श्रम मंत्री ने कहा, चिंता न करें, सरकार पेंशनर्स के साथ, हर संभव राहत मिलेगी

Talib Khan

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India, (5/12/2018): केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बुधवार को ईपीएस-95 के पेंशनरों के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की और उन्हें राहत देने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि 60 से 80 साल की उम्र के बुजुर्ग पेंशनर्स नई दिल्ली में भीकाजीकामा जी प्लेस स्थित ईपीएफओ ऑफिस पर आमरण अनशन पर बैठे हैं। बुजुर्ग पेंशनर्स केंद्रीय सरकार पर यह दबाव बना रहे हैं कि वह उनकी पेंशन बढ़ाए।

ईपीएफ राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक राउत के नेतृत्व में बुजुर्ग पेंशनर्स के प्रतिनिधिमंडल ने ईपीएफ पेंशनर्स की मांगों को लेकर केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने बुजुर्ग पेंशनर्स से कहा कि हम आपकी मांगों को मानकर आपकी पेंशन 1 हजार से बढ़ाकर 3 हजार करने पर विचार कर रहे हैं।  इस पर राउत ने कहा कि हम तो कोशियारी समिति की सिफारिशों के तहत कम से कम 7,500 रुपये मासिक पेंशन और अंतरिम राहत के रूप में 5000 रुपये और महंगाई भत्ते की मांग के लिए संघर्ष कर रहे है। इतनी पेंशन से हमारा गुजारा कैसे होगा।

राउत ने बताया कि हमारे प्रतिनविधिमंडल ने श्रम मंत्री से मुलाकात की और उनके सामने यह मांग रखी कि केंद्रीय श्रम मंत्री को बुजुर्ग पेंशनर्स की मासिक पेंशन 7500 रुपये करने का और डीए बढ़ाने का प्रस्ताव अपनी सिफारिश के साथ केंद्र सरकार को भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है, मंत्री जी को यह समझना चाहिए। कोशियारी समिति की सिफारिशों के तहत 7,500 रुपये मासिक पेंशन और अंतरिम राहत के रूप में 5000 रुपये और महंगाई भत्ते की मांग के लिए संघर्ष कर रहे ईपीएस-95 के पेंशनर्स इस समय आमरण अनशन कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर 7 तारीख तक हमारी मांगों को किसी ने नहीं सुना तो हम सामूहिक आत्मदाह करेंगे। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने बुजुर्ग पेंशनर्स के प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन भी दिया कि उनका मंत्रालय वित्तमंत्री के सामने ईपीएफ पेंशनर्स  की पेंशन में बढ़ोतरी करने के मुद्दे को उठाएगा।

कमांडर अशोक राउत ने कहा, “मेरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में पूरा विश्वास है कि वह निश्चित रूप से हमारी जीवन-मरण से संबंधित लंबे समय से चली आ रही पेंशन बढ़ाने की मांग को मानेंगे।, जिससे हमें अपनी बाकी बची जिंदगी सम्मान के साथ गुजारने का मौका मिल सके। करीब 60 लाख ईपीएफ पेंशनर्स को रिटायरमेंट के बाद 200 से 2,500 रुपये तक पेंशन मिल रही है। बुजुर्ग पेंशनर्स अब इतनी कम पेंशन मिलने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 4 दिसंबर को बुजुर्ग पेंशनर्स ने अपनी मांगों को मानने का सरकार पर दबाव बनाने के लिए श्रम मंत्रालय के के बाहर ह्यूमन चेन बनाई है। पेंशनर्स ने अपनी मांगों को मानने के लिए सरकार के लिए 6 दिसंबर की डेडलाइन तय की है। पेंशनर्स ने धमकी दी है कि अगर उनकी मांगें न मानी गई तो वह 7 दिसंबर को जंतर-मंतर पर सामूहिक आत्मदाह करेंगे।

पेंशनर्स कोशियारी सिमित की सिफारिशों के अनुसार 7500 रुपये मासिक पेंशन और डीए बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। कोशियारी समिति ने 2013 में कहा था कि पेंशनर्स की मासिक पेंशन कम से कम 3000 रुपये होनी चाहिए। इसके अलावा उन्हें डीए भी दिया जाना चाहिए। जिन कर्मचारियों को ईपीएस-95 के दायरे में नहीं लाया गया है, उन्हें कम से कम 5 हजार रुपये मासिक पेंशन मिलनी चाहिए।

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