वैसे तो जम्मू-कश्मीर को धरती का जन्नत कहा जाता है। इसकी खूबसूरती देखने अलग-अलग जगह से लोग जाते है।
लेकिन वहां के लोग आज डर में है।जम्मू-कश्मीर से आय दिन आ रही खबरें सभी का दिल दहला देती हैं। हर दिन वहां की जनता का दिन-रात डर में गुजर रहा है।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में दो बिहारी प्रवासी मजदूरों की आतंवादियों द्वारा हत्या कर दी गई। गोली 3 मजदूरों पर चलाई गई थी। जिसमें से दो की मौत हो गई एक को इलाज के लिए स्थानिय अस्पताल मैं भर्ती कराया गया था।जिसके बाद अलग -अलग जगह से आए प्रवासियों में दहशत का माहौल बन गया। धीरे -धीरे सभी प्रवासी अपनी जान को बचाने के लिए अपना-अपना सामान ले जाना शुरू कर दिया। लोगों में इतनी दहशत बन गई कि काफी लोगों ने पैदल ही सफर करना शुरू कर दिया।
इससे पहले आतंकियों द्वारा श्रीनगर के एक सरकारी स्कूल में दो शिक्षकों को गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया गया। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी एक के बाद एक बेगुनाह की जान ले रहे हैं।
टेन न्यूज़ से ख़ास बातचीत में जानकारों ने कहीं ये बातें-
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा दो बिहारी प्रवासी मजदूरों की जान चली गई उसपर आपका क्या कहना है?
रिटायर्ड ब्रिगेडियर अशोक हक़ जी ने कहा यह बहुत दुख की बात है, ऐसा होना नही चाहिए था। साथ ही उन्होंने कहा ये बेहद ही शर्म की बात है कि इस तरह से शिक्षकों को मारा गया। सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए,और वहां की सरकार को इसके खिलाफ करवाई करनी चाहिए ताकि ऐसा दुबारा न हो। वहां कुछ ऎसे नेता भी है जो अपने फायदे के लिए चाहते है,की वहां उग्रवादी ड्रामा चलता रहे, ताकि लोगो में दहशत का माहौल बना रहे।
जम्मू-कश्मीर के क्रिकेटर एवं सोशल-पोलिटिकल एक्टिविस्ट सायिम्म मुस्तफा ने कहा आतंवादियों द्वारा हुए अटैक में आज से 3 साल पहले से कश्मीरी भी मर रहा है, इस समय कहा जा रहा है की जो अटैक हो रहे है वो सिर्फ गैर मुस्लिम पर हो रहे है जो कि पूरी तरह से गलत कहा जा रहा है। क्योंकि इससे पहले जो अटैक हुआ था जिसमें 28 लोग मारे गए थे। उनमें 21 मुस्लिम थे। यहां बात प्रवासी की नहीं है। यह कश्मीरी भी मारा जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर यूनाइटेड युथ मूवमेंट के संस्थापक शुजात वाणी ने कहा जब एक बेगुनाह की जान जाती है तो वो पूरी इंसानियत का कत्ल होता है। लेकिन इससे पहले बहूत से कश्मीरी भी मारे गए है।
जम्मू-कश्मीर की शांति जो कि लंबे समय तक चले उस पर आपके क्या विचार है।
रिटायर्ड ब्रिगेडियर अशोक हक़ जी ने कहा इसमें दो तरफा काम होना चाहिए। एक उग्रवादी पर सख्ती होनी चाहिए।जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं उन पर भी सख्त करवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही वहां के लोगों के लिए नौकरी, स्वास्थ्य, सुरक्षा,विकास पर भी काम करना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के क्रिकेटर एवं सोशल-पोलिटिकल एक्टिविस्ट सायिम्म मुस्तफा ने कहा जब तक किसी भी राज्य की सरकार ठीक नही होगी तब तक वहां के हालात भी ठीक नही होंगे। इस वक़्त जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी परेशानी है वो है एक अच्छी सरकार की जो वहां के लोगो का दर्द समझ सके। लेकिन इस वक़्त वहां नेता सिर्फ ये सोच रहे हैं कि चुनाव कब होंगे?। अगर वहां सिर्फ चुनाव-चुनाव की बातें होंगी तो वहां के हालात कैसे सुधरेंगे। यहां सिर्फ कुर्सी की लड़ाई है।
वहां के बच्चे जेलों में बंद है इस पर बात नहीं करेंगे तो वहां के हालात कैसे सुधरेंगे। वहां के हालात जब सुधरेंगे जब वहां के बच्चे बिना डर के स्कूल जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर यूनाइटेड युथ मूवमेंट के संस्थापक शुजात वाणी ने कहा पहले तो हमे दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच की दूरियों को कम करना होगा। कहने से दूरियां कम नही होती। वहां पर सरकार के नाम बदल गए लेकिन अंदर लोग तो वही है। वहां एक अच्छी सरकार का होना जरूरी है, वहां की शांति को बनाए रखने के लिए।