जीएनआईओटी कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट में “विश्व के विकास का एजेंट- व्यापार” विषय पर एक सेमिनार का आयोजन

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जीएनआईओटी कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट में “विश्व के विकास का एजेंट- व्यापार" विषय पर एक सेमिनार का आयोजन
आज के इस वैश्वीकरण के युग में छात्रों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार तथा इससे जुड़े रुझानो से परीचित होना बेहद आवश्यक है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए नॉलेज पार्क स्थित जीएनआईओटी कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट ने “पूरे विश्व के विकास का एजेंट- व्यापार” विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया। इस अवसर पर केंट स्टेट यूनिवर्सिटी के “कॉलेज ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन” की डीन व एसोसिएट प्रोफेसर- डा. कैथी एल ज़ेड ड्यूबोइस (Dr Cathy L. Z. DuBois) मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रही। कार्यक्रम का सफल संचालन, संस्थान के डायरेक्टर- डा. युवराज भटनागर की अध्यक्षता में किया गया। मौके पर अध्यक्ष – बी एल गुप्ता, गौरव गुप्ता तथा सभी शिक्षकगणो उपस्थित थे। सेमिनार में लगभग 50 छात्रों ने भाग लिया।
डा. ड्यू बोइस ने कहा कि आज पूरे विश्व में तेज़ी से बदलाव आ रहा है। इसका श्रेय व्यापार जगत में आये विकास, उन्नत तकनीक और नई पद्धति को जाता है।छात्रा अंजलि के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान में लोगो कि प्रतिभा और काम के आचरण का सही ताल मेल बैठना बेहद जरुरी है, इससे चौकाने वाले परिणाम निकलते है। वे सेमिनार के दौरान छात्रों की प्रतिक्रिया से बेहद प्रभावित दिखीं।

डायरेक्टर- डा. युवराज भटनागर ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से हम छात्रों को पूरे विश्व के औद्योगिक का एक अवलोकन करना चाहते थे, ताकि वे खुद को इसके अनुरूप तैयार कर सकें। चेयरमैन- बी एल गुप्ता ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को उनके भविष्य के लिए एक नयी विचारधारा देना था। हम छात्रों को उनके आने वाले भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

सेमिनार के दौरान छात्र मयंक को जवाब देते हुए डा. कैथी ने कहा कि भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली पूरे विश्व में सबसे अच्छी है, यहाँ के छात्र बहुत प्रतिभावान हैं। उन्होंने भारत की अपनी पहली दौरे को यादगार बताया और भारतीय संस्कृति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहाँ के लोग सम्मान देना बखूबी जानते है। छात्रा अंजलि के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान में लोगो कि प्रतिभा और काम के आचरण का सही ताल मेल बैठना बेहद जरुरी है, इससे चौकाने वाले परिणाम निकलते है। वे सेमिनार के दौरान छात्रों की प्रतिक्रिया से बेहद प्रभावित दिखीं। अंत में सबका धन्यवाद करते हुए एच ओ डी- अंशुल शर्मा ने कार्यक्रम का समापन किया।

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