ग्लोबल हैंड वॉश डे : हैंड वाश की आदत से दूर होंगी कई बीमारियां
लेखक :डॉ सुशील द्विवेदी, जाने माने शिक्षाविद व विज्ञान संचारक
अगर हम सब हाथ धोएंगे तो न केवल स्वयं को बीमारियों से दूर रहेंगे बल्कि लोगों से हाथ न मिलाकर हम दूसरों को भी बीमारियों से बचा पाएंगे। बचपन में यह बात स्कूल में सिखाई जाती है कि समय समय पर हाथ धोने चाहिए घर में इसे अमल में लाने के लिए कहा जाता है, बच्चों की किताबों में इसे तस्वीरों और कार्टूनों के माध्यम से हाथ धोने की अहमियत समझाई जाती है लेकिन जवान होते होते बहुत से लोग हाथ धोना भूलने लगते हैं। इसी क्रम में हाथ धोने के तरीकों और लाभों को बताने के लिए, जनता को शिक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए, हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2008 में स्वीडन में की गई थी की गई थी तब से हर साल पूरी दुनिया मैं 15 अक्टूबर को विश्व हैंडवाशिंग डे मनाया जाता है, वर्तमान में कोरोना और अन्य संक्रामक बीमारियों के चलते इस बार इस दिवस का महत्व भी काफी बढ़ गया है, हर वर्ष एक थीम दी जाती है इस वर्ष की थीम है “हमारा भविष्य हाथ में है – आइए एक साथ आगे बढ़ें।
क्यों हाथ धोना इतना जरूरी है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार आँख और नाक के कई संक्रमण सिर्फ हाथों मैं फंसी गन्दगी की वजह से होते हैं,पेट की कई बीमारियाँ गंदे हाथ के मुंह मैं जाने से होती हैं कोरोना काल मैं न्यू कोविद 19 अर्थात CORONA VIRUS फैलाव को रोकने के लिए जगह जगह बोर्ड लगाकर और सिनेमा जगत से जुड़े लोगों, खिलाडियों, डॉक्टरों एवं राजनीति से जुड़े लोगों द्वारा लगातार अपील की भी जा रही है कि लोग समय समय पर अपने हाथ मुंह और आँखें साबुन से धोते रहें जिससे वायरस का फैलाव रोका जा सके। हाथ धुलने से करीब 80 प्रतिशत बीमारियों से बचा जा सकता है.जिनमें कोरोना वायरस, सर्दी जुकाम निमोनियां व,सांस से जुड़ी बीमारी ,टाइफ़ाइड, डायरिया। पीलिया, हेपेटाइटिस, त्वचा संबंधी बीमारियां फूड प्वॉयजनिंग, पीलिया, पेट में कीड़े, हाथ, पैर और मुंह संबंधी बीमारियां प्रमुख हैं
हाथों को कैसे और कब कब धोएं
विशेषज्ञों की मानें तो हाथ साफ करने के लिए साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ धोने चाहिए और हाथ धोने के बाद हो सके तो हवा में सुखाना चाहिए या फिर हाथ को कपड़े से पोछना चाहिए इससे हाथों के जरिए फैलने वाली बीमारियों का खतरा लगभग न के बराबर हो जाता है। कई बार आपको घर से बाहर साबुन नहीं मिलता, तो ऐसे में अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइजर जिसमें 60 प्रतिशत अल्कोहल हो हाथों की हाइजीन के लिए बेहतर विकल्प है। ऐसे सैनिटाइजर को अपने साथ में रखना चाहिए। हथेली पर सैनिटाइजर लगाकर हथेलियों को गीला करें। अब हाथों को रगड़ें। हाथ ड्राई हो जाने के बाद रगड़ना बंद कर दें।
हाथों को कब धोना है जरूरी
• भोजन पकाते समय हाथ धो लें।
• खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद हाथों को करें साफ।
• बीमार व्यक्ति की देखभाल करने के बाद हाथों को मेडिकेटेड सोप से धोएं।
• घाव साफ करने के बाद ना भूलें हाथों को धाना।
• आंखों में कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से पहले कर लें हाथ साफ।
• मांस-मछली धोने के बाद हाथों को मेडिकेटेड साबुन से करें साफ।
• घर का कूड़ा-कचरा, टॉयलेट की सफाई, जानवरों को छूने के, पशु का चारा छूने के बाद साबुन से करें हाथों को साफ।
• टॉयलेट से आने के बाद, बच्चे का डायपर बदलने के बाद धो लें हाथ।
• नाक साफ करने, खांसने-छींकने के बाद।
• बाहर से घर लौटने के बाद।
हाथों को साबुन-पानी से धोना बहुत जरूरी है।
कोरोना संकट में लोगों के अंदर जागरूकता आयी है, यह निरंतरता बनी रहे तो अन्य संक्रामक रोंगों से बचा जा सकता है. इसे पाठ्यक्रम में भी शामिल करने की जरूरत है लेकिन अगर आप हमेशा हाथ धोते रहेंगे तो आप बीमार नहीं पड़ेंगे और दवा की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। याद रखें हाथ धोना हर तरह की कसरत से ज्यादा अहम् है
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