Inauguration of Ghats in Kanpur

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  • केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कानपुर और बिठूर में 20 घाटों का उद्घाटन किया। गंगा को प्रदूषित करने वाले दो मुख्य जगहों पर चल रहे कार्य के बारे में बताया।
  • नमामि गंगे ने जाजमऊ के चमड़े के कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को साफ करने के लिए 554 करोड़ की लागत से 20 एमएलडी के कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट को स्वीकृत किया है।
  • सीसामऊ नाला से 140 में से 80 एमएलडी को बिनगवान एसटीपी में भेजा जा रहा है। बचे हुए जल को अक्टूबर 2018 तक डायवर्ट कर लिया जाएगा।
  • कानुपर जोन में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत 2192 करोड़ की लागत से बनने वाले 10 प्रोजेक्टों को स्वीकृति दी गई है।
  • माननीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने नामामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में चल रहे प्रोजेक्टों को रीव्यू किया।
  • उत्तर प्रदेश के मख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कानपुर के सांसद श्री मुरली मनोहर जोशी सहित कई गणमान्य कार्यक्रम में शामिल हुए।

स्वच्छ गंगा और एक खूबसूरत घाट, कानपुर के लोगों के लिए जो अब तक एक सपने जैसा था अब जल्द ही सच होने वाला है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सीएम योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य अतिथियों ने सोमवार को कानपुर में 20 घाटों को उद्घाटन किया। उन्होंने जाजमऊ के इंडस्ट्रीयों से निकलने वाले गंदे जल के ट्रीटमेंट के लिए 20 एमएलडी (20 मिलियन लीटर हर रोज) का इंडस्ट्रीयल ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की भी घोषणा की। साथ ही, यह भी बताया कि अक्टूबर 2018 तक सीसामऊ नाले को पूरी तरह टैप कर लिया जाएगा और उसके बाद सीसामऊ नाला भी गंगा को प्रदूषित नहीं करेगा।

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कानपुर और बिठूर में हाल में ही बने 20 घाटों का उद्घाटन कानपुर के चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी में किया। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कानपुर के सांसद श्री मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्यमंत्री डॉ सत्यपाल सिंह, उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना, उत्तर प्रदेश के प्रौद्योगिकी विकास मंत्री श्री सतीश महाना, कानपुर देहात से सांसद श्री देवेंद्र प्रताप भोले और अन्य गणमान्य मौजूद थे।

माननीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी ने कार्यक्रम में नमामि गंगे के तहत चल रहे प्रोजेक्टों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सीसामऊ और जाजमऊ के प्रोजेक्ट खत्म होने के बाद कानपुर के लोगों को प्रूदषण से राहत मिलेगी। साथ ही लोगों को नमामि गंगे अभियान से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित भी किया।

माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने विश्वास दिलाया कि कुंभ से पहले गंगा स्वच्छ कर लिया जाएगा। सभी प्रोजेक्टों को जल्द से जल्द करने का प्रयास चल रहा है।

गंगा को प्रदूषित करने वाले दो बड़े केंद्र – जाजमऊ और सीसामऊ नाले को रोकने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नमामि गंगे के तहत चल रहे प्रोजक्टों के बारे में बताया। जाजमऊ के इंडस्ट्रीयों के गंदे पानी को साफ करने के लिए नमामि गंगे ने 554 करोड़ की लागत से बनने वाले 20 एमएलडी के कॉमन इंडस्ट्रीयल एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट को मंजूरी दी है। साथ ही, वर्तमान में सीसामऊ नाले के 140 एमएलडी में से 80 एमएलडी को बिनगवान एसटीपी में भेजा जा रहा है। बचे हुए जल को अक्टूबर 2018 तक डायवर्ट कर लिया जाएगा। जाजमऊ और सीसामऊ नाले को गंगा को प्रदूषित करने से रोकने के बाद गंगा की सफाई के कार्य में अभूतपूर्व तेजी आएगी।

कानपुर में गणमान्य जनों ने 20 घाटों का उद्घाटन किया जिसमें गोला घाट, सरसैया घाट, भैरव घाट, गुप्तार घाट, कोयला घाट, मकजैन घाट, सिद्धांत घाट, भागवतदास घाट, मसाकर घाट, परमात घाट, भैरव घाट, छप्पर घाट, महिला और तुलसी राम घाट, पांडव घाट, पत्थर घाट, पंचलमेश्वर घाट, सीता घाट, भरत घाट, कौशल्या घाट और टूटा घाट शामिल है। अभी भी 4 घाट और 3 शवदाह गृह पर काम चल रहा है।

कानपुर में चल रहे नमामि गंगे के प्रोजेक्ट 

नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने कानपुर जोन (कानपुर टाउन, उन्नाव, शुक्लागंज और बिठूर) में 10 प्रोजेक्टों को स्वीकृति दी गई है।

पंखा (कानपुर), उन्नाव और शुक्लागंज में नए प्रोजेक्टों के साथ जाजमऊ और बिनगवान के पहले से बने एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) को बेहतर बनाने और उसके रखरखाव और चलाने के प्रोजेक्टों को लिया गया है। इसमें खास दो बिंदू हैं –
1. इन प्रोजेक्टों को हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के अंतर्गत लिया गया है जिसमें इनको चलाने व रखरखाव के 15 सालों का अग्रीमेंट सामिल है।
2. देश में पहली बार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को सुचारू रखने और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए वन-क्लस्टर-वन-ऑपरेटर मॉडल का अपनाया गया है।

इसके साथ जाजमऊ के 55 प्रोसेसिंग ड्रम, बंठर/उन्नाव के 25 प्रोसेसिंग ड्रम जिनकी कपैसिटी स्वीकृत सीमा से ज्यादा थी – उनको बंदकर पर्यावरण के नियमों के अनूकूल बना दिया गया है। इसके साथ इनकी लगातार मोनिटरिंग भी की जा रही है।

कानपुर और बिठूर के घाटों पर साफ-सफाई, सिल्ट को हटाने और देखभाल के लिए, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने 6.07 करोड़ की लागत के प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी है। नदी सतह पर फैले कचरे को हटाने के लिए कानपुर में ट्रैश स्कीमर चलाया जा रहा है।

कानपुर जोन में सीवेज और उसपर चल रहे प्रोजेक्टों की जानकारी

कानपुर में फिलहाल 375 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) सीवेज निकलता है। 2035 तक यह बढ़कर 460 एमलीडी हो जाएगी। कानपुर में वर्तमान सीवेज ट्रीटमेंट की कपैसिटी 457 एमएलडी है (205 एमएलडी जाजमऊ, 210 एमएलडी बिनगवान, 42 एमएलडी सजारी), 15 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनियापुरवा में बन रहा है।

कानपुर में 401 किलोमीटर लंबे सीवरेज नेटवर्क पर काम चल रहा है। 967.34 करोड़ की लागत से पंखा में 30 एमएलडी का नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और जाजमऊ और बिनगवान में पहले से बने सीवेज ट्रीटमें प्लांट के सुधार को और उसको चलाने व रखरखाव के प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है।

उन्नाव में कुल 13 एमएलडी, शुक्लागंज में 4 एमएलडी और बिठूर में 1.3 एमएलडी सीवेज का गंदा पानी निकलता है। फिर भी इन शहरों में वर्तमान में एक भी एसटीपी नहीं है। इन शहरों में निम्नलिखित प्रोजेक्टों को स्वीकृति दी गई है – बिठूर में 13.4 करोड़ की लागत से नालियों के इंटरसेप्शन और डायवर्जन का काम और 2 एमएलडी का एसटीपी, उन्नाव में 102 करोड़ की लागत से नालियों के इंटरसेप्शन और डायलवर्जन के साथ 15 एमएलडी एसटीपी का निर्माण, शुक्लागंज में 65.18 करोड़ की लागत से नालियों के इंटरसेप्शन और डायवर्जन के काम के साथ 5 एमएलडी एसटीपी का निर्माण।

नमामि गंगे कार्यक्रम

नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत सीवेज इंफ्रास्ट्रक्चर, घाट, शवदाहगृह निर्माण, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, नदी सतह की सफाई, जीव-जंतु के संरक्षण, वनीकरण और ग्रामीण स्वच्छता से जुड़े 221 प्रोजेक्टों को स्वीकृति दी गई है। इन प्रोजक्टों को पूरा करने में लगभग 22,238 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। इनमें से 58 प्रोजेक्टों को पूरा कर लिया गया है। सीवेज इनफ्रास्ट्रक्चर और नए ट्रीटमेंट प्लांट के लिए कुल 1948.18 एमएलडी के 95 प्रोजेक्टों को स्वीकृत किया गया है, 4344 किलोमीटर के सीवेज इनफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट भी इसमें शामिल है।

नमामि गंगे के तहत अब तक जितने प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, उनके खत्म होने के बाद गंगा के पांच राज्यों (उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम) में सीवेज इनफ्रास्ट्रक्चर की 2035 तक कोई समस्या नहीं आएगी।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन सिर्फ गंगा ही नहीं गंगा की सहायक नदियों पर भी काम कर रही है। अब तक यमुना, काली, राम गंगा, सरयू और कोसी में 10 प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है जिसमें 1353 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, 436 किलोमीटर का सीवरेज नेटवर्क शामिल है। इन प्रोजेक्टों को पूरा करने में कुल 3027.59 करोड़ खर्च होंगे।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन – मिशन मोड में काम करते हुए नमामि गंगे कार्यक्रम के अलग-अलग आयामों को पूरा कर रहा है। हम निर्मल और अविरल गंगा के सपने को जल्द ही पूरा करेंगे।

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