उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का बयान , दिल्ली में कोरोना के इलाज के लिए दो मॉडल हैं, एक अमित शाह दूसरा केजरीवाल वाला
Rohit Sharma
नई दिल्ली :– बहुत से मुद्दे पर आमने-सामने रहने वाली दिल्ली और केंद्र सरकार कोरोना के इलाज के प्रोटोकॉल को लेकर भी सहमति पर पहुंचती नजर नहीं आ रही हैं।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है दिल्ली में कोरोना के इलाज के दो मॉडल हैं, एक अमित शाह वाला और दूसरा केजरीवाल सरकार का। उन्होंने कहा कि अमित शाह वाले मॉडल में कोरोना मरीज को जांच के लिए क्वारंटाइन सेंटर जाना होगा, जबकि हमारे मॉडल में दिल्ली सरकार की मेडिकल टीम घर जाकर कोरोना मरीज की जांच करेगी।
सिसोदिया ने आगे कहा कि हमें ऐसा मॉडल चाहिए, जिसमें लोगों को कम परेशानी हो। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के खिलाफ संघर्ष में अमित शाह मॉडल बनाम केजरीवाल मॉडल की बात नहीं है, हमें लोगों को कम परेशानी वाली व्यवस्था लागू करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘देश के गृह मंत्री की जिम्मेदारी है कि वह एलजी साहब से कहकर इस व्यवस्था को बंद करवाएं और पुरानी व्यवस्था लागू करें। हमको वह व्यवस्था लागू करनी चाहिए, जिसमें लोगों को कम-से-कम समस्या हो। पिछले चार-पांच दिनों में लोग दुखी हो रहे हैं क्योंकि सबको क्वारंटाइन सेंटर में जांच के लिए भेजा जा रहा है।
सिसोदिया ने आज कहा, ‘दिल्ली में जो होम आइसोलेशन के नियम बदले गए हैं, उससे लोगों में डर का माहौल है और इससे व्यवस्था पर भी अतिरिक्त भार पड़ रहा है। हमें आपसी मतभेद भुलाकर मिलकर इस बीमारी से निजात पाने के लिए प्रयास करने होंगे, ताकि मरीजों को जल्द से जल्द सही और सुलभ इलाज मिल सके।
सिसोदिया ने बताया, ‘दिल्ली में कोरोना के तीन से चार हजार नए मामले रोज सामने आ रहे हैं। मंगलवार को भी करीब 4000 नए मरीज मिले हैं। इसे देखते हुए कल मैंने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर हर पॉजिटिव मरीजे को क्वारंटाइन सेंटर जाने की व्यवस्था को बदलने की मांग की थी। इस व्यवस्था के चलते मरीजों में अफरा-तफरी का माहौल है।
एलजी साहब के इस आदेश के चलते प्रशासन और स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोझ बढ़ गया है। इसकी वजह से नई परेशानियां सामने आ रही हैं, लेकिन एलजी ने अब तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है। इसे देखते हुए मैंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस व्यवस्था को जल्द से जल्द बदलने की मांग की है।’