क्या चीन डर के वापस भाग गया है

By दीपक पांडेय

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गलवान वैली, लद्दाख से चीनी मुठभेड़ में हमारे कमांडिग ऑफिसर और दो सैनिकों की शहादत पर भारत के वीर सपूतों को भावपूर्ण नमन और श्रद्धांजलि।

45 साल यानी 1975 के बाद भारत-चीन सीमा पर ऐसे हालात बने हैं, जब भारत के जवानों की शहादत हुई है।

भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि सीमा पर गोली नही चली है तो अब सवाल यह है कि चीनी सेना ने हमारे सैनिकों को कैसे मारा?

फिर कैसे शहीद हुये हमारे शूरवीर? क्या शूरवीरों की निर्मम हत्या हुई है?

पिछले सप्ताह नेपाल ने सीमा पर गोलीबारी की थी जिसमे हमारे 5 नागरिकों को गोली गली थी और उसमे से एक नागरिक की मौत भी हो गयी थी।

कल पाकिस्तान ने हमारे दो राजनयिकों को गिरफ्तार कर लिया था।

आज चीन ने हमारे 3 सैनिकों की निर्मम हत्या कर दिया।

सीमा पर चीन हमारे सैनिकों को मार रहा है और हम दिल्ली में चीनी कम्पनी को अरबों का ठेका दे रहे हैं और लगातार चीनी कम्पनियों की भारत में हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है।

अब सरकार को भारत-चीन सीमा पर वास्तविक स्थिति क्या है और चीन के साथ अन्य समझौते और रिश्तों पर बात क्या हो रही है सरकार को भारत की जनता को पूरी बात बताना चाहिये।

कबतक अपने चेहरे और सरकार को बचाने के लिए देश से झूठ बोलकर देश को गुमराह करोंगे और देश के वीर सपूत शाहिद करोंगे?

कहाँ गये वो न्यूज़ चैनल्स, ऐंकर और बीजेपी के नेता जो पिछले हफ्ते चीन से सरेंडर करवा चुके थे और कह रहे थे चीन डर के वापस भाग गया है?

अगर हम और आप अपने वीर सैनिकों की चीनी सैनिकों के हाथों हुई वीरगति का मुद्दा उठाएंगे तो अंधभक्त आपको चीनपरस्त बताएंगे और उपदेश देंगे कि चीन का सामना तो भारत की सेना कर लेगी, लेकिन आप चीनी सामान खरीदना बंद कर दो।

इन अंधभक्तों को भारत सरकार द्वारा चीनी कंपनियों को दिए जा रहे लगातार ठेके और चीन के साथ व्यापार बृद्धि की कोशिशें नही दिख रहीं।

चीनी कंपनियों ने भारत मे जड़ 2014 के बाद से स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, डिजिटल के द्वारा जमा रही थी जब सब हम तथाकथित देशभक्तों के कहने पर चीनी झालर, पटाखे और खिलौनों का बॉयकॉट बॉयकॉट खेल रहे थे तब चीन की सभी बड़ी कंपनियों ने हमारे पूरे भविष्य (डिजिटल दुनिया) मे पैर जमा रही थी।

हकीकत ये है कि हम चीन की समान का बहिष्कार भी कर दे तो उसको अपने पूरे विदेशी व्यापार में केवल 3 फीसदी घाटा होगा। लेकिन हमारे यहाँ सामानों का अभाव और अफरातफरी मच जायेगी इसलिए पहले हमे चीन से आने वाली सामानों को अपने यहाँ तैयार करना पड़ेगा और तब जाकर हम चीन से व्यापारिक लड़ाई लड़ सकते है

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