नई दिल्ली :– दिल्ली के जंतर मंतर पर आज पुरूष आयोग की मांग को लेकर आवाज फाउंडेशन ट्रस्ट समेत हज़ारों पीड़ित पुरुष ने प्रदर्शन किया। साथ ही पीड़ित पुरषों ने मोदी से अपील की है कि पुरूष आयोग बनाया जाए , जिससे पुरुषों का उत्पीड़न न हो सके।
प्रदर्शन में शामिल सभी पुरुषों के हाथों में तख्तियां थी इन्होने पुरुषों के साथ होने वाले उत्पीड़न, उन पर लगने वाले झूठे आरोपों के निदान और पुरुष आयोग बनाने की मांग की हैं। ये लोग कह रहे है कि हमारी लड़ाई उन कानूनों के ख़िलाफ है, जिनमें एकतरफा सिर्फ महिलाओं की बात को महत्व दिया जाता है और महिलाएं इन क़ानूनों का दुरुपयोग कर रही हैं।
जैसे छेड़छाड, रेप और दहेज जैसे क़ानूनों का अपने निजी फायदे के लिए इस्तेमाल होता है। इन मामलों में फंसने के बाद न सिर्फ समाज में पुरुष के सम्मान को चोट पहुंचती हैं बल्कि कई सालों की क़ानूनी लड़ाई में वो मानसिक पीड़ा से भी गुजरता है। अगर वो निर्दोष साबित होता है तो उसके समय, पैसे और मानहानि की भरपाई नहीं हो सकती।
अकसर देखने में भी आता है कि घरेलू झगड़ों को बढ़ाचढ़ा कर अपराध बना दिया जाता है। कई मामलों में पड़ोसी के साथ झगड़ा नाली को लेकर शुरू होता है और अंत में रेप के मुकदमे में तब्दील हो जाता है।
तो कई मामलों में ऐसा भी देखा गया जब एक व्यक्ति अपनी उधारी के पैसे मांगने गया था तो उसे रेप जैसे घिनोने अपराध में फंसा दिया गया। इसके अलावा धन व जमीन जायदाद हड़पने, रंजिश निकालने व परेशान करने के लिए झूठे केस बनाए जाते हैं. कोर्ट कचहरियों में मुकदमों की भरमार है।