट नेगेटिव आई”।
डॉ सिद्धार्थ गुप्ता ने कहा की “मेरे शरीर मे एंटीबॉडीक बन चुका है, मैं कोविड मरीजों को अपना प्लाज़मा दे सकता हूँ । साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आपको कोविड के लक्षण दिखाई देते है तो सबसे पहले अपने आपको ऑयसोलट करों, उसके बाद टेस्ट करवाओ, जिससे संक्रमण नही फैलेगा। साथ ही उन्होंने कहा की सकारात्मक सोच के साथ ही कोरोना को हरा पाओगे”।
डॉ सिद्धार्थ ने कहा कि “जब कोविड था, तो मेरे मित्र, सहयोगियों ने मुझे बहुत सही सलाह दी, जिसका मैने पालन भी किया। सभी ने रोजाना मेरा हालचाल पहुँचा, मैं उन सभी का धन्यवाद ज्ञापित करना चाहूँगा”।