दिल्ली में धड़ल्ले से चल रहे अवैध मसाज पार्लरों के खिलाफ कार्रवाई न करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस की जमकर फटकार लगाई। आपको बता दे कि इस मामले में मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने दिल्ली पुलिस से दो टूक पूछा कि क्या उसने एक भी अवैध मसाज पार्लर को बंद कराया है।
मुख्य पीठ ने इन पार्लरों में देह व्यापार रैकेट का आरोप लगाते हुए दायर की गई जनहित याचिका पर पुलिस से कहा कि कुछ काम करके कार्रवाई करें और फिर रिपोर्ट दाखिल करें, वरना इस रिपोर्ट को कौन पढ़ना चाहेगा।
मुख्य पीठ ने दिल्ली पुलिस की ढुलमुल कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज आपको कहना चाहिए था कि अब तक तीन दर्जन अवैध मसाज पार्लरों बंद करा दिए गए हैं। उनकी पानी-बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई है। पीठ ने कहा कि यहां पर दर्जनों मसाज पार्लर हैं, क्या आप कोई ऐसा वाकया बता सकते हैं, जहां आपने मसाज पार्लर बंद कराया हो।
पीठ ने सवाल उठाया कि आपके अधिकारी कहा हैं। पीठ ने कहा कि पुलिस के काम के लिए कमेटी नहीं गठित की जा सकती। मुख्य पीठ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें कमेटी का गठन करना पड़ा तो फिर वह पुलिस के खिलाफ बाध्यताएं लगाएगी। पीठ ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह 25 नवंबर को होने वाली सुनवाई तक मसाज पार्लरों के खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में रिपोर्ट दाखिल करे।
दरअसल दिल्ली निवासी अतीत बंसल ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि हर साल सैकड़ों अप्रवासी अवैध रूप से दिल्ली में रहते हैं और जल्दी पैसा कमाने के लिए मसाज पार्लर की आड़ में देह व्यापार शुरू कर देते हैं।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि कई सूचना मिलने के बाद भी पुलिस इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाती। हालांकि, पुलिस ने याचिकाकर्ता के आरोपों को खारिज करते हुए पिछले वर्ष अदालत को बताया था कि राष्ट्रीय राजधानी के मसाज पार्लरों में कोई भी गैरकानूनी देह व्यापार नहीं चल रहा है।
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