ओमिक्रॉन से घबराने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत : IMA सेक्रेटेरी जेनरल डॉ जयेश लेले
Ten News Network
New Delhi (29/12/2021): देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इस बीच कोरोना के नए ओमिक्रोन वेरिएंट के भी मरीज हिंदुस्तान में पाए जा रहे हैं। जिसे लेकर देश में लोगों के मन में कई तरह के सवाल है कि क्या कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है। इसी मसले पर टेन न्यूज़ से खास बातचीत में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सेक्रेटरी जनरल जयेश लेले ने कहा कि कोरोना का जो नया ओमिक्रोन वेरिएंट आया है उससे घबराने की जरूरत नहीं है। अगर लोग सावधानी बरतें तो इस वैरिएंट को भी हम हरा पाएंगे।
डॉ जयेश लेले ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। 2 गज की दूरी, मास्क का उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग और वैक्सीनेशन ही इस वायरस से हमें बचा सकते है। लेले ने कहा कि जैसे दूसरी लहर में स्थिति भयानक थी, काफी लोगों की मौत हुई थी, वैसा दोबारा होने की उम्मीद नहीं है क्योंकि अभी हालात काबू में है। ओमिक्रोन वेरिएंट के बढ़ने की संभावना अभी हिंदुस्तान में नहीं दिख रही है। डॉक्टर लेले ने कहा कि हमें इस ओमिक्रोन वेरिएंट से बचने के लिए तीन चीजों को ध्यान में रखना है जैसे वैक्सीनेशन, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग और सैनिटाइजर का समय-समय पर उपयोग करना होगा इस वेरिएंट से बचने के लिए।
डॉक्टर लेले ने कहा कि नए ओमिक्रोन वेरिएंट से जो लोग संपर्क में आए हैं उनमें सीरियस लक्षण अभी तक देखने को नहीं मिले है।ऑक्सीजन की कमी, निमोनिया ऐसे लक्षण अभी मरीजों में नहीं देखे गए हैं। अभी शुरुआती दौर है, रिसर्च जारी है, आगे और भी रिसर्च होंगे और जैसे-जैसे जानकारी आएगी हम लोगों को बताते रहेंगे। लेकिन इन सबके बीच हमें सावधानी बरतनी चाहिए, ध्यान देना चाहिए और अपनी सुरक्षा को सबसे बड़ी प्राथमिकता भी देनी चाहिए।
वैक्सीन की जो लोग दूसरी डोज ले चुके हैं, क्या उन पर भी नए ओमिक्रोन वेरिएंट का प्रभाव पड़ेगा, इस सवाल पर डॉ लेले ने कहा कि वैक्सीन तो हम लोगों ने ली है लेकिन जो पूरी इम्युनिटी होती है वह वैक्सीन से नहीं मिलती है। लेकिन वैक्सीन लेने से जो बीमारी का खतरा है वह कम हो सकता है। लेकिन इन सबके बीच सबसे जरुरी है लोगों का सावधानी बरतना। जो डायबिटीज के पेशेंट है, जिन्हें लंग प्रॉब्लम है, जिन्हें ब्लड प्रेशर है उन्हें खासतौर पर सावधानी बरतने की जरूरत है।
कोरोना का जो नया ओमिक्रोन वेरिएंट है उसका प्रभाव क्या बच्चों पर ज्यादा है? इस सवाल पर डॉ लेले ने कहा कि सारे स्कूल और कॉलेज खुल गए हैं। इंडिया में और पूरे वर्ल्ड में बच्चों को वैक्सीन नहीं लगा है लेकिन स्कूल खुल गए हैं। बच्चे घूम रहे हैं और कोरोना के केस भी बढ़ रहे है। 12 से 18 वर्ष के जो लोग हैं यह बच्चे भी नहीं है और एडल्ट भी नहीं है, यह बीच में है जो इनका ग्रोइंग पीरियड है, इसमें इनको थोड़ी तकलीफ हो सकती है।
कोरोना का जो नया ओमिक्रोन वेरिएंट है उसके सिम्टम्स क्या-क्या है, इस पर डॉक्टर जैयेश लेले ने कहा कि जो नया वेरिएंट आया है वह कोविड से थोड़ा अलग है क्योंकि इसमें लॉस ऑफ टेस्ट और स्मेल नहीं होता है। लेकिन इसके सिस्टम में बॉडी पेन है, खांसी है, सर्दी है, फीवर है, और चेस्ट कंजेशन, यह सब हो सकता है।
डॉ लेले ने आगे कहा कि ओमिक्रोन वेरिएंट से बचने के लिए सबसे जरूरी है मास्क का उपयोग करें, 2 गज की दूरी का ध्यान रखें, लोगों से कम संपर्क में आएं, भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें, वैक्सीन जिन लोगो नहीं लगवाई हैं वह वैक्सिंग जरूर लगवाएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल समय समय पर जरूर करें, जैसा कि हम पहले से करते आ रहे हैं कोरोना को हराने के लिए।
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